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बेहिसाब संपत्ति का मालिक निकला सरकारी इंजीनियर, पत्नी और बेटे के नाम पर किया भारी निवेश

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पेयजल विभाग से जुड़े इंजीनियर अशोक कुमार जांगिड़ के 14 ठिकानों पर की गई इस कार्रवाई में इंजीनियर और उनके परिजनों के नाम पर कुल 54 संपत्तियां मिली हैं। ब्यूरो के करीब 250 अधिकारियों व कर्मचारियों की दो दर्जन टीमों द्वारा जयपुर शहर, पावटा, कोटपूतली, मौजमाबाद, उदयपुर, अजमेर, मालपुरा टोंक, पीएचईडी कार्यालय बांसवाड़ा, खनिज कार्यालय उदयपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर तथा उप रजिस्ट्रार कार्यालय पावटा, मौजमाबाद में विभिन्न स्थानों पर तलाशी जारी है।

सूत्रों और गुप्त सत्यापन से पता चला है कि इंजीनियर ने सरकारी सेवा में नियुक्ति के बाद करीब 11.50 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है, जो उसकी आय से 161 फीसदी अधिक है।

सामने आया है कि संदिग्ध अधिकारी ने स्वयं के नाम से 19 संपत्तियां, अपनी पत्नी सुनीता शर्मा के नाम से 3 संपत्तियां, अपने पुत्र निखिल जांगिड़ के नाम से 32 संपत्तियां, जयपुर शहर, पावटा कोटपूतली, श्रीमाधोपुर, मौजमाबाद, उदयपुर, अजमेर, मालपुरा टोंक, श्रीमोहनगढ़ एवं जैसलमेर में करीब 19 महत्वपूर्ण स्थानों पर कुल 54 अचल संपत्तियां खरीद रखी हैं तथा इनके निर्माण पर राशि खर्च की है।

इंजीनियर ने जयपुर व पावटा में अपने नाम से मकान, जयपुर में अपनी पत्नी के नाम से कमेरिया पावटा, बनीपार्क में फार्म हाउस, बिंदायका में व्यवसायिक दुकान, उदयपुर, मालपुरा, अजमेर व बूचरा पावटा में 5 खनिज पट्टे, श्रीमाधोपुर में व्यवसायिक जमीन, खनिज व ग्राइंडिंग उद्योग खरीद रखा है और इनमें करोड़ों रुपए का निवेश भी कर रखा है।

उदयपुर, मालपुरा, अजमेर एवं बुचरा पावटा स्थित खनिज पट्टों में संदिग्ध अधिकारी के पुत्र के नाम से क्रशर, पोकलेन मशीन, एलएंडटी मशीन, आईआर ब्लास्टिंग मशीन, डम्पर आदि के रूप में करोड़ों रुपए के निवेश एवं खनिज संचालन की जानकारी भी मिली है। इंजीनियर और उसके परिवार के अब तक कुल 22 बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें 21 लाख रुपये मिले हैं। इंजीनियर ने अपने बेटे और बेटी की स्कूली शिक्षा, कोचिंग और उच्च शिक्षा पर करीब 30 लाख रुपये खर्च किए हैं।

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