स्थानीय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान का विकास कार्य, जो लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था, आज भी अधूरा है। इस परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अनुसार एक साल पहले पूरा कर देना चाहिए था, लेकिन निर्माण की धीमी गति ने क्षेत्रवासियों और खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
विद्यालय का खेल मैदान लंबे समय से छात्रों और स्थानीय युवाओं के लिए खेल गतिविधियों का प्रमुख स्थल रहा है। इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर धनराशि आवंटित की थी। परियोजना का उद्देश्य न केवल छात्रों को बेहतर खेल वातावरण प्रदान करना था, बल्कि जिले में खेलों के विकास को भी बढ़ावा देना था।
स्थानीय निवासियों और खेल प्रेमियों का कहना है कि निर्माण की धीमी गति से युवा खिलाड़ी और छात्र दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। "हमने कई बार अधिकारियों से इस परियोजना की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इतनी लंबी देरी ने हमारे उत्साह को तोड़ दिया है," बताते हैं श्रीकरणपुर के एक स्थानीय खेल प्रशिक्षक।
विद्यालय प्रशासन के अनुसार, परियोजना में तकनीकी और प्रशासनिक बाधाओं के कारण देरी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि बजट, निर्माण सामग्री की आपूर्ति और ठेकेदार की समय पर उपलब्धता जैसी समस्याओं के चलते कार्य पूरी गति से नहीं चल पा रहा है। हालांकि, प्रशासन यह भी आश्वस्त कर रहा है कि जल्द ही सभी अड़चनों को दूर कर मैदान को पूरी तरह से तैयार किया जाएगा।
खेल प्रेमियों का मानना है कि क्षेत्र में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने और युवाओं को स्वस्थ गतिविधियों में व्यस्त रखने के लिए इस प्रकार की परियोजनाओं का समय पर पूरा होना बेहद जरूरी है। "अगर खेल मैदान समय पर तैयार हो जाता, तो बच्चे और युवा बेहतर प्रशिक्षण ले पाते और जिले में खेल प्रतियोगिताओं का स्तर भी बढ़ता," कहते हैं एक स्थानीय नागरिक।
शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि खेल मैदान में आधुनिक उपकरण, दौड़ने के लिए ट्रैक, बैडमिंटन और वॉलीबॉल के लिए कोर्ट, और बच्चों के लिए विभिन्न खेल सुविधाएं शामिल की जाएंगी। यह परियोजना ना केवल छात्रों के शारीरिक विकास में मदद करेगी, बल्कि उन्हें प्रतियोगी खेलों में भाग लेने का भी अवसर प्रदान करेगी।
स्थानीय लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा जल्द ही इस निर्माण कार्य की समीक्षा की जाएगी और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आगे भी देरी होती रही, तो वे उच्च अधिकारियों और मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जताएंगे।
इस तरह, श्रीकरणपुर के हाई स्कूल का खेल मैदान क्षेत्र के युवाओं और खेल प्रेमियों के लिए प्रतीक्षा का प्रतीक बन गया है। प्रशासन और ठेकेदारों पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे जल्द से जल्द मैदान को तैयार कर स्थानीय समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरें।
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