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बारिश में बांसवाड़ा बन जाता है धरती का स्वर्ग! वायरल वीडियो में जानिए टॉप मानसून डेस्टिनेशन्स, घूमने की सही जगहें और बेस्ट रूट

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दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा में मानसून के दौरान प्रकृति ने अपनी खूबसूरती की वर्षा की है। पूरा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता से खिल उठा है। हरियाली से आच्छादित पहाड़, माही बांध के बैकवाटर के अथाह जल से टापू और चारों ओर बहते झरने सभी का मन मोह रहे हैं। राजस्थान का चेरापूंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा में मानसून की पहली बारिश के बाद ही प्रकृति अपनी खूबसूरती बरसाने लगती है। हर साल की तरह इस साल भी गर्मी से तपती धरती पर मानसून की पहली बारिश होते ही यहां की आबोहवा बदलने लगी। गर्मी से सूख चुकी पहाड़ियां हरियाली की चादर ओढ़ चुकी हैं। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हरियाली फैली हुई है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को सुकून देती है।


बादलों की गोद में जगमेरु
मानसून के मौसम में बांसवाड़ा जिला मुख्यालय से जगमेरु पहाड़ी और चाचाकोटा 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर हैं। दोनों अलग-अलग जगह हैं। जगमेरु पहाड़ी बांसवाड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर है। मानसून के दौरान यह पहाड़ी बादलों की गोद में रहती है। यहाँ से माही बाँध का बैकवाटर दिखाई देता है, चारों ओर हरियाली से लदे पहाड़ और आसपास के गाँवों में बहती नदियों का प्राकृतिक दृश्य मनमोहक है।

चाचाकोटा जिले के प्रमुख पर्यटन केंद्र

चाचाकोटा, जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर, जिले का प्रमुख पर्यटन केंद्र है। माही बाँध के बैकवाटर क्षेत्र में स्थित टापुओं को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यहाँ नौकायन की भी सुविधा है। कुछ समय पहले यहाँ विकास कार्य हुए हैं, जिससे यह स्थान और भी सुंदर हो गया है।

मनमोहक झरनों का सौंदर्य
बाँसवाड़ा में मानसून की पहली बारिश के साथ ही कई पहाड़ी स्थानों से झरने बहने लगे हैं। माही बाँध से शहर की ओर कडेलिया, सिंगपुरा जलप्रपात, रानी-बानी जलप्रपात, रतलाम रोड स्थित जुआ जलप्रपात, नौगामा के पास झोला जलप्रपात, चाचाकोटा रोड स्थित काकनसेजा जलप्रपात से बहते पानी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं। रविवार और छुट्टियों के दिन इन स्थानों पर मेले जैसा माहौल रहता है। इसके अलावा, भुवद्रा, केबी हिल्स, मंगलेश्वर जैसी जगहें भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।

बांसवाड़ा कैसे पहुँचें

बांसवाड़ा दक्षिणी राजस्थान का एक ज़िला है जो गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। बांसवाड़ा मध्य प्रदेश के रतलाम से 85 किलोमीटर दूर है। जुआफाल, माही बांध का बैकवाटर और उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा महाराणा प्रताप ब्रिज इसी मार्ग पर स्थित हैं। गुजरात के पर्यटक दाहोद से राष्ट्रीय राजमार्ग 56 के ज़रिए सीधे 100 किलोमीटर की यात्रा करके यहाँ पहुँच सकते हैं। उदयपुर से बांसवाड़ा की दूरी 165 किलोमीटर है। बांसवाड़ा में रेल और हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ बस और निजी चार पहिया वाहनों से पहुँचा जा सकता है। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए जिला मुख्यालय पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। इन स्थानों पर जाने के लिए टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है।

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