आज से घटी हुई जीएसटी दरें लागू हो गई हैं. नई दरों के बाद रोज़मर्रा इस्तेमाल की कई चीज़ें सस्ती हो गई हैं.
दूध और ब्रेड जैसी ज़रूरी चीज़ें, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और जीवन रक्षक दवाएं टैक्स फ़्री हो गई हैं.
छोटी कारों, टेलीविज़न सेट और एयर कंडीशनर पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है. और हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप और शैम्पू जैसी अन्य आम वस्तुओं पर जीएसटी 12% या 18% की बजाय 5% हो गया.
पिछले महीने ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुड्स और सर्विसेज़ टैक्स यानी जीएसटी को लेकर कई बड़ी घोषणाएँ की थीं. उन्होंने बताया कि 12 फ़ीसदी और 28 फ़ीसदी दरों के स्लैब को ख़त्म कर 5 फ़ीसदी और 18 फ़ीसदी की दरों पर सहमति बनी.
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प्रधानमंत्री ने रविवार को ही देश के नाम संबोधन में जीएसटी की नई दरों को 'अगली पीढ़ी के सुधार' बताया.
पीएम मोदी ने आज एक्स पर लिखा, "इस बार नवरात्रि का यह शुभ अवसर बहुत विशेष है. जीएसटी बचत उत्सव के साथ-साथ स्वदेशी के मंत्र को इस दौरान एक नई ऊर्जा मिलने वाली है. आइए, विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों में जुट जाएं."
आज से ही नौ दिनों तक चलने वाला महोत्सव नौरात्र शुरू हो रहा है. हिंदू धर्म में इन नौ दिनों को पवित्र माना जाता है और इस दौरान लोग ख़रीदारी करते हैं.
टैक्स दरों में बदलाव को जीएसटी 2.0 कहा जा रहा है और सरकार का तर्क है कि इससे कर संहिता सरल होने और धीमी पड़ती घरेलू खपत - जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आधे से ज़्यादा हिस्सा है - को एक ज़रूरी बढ़ावा मिलेगा.
जीएसटी दरों में कटौती के बाद आज से कुछ वस्तुएं सस्ती हुई हैं और कुछ लग्ज़री प्रोडक्ट जैसे बड़ी कारों पर टैक्स बढ़ाया गया है.
आइए उन पर एक नज़र डालते हैं-
- जीएसटी को लेकर पॉपकॉर्न और पुरानी कारें क्यों चर्चा में, इससे क्या फ़र्क़ पड़ेगा
- जीएसटी में कटौती: ज़रूरी सवाल और उनके जवाब

- हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप बार, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, बटर, घी, चीज़, डेयरी स्प्रैड
- पैकेज्ड नमकीन, भुजिया मिक्स्चर, बर्तन, बच्चों की दूध पीने की बोतल, नैपकिन और डायपर
- सिलाई की मशीन और इसके पुर्जे

- हेल्थ और लाइफ़ इंश्योरेंस (जीएसटी 18 परसेंट से घटकर ज़ीरो)
- थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, डाइगनोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स (जीएसटी 5 परसेंट)

- मैप, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, कलर्स, बुक और नोटबुक, इरेजर (जीएसटी घटकर ज़ीरो)
- ट्रैक्टर टायर और इसके पुर्जे पर (जीएसटी 18 परसेंट से घटकर 5 परसेंट)
- ट्रैक्टर, बायो कीटनाशक, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, स्प्रिंकलर (जीएसटी 12 परसेंट से घटकर 5 परसेंट)

- बर्तन धोने की मशीनों, एसी मशीनों जैसे- मोटर से चलने वाले पंखे और ह्यूमिडिटी कंट्रोल करने वाले एलिमेंट पर जीएसटी 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी किया गया.
- टीवी, मॉनिटर्स, प्रोजेक्टर और सेट टॉप बॉक्सेज पर भी जीएसटी 28 से घटाकर 18 पर्सेंट किया गया.

- पान मसाला, सिगरेट, गुटखा
- एरेटेड वॉटर, कैफीनयुक्त पेय
- बड़ी और लग्ज़री कारें
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, कम करों से औसत उपभोक्ता के मासिक व्यय के एक तिहाई हिस्से को लाभ होगा और मध्यम वर्ग की ख़रीदने की क्षमता में सुधार होगा.
दरों में कटौती से सरकार को लगभग 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा.
इसके अलावा, 40 फ़ीसदी स्लैब से सरकार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है.
जीएसटी काउंसिल में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया, मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी.
केंद्रीय कर राजस्व में पहले चार महीनों में बमुश्किल ही वृद्धि हुई है, जबकि पिछले साल इसमें 20% की वृद्धि हुई थी, और खर्च पहले ही 20% से अधिक बढ़ चुका है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
- जीएसटी को लेकर पॉपकॉर्न और पुरानी कारें क्यों चर्चा में, इससे क्या फ़र्क़ पड़ेगा
- सोसाइटी मेंटेनेंस पर लगने वाले जीएसटी के बारे में जानिए- पैसा वसूल
- पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाने में दिक़्क़त क्या है?
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