जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चाशोटी इलाक़े में बादल फटने से भारी नुक़सान की आशंका जताई जा रही है.
बीबीसी संवाददाता माजिद जहांगीर ने किश्तवाड़ के डीसी के हवाले से 38 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, घटनास्थल पर फ़्लैश फ़्लड की स्थिति पैदा हुई थी. यह जगह मचैल माता यात्रा का स्टार्टिंग प्वाइंट है.
एजेंसी ने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा के हवाले से कहा कि राहत और बचाव के लिए घटना स्थल पर टीमें भेजी गई हैं.
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किश्तवाड़ डीसी कार्यालय ने बीबीसी को बताया है कि कम से कम 70 लोगों को ब्लॉक और ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से हेल्प डेस्क और कंट्रोल रूम के नंबर जारी किए गए हैं.
साथ ही सीएम उमर अब्दुल्लाह ने 15 अगस्त की शाम 'ऐट होम' टी पार्टी को रद्द कर दिया है. इसके अलावा इसके अलावा, स्वतंत्रता दिवस की सुबह होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी न करने का फैसला लिया गया है.
स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने कहा, "भारी नुक़सान होने की आशंका है. अभी यात्रा चल रही है इसलिए वहां भीड़भाड़ काफ़ी थी."
उधर, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह, एलजी कार्यालय और केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की ओर से बयान आए हैं, जिनमें भारी नुकसान होने की आशंका जताई गई है.
अभी तक क्या पता है?समाचार एजेंसी पीटीआई ने कुछ वीडियो जारी किए हैं जिसमें पानी का सैलाब दिखाई दे रहा है.
जम्मू के डिवीज़नल कमिश्नर रमेश कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "आज सुबह करीब 11.30 बजे हमें सूचना मिली कि किश्तवाड़ के चाशोटी क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई है. एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं."
उन्होंने कहा, "सभी मेडिकल टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है. तलाशी अभियान जारी है. राहत और बचाव कार्य जारी है. हम पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं. मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं."
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अतिरिक्त बचाव टीमों को घटना स्थल तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने एक्स पर लिखा, "सड़कें बह गई हैं और मौसम इतना ख़राब है कि हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं हो सकता. मैं केंद्र से कोऑर्डिनेट कर रहा हूं."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन के साथ राहत और बचाव कार्य का तालमेल किया जा रहा है.
केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया, "हम राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में मीडिया ब्रीफिंग के बीच में थे, जब मुझे जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता विपक्ष का इमरजेंसी संदेश मिला. वो किश्तवाड़ के उसी इलाक़े से विधायक भी हैं."
"वे बेहद परेशान और घबराए हुए थे. उन्होंने मुझे बताया कि उनके क्षेत्र में भीषण बादल फटने की घटना हुई है, जो इस समय होने वाली प्रसिद्ध मचैल माता यात्रा के मार्ग पर भी है. यह घटना बड़े पैमाने की है और भारी जनहानि हो सकती है, हालांकि सही आंकड़े अभी पुष्टि के लिए बाकी हैं."
मुख्यमंत्री और एलजी ने क्या कहाजम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने एक्स पर लिखा, "मैंने अभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें जम्मू के किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद की स्थिति की जानकारी दी."
"ख़बर गंभीर और सटीक है और प्रभावित क्षेत्र से सटीक व पुख़्ता जानकारी धीरे-धीरे ही मिल रही है. राहत और बचाव कार्य के लिए जम्मू-कश्मीर के भीतर और बाहर से हर संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं."
"मैं चैनलों या समाचार एजेंसियों से बात नहीं करूंगा. सरकार समय-समय पर जानकारी साझा करेगी."
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, "हम हालात पर क़रीब से नज़र बनाए हुए हैं और सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया है."
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से एक्स पर जानकारी दी गई है, "किश्तवाड़ के चाशोटी में बादल फटने की घटना से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं."
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने एक्स पर पोस्ट किया "जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है. मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्य में सफलता की कामना करती हूं."
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पोस्ट किया, "किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से प्रभावित हुए लोगों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. हम हालात पर क़रीब से नज़र रख रहे हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है. ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता दी जाएगी."
'पीएम ग्लोबल वार्मिंग को गंभीरता से लें'
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक़ अब्दुल्लाह ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लें. यह पहाड़ी क्षेत्रों में बहुत आम हो गया है. इससे निपटने के लिए किसी न किसी तरीके पर विचार करना होगा. इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि इस दुख की घड़ी में सोचें कि इसका समाधान कैसे निकाला जा सकता है."
उन्होंने कहा, "यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हमारे पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटना अब जैसे सामान्य हो गया है. आपने यह उत्तराखंड में देखा, वहां का नुकसान भी देखा. पिछले साल यह घटना रामबन में हुई थी. इस बार यह मचैल माता यात्रा के मार्ग पर हुई है. लाखों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं."
"हम उम्मीद करते हैं कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर वहां पहुंचकर घायलों को निकाल पाएं. गांवों और मंदिर क्षेत्र को नुकसान हुआ है. राहत और बचाव कार्य जारी है. हम उम्मीद करते हैं कि मृतकों की संख्या ज़्यादा न हो."
इस महीने की शुरुआत से उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश और फ़्लैश फ़्लड ने असर डाला है, जिससे हिमालयी राज्यों में भारी नुकसान हुआ है.
इस महीने के पहले सप्ताह में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि भारतीय सेना के नौ जवानों समेत 50 से ज़्यादा लोगों के लापता होने की ख़बर आई थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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