नई दिल्ली: ट्रेडिंग को अक्सर निवेश के एक तरीके के रूप में प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि यह ट्रेडिंग को व्यवस्थित तरीके से रिटर्न हासिल करने की अनुमति देता है. इसी तरह की एक ट्रेडिंग का नाम है फॉरेक्स ट्रेडिंग.फॉरेक्स ट्रेडिंग को फॉरन एक्सचेंज या एफएक्स ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है. यह ऐसी ट्रेडिंग होती है, जो एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदल देता है. यह ट्रेडिंग फॉरन एक्सचेंज मार्केट में होती है. फॉरेक्स ट्रेडिंग अक्सर फॉरन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर की जाती है, जिसमें एक ट्रेडर इस बात पर दांव लगाता है कि कोई निश्चित करेंसी डॉमेस्टिक करेंसी के मुकाबले बढ़ेगी या गिरेगी. चूंकि इस लेन-देन में कोई बीच का व्यक्ति शामिल नहीं होता है और यह पूरी तरह से ट्रेडर और प्लेटफॉर्म के बीच होता है. यदि अगर ट्रेडर इस बात पर शर्त लगाता है कि एक निश्चित करेंसी डॉमेस्टिक करेंसी के मुकाबले बढ़ेगी और अगर ऐसा होता है तो वे पहले से तय की गई राशि को कमाते है. अगर करेंसी गिरती है, तो ट्रेडर अपनी शर्त पर लगाए गए पैसों के खो देता है. क्या भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग बैन है?भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग बैन है. भारत में यह फ़ैसला अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए बैंकिंग चैनलों के दुरुपयोग को रोकने और निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए लिया गया है.हालांकि आप सीधे फॉरन एक्सचेंज मार्केट में ट्रेड नहीं कर सकते फिर भी आप स्टॉक एक्सचेंज की मदद से करेंसी में ट्रेडिंग कर सकते हैं. फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत, बाइनरी ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. लेकिन फॉरन करेंसी में ट्रेडिंग का अनुमति है, लेकिन आप इस कुछ प्रतिबंधों के साथ कर सकते हैं.उदाहरण के लिए , ट्रेडिंग के लिए बेस करेंसी भारतीय रुपये में होनी चाहिए. केवल 4 करेंसी ही ऐसी है जिन्हें आप भारतीय रुपये के साथ जोड़ सकते हैं. जिनमें अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटेन पाउंड और जापानी येन शामिल है. अगर आपको भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करनी है तो आपको सबसे पहले एक अंतरराष्ट्रीय पहुंच वाले ब्रोकर से संपर्क करना होगा, क्योंकि यह मार्केट न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो और सिंगापुर जैसी जगहों से ऑपरेट होता है.इसके बाद अपना एक फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट खोल लें और उसमें अपने फंड्स को जोड़ लें. इसके बाद आप फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं.(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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