खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने होटल और रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले पनीर की गुणवत्ता को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। FSSAI के नए नियम के बाद लोगों को यह पहचानने में आसानी होगी कि आपको परोसा गया पनीर असली है या नकली। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें होटल और रेस्टोरेंट में ग्राहकों को कृत्रिम पनीर यानी नकली पनीर परोसा जाता है। लेकिन अब उपभोक्ताओं को मिलावटी पनीर से बचने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। FSSAI के नए नियम क्या है? पनीर की शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर FSSAI द्वारा अप्रैल 2025 में नई गाइडलाइंस प्रस्तावित की गई है। ताकि नकली और मिलावटी पनीर बनाने वालों पर नकेल कसी जा सके। यह नए नियम मुख्य रूप से होटल रेस्टोरेंट और खाद्य व्यवसायों पर लागू होंगे।FSSAI के नए नियम के अनुसार अब रेस्टोरेंट और होटल या अन्य प्रकार के खाद्य व्यवसायों से जुड़े लोगों को यह स्पष्ट जानकारी देनी होगी कि पनीर का निर्माण कैसे किया गया है। यानी अगर दूध से बना पनीर है तो मेनू या नोटिस बोर्ड या लेबलिंग पर यह लिखना होगा कि पनीर में मिल्क है। यदि पनीर का निर्माण वनस्पति तेल स्टार्च या अन्य किसी प्रकार से हुए हैं तो ऐसे मामलों में लेबलिंग करनी होगी 'कंटेंस नो मिल्क'। नकली पनीर बनाने वालों पर सख्त कार्यवाही नकली पनीर की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब एफएसएसएआई ने नकली पनीर बनाने वाले और डेयरी एनालॉग की बिक्री पर सख्त कार्यवाही शुरू कर दी है। ऐसे होटल या रेस्टोरेंट को पहले निशाने पर लिया जा रहा है जहां पर नकली या मिलावटी पनीर की शिकायतें मिली है। लेबलिंग के नियमों के लिए मांगे गए हैं सुझाव सरकार ने आम जनता और स्टेक होल्डर से 60 दिनों में यानी जून 2025 तक सुझाव मांगे हैं। ताकि नकली पनीर को लेकर बनाई जा रहे लेबलिंग के नियमों को अंतिम रूप दिया जा सके। FSSAI के नए नियम के उद्देश्य ग्राहकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एफएसएसएआई के द्वारा यह फैसला लिया जा रहा है। सभी रेस्टोरेंट में एक नोटिस बोर्ड लगाना होगा जिसमें यह लिखना होगा की बिक्री के लिए इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थ जैसे पनीर असली है या नकली। इसके साथ होटल को भी अपने मेनू कार्ड में बड़े अक्षरों में यह लिखना होगा कि पनीर से बनाई गई कोई भी दिशा में पनीर असली है या कृत्रिम। ताकि उपभोक्ता उसके अनुसार अपने निर्णय ले सकें। नियमों को नहीं मानने वालों पर होगी सख्त कार्यवाहीजिन होटल या रेस्टोरेंट वाले नियमों का उल्लंघन करते पाए गए उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। रेस्टोरेंट और होटल या अन्य फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों पर निगरानी रखने के लिए एफएसएसएआई के द्वारा विशेष टीमों का भी गठन किया जा रहा है। कब तक लागू होंगे एफएसएसएआई के नियम ये नियम जून 2025 तक लागू हो सकते हैं। इसके बाद आम जनता को आसानी से यह पता चल जाएगा कि उन्हें परोसा गया पनीर असली है या कृत्रिम है। हालांकि नए नियमों के बाद नकली पनीर बनाने वालों का कारोबार मुश्किल में आ जाएगा।
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