डॉली चायवाला के बारे में तो आप जानते ही होंगे. डॉली चायवाला की असली नाम सुनील पाटिल है, जिन्हें दुनियाभर में डॉली चायवाला के नाम से ही जाना जाता है. दरअसल, कुछ युवा डॉली चायवाला से अपनी तुलना कर रहे हैं. ऐसे में यूट्यूबर अक्षत श्रीवास्तव ने युवाओं को सलाह दी है कि वह डॉली चायवाला की कामयाबी से अपनी तुलना न करें और ना ही अपने जीवन के फैसलों पर सवाल उठाएं.
शिक्षा और नौकरी बेहद जरूरी
डॉली चायवाला की सफलता को देखते हुए कुछ युवा शिक्षा और नौकरी के महत्व पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अक्षत श्रीवास्तव ने युवाओं को बताया कि शिक्षा, नौकरी और नियमित जीवन के लक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण हैं और कैसे ये उद्देश्य की भावना देते हैं. अक्षत श्रीवास्तव ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि बौद्धिक संपत्ति को पैसे के साथ मिलाना मूर्खता है. ज्यादातर लोगों को एक ढांचे, लक्ष्य और सिस्टम की जरूरत होती है. शिक्षा पूरी करना, नौकरी पाना और कॉर्पोरेट जगत में मेहनत करना, ये सभी जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं. जीवन के अलग-अलग चरणों में ये आपको आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य देते हैं. यह आपके जीवन को एक उद्देश्य से भर देता है. ऐसे में शिक्षा का काफी महत्व है.
अक्षत श्रीवास्तव ने युवाओं को समझाया कि हर किसी का रास्ता अलग होता है. डॉली चायवाला ने जो किया, वह उनके लिए सही था लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि युवाओं को अपनी शिक्षा और नौकरी को बेकार समझना चाहिए.
डॉली चायवाला शुरु कर रहे हैं डॉली की टपरी फ्रेंचाइजीदरअसल, डॉली चायवाला ने अब अपनी फ्रेंचाइजी 'डॉली की टपरी' शुरू की है, जिसे पूरे भारत से 1,600 से अधिक आवेदन मिले हैं. अब डॉली चायवाला की चाय एक ब्रांड में बदल गई है. वह कार्ट स्टॉल, स्टोर मॉडल और फ्लैगशिप कैफे के लिए फ्रेंचाइजी विकल्पों के साथ अपने ब्रांड का विस्तार कर रहे हैं.
शिक्षा और नौकरी बेहद जरूरी
डॉली चायवाला की सफलता को देखते हुए कुछ युवा शिक्षा और नौकरी के महत्व पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अक्षत श्रीवास्तव ने युवाओं को बताया कि शिक्षा, नौकरी और नियमित जीवन के लक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण हैं और कैसे ये उद्देश्य की भावना देते हैं. अक्षत श्रीवास्तव ने शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि बौद्धिक संपत्ति को पैसे के साथ मिलाना मूर्खता है. ज्यादातर लोगों को एक ढांचे, लक्ष्य और सिस्टम की जरूरत होती है. शिक्षा पूरी करना, नौकरी पाना और कॉर्पोरेट जगत में मेहनत करना, ये सभी जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं. जीवन के अलग-अलग चरणों में ये आपको आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य देते हैं. यह आपके जीवन को एक उद्देश्य से भर देता है. ऐसे में शिक्षा का काफी महत्व है.
अक्षत श्रीवास्तव ने युवाओं को समझाया कि हर किसी का रास्ता अलग होता है. डॉली चायवाला ने जो किया, वह उनके लिए सही था लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि युवाओं को अपनी शिक्षा और नौकरी को बेकार समझना चाहिए.
डॉली चायवाला शुरु कर रहे हैं डॉली की टपरी फ्रेंचाइजीदरअसल, डॉली चायवाला ने अब अपनी फ्रेंचाइजी 'डॉली की टपरी' शुरू की है, जिसे पूरे भारत से 1,600 से अधिक आवेदन मिले हैं. अब डॉली चायवाला की चाय एक ब्रांड में बदल गई है. वह कार्ट स्टॉल, स्टोर मॉडल और फ्लैगशिप कैफे के लिए फ्रेंचाइजी विकल्पों के साथ अपने ब्रांड का विस्तार कर रहे हैं.
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