लिवर सिरोसिस एक गंभीर और दीर्घकालिक लिवर रोग है, जिसमें लिवर के स्वस्थ ऊतकों में धीरे-धीरे क्षति होती है और घाव बनते हैं। यह बीमारी विभिन्न चरणों में विकसित होती है, और जब यह अंतिम चरण में पहुँचती है, तो लिवर अपनी कार्यक्षमता खो देता है। इसे डीकंपेंसेटेड सिरोसिस कहा जाता है, जिसमें लक्षण अत्यंत गंभीर हो जाते हैं।
सिरोसिस के प्रारंभिक संकेत
सिरोसिस से पहले, लिवर में फैटी लिवर की स्थिति विकसित होती है, जो इस बीमारी का प्रारंभिक संकेत है। इसे खान-पान में सुधार और नियमित व्यायाम से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अंतिम चरण में यह संभव नहीं होता और लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बन जाता है।
सिरोसिस के अंतिम चरण के लक्षण
लिवर सिरोसिस का उपचार
सिरोसिस का उपचार इसके कारण, बीमारी के चरण और शरीर की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है। डॉक्टर शारीरिक लक्षणों को दवाओं और आहार में बदलाव के माध्यम से नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं, क्योंकि सिरोसिस आमतौर पर उलटने योग्य नहीं होती।
अत्यधिक गंभीर मामलों में, लिवर ट्रांसप्लांट ही अंतिम और प्रभावी उपचार विकल्प होता है.
विशेषज्ञ से संपर्क करें
सिरोसिस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यदि इनमें से कोई भी लक्षण प्रकट होते हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय पर उचित उपचार शुरू किया जा सके और लिवर की क्षति को बढ़ने से रोका जा सके।
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