सचिन तेंदुलकर को कौन नहीं जानता? क्रिकेट के भगवान के नाम से मशहूर सचिन ने मात्र 16 वर्ष की आयु में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, वह भी पाकिस्तान के खिलाफ। लेकिन आज हम सचिन के क्रिकेट करियर की बात नहीं करेंगे, बल्कि उनके जीवन की एक दिलचस्प कहानी पर ध्यान देंगे। सचिन ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट का बल्ला थाम लिया था। क्या कभी उन्होंने क्रिकेट से हटकर जीवन में कुछ और सोचा? क्या सचिन को किसी से प्यार हुआ? आइए जानते हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सचिन की प्रेम कहानी भी उतनी ही रोमांचक है जितनी उनकी क्रिकेट यात्रा। सचिन और अंजलि के बीच प्रेम संबंध 17 साल की उम्र से शुरू हुए और 22 साल की उम्र में उन्होंने शादी कर ली। अंजलि सचिन से छह साल बड़ी हैं। आइए जानते हैं इस जोड़े की प्रेम कहानी के बारे में।
पहली नजर में प्यार
सचिन और अंजलि की पहली मुलाकात एयरपोर्ट पर हुई थी, जब सचिन इंग्लैंड से लौट रहे थे और अंजलि अपनी मां को रिसीव करने आई थीं। यह घटना लगभग 1990 की है। दोनों की नजरें मिलीं और सचिन की मासूमियत ने अंजलि को आकर्षित किया। अंजलि उस समय एक मेडिकल छात्रा थीं।
सचिन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'प्लेइंग इट माय वे' में इस मुलाकात का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि अंजलि ने उन्हें एयरपोर्ट पर देखकर 'सचिन-सचिन' चिल्लाते हुए उनका पीछा किया। उस समय सचिन की उम्र 17 साल थी और अंजलि 23 साल की थीं।
सचिन की शर्म
अंजलि ने बताया कि सचिन उस समय इतने शर्मीले थे कि उन्होंने पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। बाद में अंजलि ने सचिन का नंबर ढूंढकर उन्हें फोन किया। सचिन ने तुरंत पहचान लिया और बातचीत शुरू की।
झूठी पत्रकार बनकर मुलाकात
एक बार अंजलि सचिन से मिलने के लिए खुद को पत्रकार बताकर उनके घर पहुंच गई थीं। सचिन की मां को शक था कि वह सच में पत्रकार नहीं हैं।
प्यार के लिए अंधेरे में यात्रा
सचिन की बायोग्राफी में अंजलि ने बताया कि वह सचिन को पत्र लिखती थीं ताकि फोन के खर्च से बच सकें। एक बार न्यूजीलैंड दौरे पर सचिन से मिलने के लिए उन्होंने अंधेरे में 46 एकड़ का रास्ता पार किया।
नकली दाढ़ी का किस्सा
सचिन ने एक बार फिल्म देखने के लिए नकली दाढ़ी लगाई थी ताकि कोई उन्हें पहचान न सके। लेकिन अंततः उन्हें पहचान लिया गया और फिल्म छोड़कर बाहर निकलना पड़ा।
शादी का दिन
सचिन और अंजलि ने 24 मई, 1995 को शादी की। उस समय सचिन 22 और अंजलि 28 साल की थीं। उम्र के फासले पर सचिन ने कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा।
सच्चे प्रेम का सम्मान
सचिन ने हमेशा अंजलि के त्याग और बलिदान को सराहा है। उन्होंने अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि अंजलि ने उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह सचिन तेंदुलकर की प्रेम कहानी है, जो न केवल क्रिकेट के मैदान पर बल्कि जीवन में भी प्रेरणादायक है।
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