दिल्ली सरकार ने डीयू के 12 कॉलेजों को फंड
दिल्ली सरकार ने अपने 12 पूर्ण रूप से वित्तपोषित कॉलेजों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की तीसरी किश्त के रूप में 108 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी करने का निर्णय लिया है। अब तक, दिल्ली सरकार ने इन 12 कॉलेजों को इस वित्तीय वर्ष के लिए कुल 325 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि यह राशि शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन, कॉलेजों के रखरखाव और आवश्यक पूंजीगत व्यय के लिए दी जा रही है।
आज अनुदान राशि उन 12 कॉलेजों को जारी की गई है, जिनमें आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, बी. आर. अम्बेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, इंदिरा गांधी कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज, और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस शामिल हैं।
शिक्षण संस्थानों को समय पर मिलेगी वित्तीय सहायताआशीष सूद ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि सभी शिक्षण संस्थानों को समय पर पर्याप्त वित्तीय सहायता मिले, ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों में कोई रुकावट न आए। सरकार दिल्ली के उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस राशि के वितरण से कॉलेजों की वित्तीय और शैक्षणिक स्थिति में सुधार होगा।
पिछली सरकारों की देरी से छात्रों का हुआ नुकसानशिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें इन कॉलेजों को या तो अनुदान राशि नहीं देती थीं या समय पर राशि जारी नहीं करती थीं, जिससे छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। हमारी सरकार ने आते ही सभी शिक्षण संस्थानों में बुनियादी सुविधाओं का मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षण संस्थान वित्तीय रूप से मजबूत नहीं होंगे, तो उनमें योग्य विद्यार्थी नहीं बन पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इन 12 कॉलेजों के लिए अनुदान राशि जारी कर मुख्यमंत्री ने इन्हें दिवाली का उपहार दिया है।
पिछली सरकारों की उपेक्षा से जर्जर हुई व्यवस्थाउन्होंने आगे कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की निष्क्रियता के कारण दिल्ली के शिक्षण संस्थान उपेक्षा का शिकार रहे। वे काम न करने के बहाने तलाशते थे और राजनीतिक लाभ के लिए ही कार्य करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में इन कॉलेजों के ढांचागत विकास और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण इन कॉलेजों की स्थिति खराब होती गई।
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि इन सभी 12 कॉलेजों में बिल्डिंग के रखरखाव, बिजली-पानी की सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए दिल्ली सरकार ने लगभग 24 करोड़ रुपये की राशि जारी की है, जिससे इन कॉलेजों में सुविधाओं का विकास प्राथमिकता के आधार पर किया जा सकेगा.
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