पाकिस्तान के बच्चे ने बनाया अजीबोगरीब प्रोजेक्टImage Credit source: Social Media
दुनिया के कई छोटे देशों में बच्चों को विज्ञान और तकनीक की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है, जबकि कुछ विकासशील देशों में पुरानी और कट्टर सोच का प्रभाव बना हुआ है। पाकिस्तान इस संदर्भ में एक प्रमुख उदाहरण है, जहां कई स्कूलों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के बजाय डर और अंधविश्वास सिखाए जा रहे हैं। इस प्रकार की शिक्षा बच्चों के विचारों को सीमित कर रही है और उनके भविष्य को अंधकार में डाल रही है।
हाल ही में पाकिस्तान के एक स्कूल से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसे माहौल में बड़े होने वाले बच्चे भविष्य में क्या सोचेंगे। इस वीडियो में बच्चे कयामत के दृश्य दिखाने वाले प्रोजेक्ट्स बना रहे हैं, जो विज्ञान या तकनीक के प्रयोगों के बजाय विनाश की कल्पनाओं पर आधारित हैं।
कयामत के दिन का भयावह दृश्य
वीडियो में एक छात्र अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत करते हुए कहता है कि एक दिन पूरी दुनिया नष्ट हो जाएगी। वह बताता है कि समुद्र से आग की लपटें उठ रही हैं, सूरज काला हो चुका है, और हर ओर तबाही का मंजर है। सड़कें जल रही हैं, इमारतें ध्वस्त हो चुकी हैं, और आसमान के तारे धरती पर गिर रहे हैं।
यह सब सुनकर कोई भी व्यक्ति चौंक जाएगा। जबकि अन्य देशों में बच्चे रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेस साइंस जैसे विषयों की ओर प्रेरित हो रहे हैं, पाकिस्तान के स्कूलों में बच्चों को डर और विनाश की कहानियों में उलझाया जा रहा है। यह न केवल उनकी सोच को सीमित करता है, बल्कि उन्हें उस दिशा से भी दूर ले जाता है जहां वे समाज के लिए उपयोगी बन सकते थे।
वीडियो देखें
शिक्षा का असली उद्देश्य बच्चों में जिज्ञासा और सोचने की क्षमता को विकसित करना है। लेकिन जब शिक्षा भय और कट्टरता से भरी हो, तो यह बच्चों की मानसिकता को सीमित कर देती है। ऐसे विचार न केवल व्यक्तिगत विकास को रोकते हैं, बल्कि समाज को भी पीछे धकेलते हैं। जो बच्चे आज विज्ञान और तकनीक से दूर हैं, वे कल अपने देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन सकते हैं।
पाकिस्तान के इस वीडियो ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य क्या होना चाहिए—डर पैदा करना या ज्ञान देना? जब बच्चे स्कूल में कयामत और तबाही की बातें सुनेंगे, तो उनके मन में भविष्य के प्रति सकारात्मक सोच कैसे विकसित होगी?
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