कांग्रेस सांसद शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में 7 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आगामी वर्ष के लिए चर्चा के विषयों को निर्धारित करने के उद्देश्य से थी। सदस्यों ने वैश्विक अनिश्चितता के संदर्भ में भारत की व्यापार कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर गहन चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, कुछ सदस्यों ने भारत-चीन और भारत-बांग्लादेश संबंधों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की मांग की।
थरूर का बयान
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, थरूर ने कहा कि वर्ष के लिए एजेंडा तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसे मंजूरी नहीं देते, तब तक वह इस पर विस्तार से नहीं बोल सकते। थरूर ने कहा, 'हमने वर्ष के लिए एजेंडा अपनाया है। जब तक अध्यक्ष इसे मंजूरी नहीं देते, मैं इस बारे में बात करने के लिए स्वतंत्र नहीं हूं।'
समिति की संरचना
यह बैठक 2 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा समिति के पुनर्गठन के बाद पहली बार आयोजित की गई थी। समिति में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें 20 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं। शशि थरूर के अलावा, अन्य सदस्यों में डी के अरुणा, विजय बघेल, मितेश पटेल बकाभाई, और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं।
समिति का इतिहास
विदेश मामलों पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति का गठन पहली बार 8 अप्रैल, 1993 को किया गया था। यह समिति संबंधित मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर विचार करती है और सदन को रिपोर्ट प्रस्तुत करती है। समिति विभिन्न विषयों पर विस्तृत जांच भी कर सकती है, जैसे पासपोर्ट सुविधाएं और भारत-पाकिस्तान संबंध।
पिछली बैठक की जानकारी
समिति की पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी, जिसमें विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने 'भारत-श्रीलंका संबंध और आगे का रास्ता' विषय पर जानकारी दी थी। लोकसभा ने 2 अक्टूबर को कई संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया था।
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