स्वदेशी हथियारों ने मचाया धमाल
भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल पाकिस्तान के हमले का जवाब था, बल्कि यह भारतीय हथियारों की क्षमता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी बना। इस ऑपरेशन ने भारत को एक प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में स्थापित करने में मदद की है। भारतीय सेना को अपने निर्मित हथियारों को वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में परखने का मौका मिला है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत, भारत अब केवल हथियारों का आयातक नहीं रहना चाहता, बल्कि वह अपने उत्पादित हथियारों को अन्य देशों को बेचने की दिशा में भी बढ़ रहा है। पहले भारत अधिकतर हथियार विदेशों से खरीदता था, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। इस ऑपरेशन के बाद, कई देशों ने भारतीय निर्मित हथियारों में रुचि दिखाई है, जिसमें हाल ही में फ्रांस ने भी शामिल किया है।
स्वदेशी हथियारों की प्रभावशीलता इन स्वदेशी हथियारों ने मचाया धमाल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने विभिन्न देशों के हथियारों के साथ-साथ अपने निर्मित हथियारों का भी उपयोग किया। इस चार दिवसीय संघर्ष ने भारतीय निर्मित हथियारों को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया।
1. आकाश मिसाइल सिस्टमयह एक ऐसा मिसाइल सिस्टम है जो दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है। इसे भारतीय सेना और वायुसेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया है। इसकी विशेषता यह है कि यह एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। अर्मेनिया ने 2022 में 15 आकाश सिस्टम का ऑर्डर दिया था, और अब अन्य देश भी इसे खरीदने के इच्छुक हैं।
2. एंटी-ड्रोन D-4 सिस्टमयह सिस्टम DRDO द्वारा विकसित किया गया है और पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम करने में सफल रहा है। यह ड्रोन को पहचानने, रोकने और जरूरत पड़ने पर गिराने में सक्षम है।
3. नागस्त्र-1 और स्काईस्ट्राइकर (सुसाइड ड्रोन)इस ऑपरेशन में भारत ने ऐसे ड्रोन का भी उपयोग किया जो सीधे दुश्मन पर हमला करते हैं। नागस्त्र-1 को नागपुर की एक कंपनी ने विकसित किया है, जबकि स्काईस्ट्राइकर भारत और इज़राइल की साझेदारी में बना है।
4. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलयह भारत की सबसे तेज और घातक मिसाइल मानी जाती है। इसका उपयोग पाकिस्तान के एयरबेस पर किया गया, जिससे उनकी हवाई ताकत को बड़ा झटका लगा। इसे पहले ही कई देशों को बेचा जा चुका है।
फ्रांस की रुचि फ्रांस को भा गए भारत के हथियार
हाल ही में, फ्रांस के सेना प्रमुख जनरल पियरे शिल ने भारतीय हथियारों में रुचि दिखाई। उन्होंने ‘पिनाका रॉकेट सिस्टम’ की तारीफ की, जो लंबी दूरी तक दुश्मन को निशाना बना सकता है। जनरल शिल ने कहा कि वह अपनी सेना के लिए भारतीय सिस्टम को देखने में रुचि रखते हैं।
भारतीय हथियारों की वैश्विक मांग दुनिया झुक रही है भारत के हथियारों के आगे
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय हथियारों की मांग में तेजी आई है। इसके पीछे कई कारण हैं।
1. युद्ध में खुद को साबित कर चुके हैंये हथियार अब वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में प्रभावी साबित हुए हैं।
2. कम कीमत, जबरदस्त ताकतभारतीय हथियार पश्चिमी देशों की तुलना में सस्ते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।
3. डिपेंडेंसी नहीं, भरोसेमंद सप्लाईभारत के अधिकांश सिस्टम स्वदेशी हैं, जिससे अन्य देशों को भरोसा मिलता है कि उन्हें निरंतर सप्लाई मिलेगी।
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