विदेश मंत्री एस जयशंकर.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर 'टैरिफ में अस्थिरता' व्यापार को प्रभावित कर रही है। उन्होंने यह टिप्पणी वाशिंगटन की नीति के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधानों पर की। जयशंकर ने एक कार्यक्रम में भू-राजनीतिक परिवर्तनों के रणनीतिक परिणामों पर चर्चा की, जिसमें वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का एक तिहाई हिस्सा एक ही स्थान पर स्थानांतरित होना शामिल है, जिसका मुख्य निशाना चीन था।
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में बदलाव की तीव्रता और उसके प्रभावों पर विचार करना आवश्यक है। एक तिहाई वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग एक ही भौगोलिक क्षेत्र में स्थानांतरित हो गई है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं पर प्रभाव पड़ रहा है।
वैश्वीकरण के खिलाफ बढ़ती भावनाएंजयशंकर ने अमेरिका की टैरिफ नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि कई समाजों में वैश्वीकरण के खिलाफ भावनाएं बढ़ रही हैं। टैरिफ में अस्थिरता के कारण व्यापार गणनाएं प्रभावित हो रही हैं। यह संबोधन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विद्यालय द्वारा आयोजित पहले अरावली शिखर सम्मेलन में दिया गया।
भारत-सोवियत संबंधों का महत्वएक छात्र के प्रश्न पर कि क्या भारत की विदेश नीति किसी पर निर्भर है या स्वतंत्र, उन्होंने कहा कि यह कुछ हद तक निर्भर और स्वतंत्र दोनों है। उन्होंने कहा कि अतीत में, भारत-सोवियत संबंधों का निर्माण हमारे राष्ट्रीय हित में किया गया था। उस समय हम अमेरिका-पाकिस्तान-चीन त्रिकोण में थे। उस समय तटस्थ रहना संभव नहीं था।
उन्होंने कहा कि आज भी कई बार अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का हवाला देकर दबाव डाला जाता है। उन्होंने सवाल किया कि जब ये सिद्धांत हमारे लिए लागू होते थे, तब अन्य देश कहां थे? उन्होंने कहा कि अंततः राष्ट्रीय हित हर चीज से ऊपर है।
भारत और अमेरिका के संबंधों में गिरावटजयशंकर की टैरिफ अस्थिरता पर टिप्पणी भारत और अमेरिका के संबंधों में गिरावट के बीच आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में व्यापक बदलाव आया है, अमेरिका जीवाश्म ईंधन का प्रमुख निर्यातक और चीन नवीकरणीय ऊर्जा का प्रमुख निर्यातक बन गया है।
दुर्लभ मृदा और खनिजों के लिए प्रतिस्पर्धाजयशंकर ने कहा कि बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गई हैं। नए कनेक्टिविटी रास्ते उभर रहे हैं, जिनमें से कुछ रणनीतिक उद्देश्यों के लिए हैं। उन्होंने प्रतिबंधों के उपयोग, संपत्तियों की जब्ती और क्रिप्टो के आगमन को वैश्विक वित्तीय परिदृश्य को बदलने वाले तत्वों के रूप में सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जबकि टेक्नोलॉजी नियंत्रण और भी कड़े हो गए हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत को इस अस्थिरता के बीच रणनीति बनानी होगी और आगे बढ़ना जारी रखना होगा।
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