भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) की संख्या लगातार बढ़ रही है, और यह सिलसिला 2025 में भी जारी रहने की संभावना है। BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के CEO सुंदररामन राममूर्ति ने हाल ही में जानकारी दी कि इस वर्ष 90 से अधिक कंपनियों ने आईपीओ के लिए आवेदन किया है।
इन कंपनियों द्वारा जुटाई जाने वाली कुल राशि 1 लाख करोड़ रुपये के आसपास होने का अनुमान है।
1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उम्मीद
वर्तमान में दाखिल किए गए ड्राफ्ट दस्तावेजों के अनुसार, 1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई जा सकती है। इसके अलावा, और भी कंपनियों के आईपीओ लाने की संभावना है, जिससे इस वर्ष 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी आने की उम्मीद है।
पिछले वर्ष 2024 में, BSE और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर 91 बड़ी कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से सार्वजनिक होने का निर्णय लिया। प्राइम डेटाबेस के अनुसार, इन कंपनियों ने 1.6 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
BSE की बढ़ती कमाई
कुल सार्वजनिक इक्विटी फंड दोगुना हो गया है, और 3.73 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की रुचि बढ़ी है, और आईपीओ का दौर जारी रहेगा। राममूर्ति ने बताया कि आईपीओ की बढ़ती संख्या में अधिक ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल हैं।
OFS में कंपनियां मौजूदा शेयरधारकों से शेयर बेचती हैं, नए शेयर जारी करके पूंजी नहीं जुटातीं। राममूर्ति का मानना है कि OFS का प्रतिशत कम होना चाहिए और कंपनियों को नए शेयर जारी करके अधिक पूंजी जुटानी चाहिए।
नए नियमों का प्रभाव
ईस्ट इंडिया सिक्योरिटीज के अनुसार, 2024-25 की पहली छमाही में BSE ने लिस्टिंग फीस के माध्यम से 1.57 अरब रुपये की कमाई की, जो पिछले वर्ष की 1.3 अरब रुपये की फीस से अधिक है।
हालांकि, आईपीओ से होने वाली कमाई में कुछ कमी आ सकती है, क्योंकि भारतीय बाजार में डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए नए और कड़े नियम लागू किए गए हैं। सितंबर से इन नए नियमों के कारण डेरिवेटिव ट्रेडिंग में 40 प्रतिशत की कमी आई है।
BSE की कमाई बढ़ाने की योजनाएं
इस वर्ष अप्रैल से लागू होने वाले छह नए नियमों का भी बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है। BSE अपनी आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए नए योजनाओं पर काम कर रहा है। इसके तहत 15 नए इंडेक्स लॉन्च किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, BSE हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए को-लोकेशन सेवाओं का विस्तार कर सकता है। इससे BSE का कारोबार और आय बढ़ सकती है, और 2025 में भारतीय शेयर बाजार के लिए और भी बड़े अवसर खुल सकते हैं।
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