शिलाजीत हिमालय पर पाया जाने वाला वो खजाना है जिसकी तलाश में हर कोई रहता है. ऐसा इसलिए क्यूंकि इसके अनगिनत फायदे हैं. शिलाजीत का सेवन करने से शरीर की लाखों समस्या दूर हो जाती हैं. लेकिन एक बड़ी समस्या ये है कि शिलाजीत कहीं असली मिलता है तो कहीं नखली. ज्यादातर लोगों को शिलाजीत के नाम पर कुछ भी दे दिया जाता है या मिलावटी शिलाजीत दिया जाता है. आयुर्वेद में शिलाजीत का सेवन से शारीरिक तंदुरुस्ती देने वाली जड़ी-बूटी माना जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको खाते ही चीते जैसी फुर्ती आ जाएगी.
शिलाजीत से भी ज्यादा शक्तिशालीजंगलों में एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी-बूटी पाई जाती है, जिसे शिलजीत का भी बाप कहा जाता है. इस जंगली जड़ी बूटी का नाम है- अश्वागंधा. जी हां अश्वगंधा का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद तौर पर होता आ रहा है. अश्वगंधा विथानिया सोम्नीफेरा नाम के एक छोटे सदाबहार झाड़ी में मिलता है. ये झाड़ी एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ इलाकों में ही पाया जाता है. भारत के पश्चिमोत्तर इलाकों जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, हिमाचल और यूपी में ही इसकी खेती की जाती है.
आसानी से उपलब्धवहीँ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आयुर्वेद में अश्वागंधा का इस्तेमाल उम्र बढ़ाने, शरीर में ऊर्जा बढ़ाने, स्ट्रेस को कम करने, कब्ज से छुटकारा पाने में किया जाता है. ये खबर उनके लिए है जिसे शिलाजीत आसानी से नहीं मिलती. वहीँ अश्वगंधा ऐसी जड़ी-बूटी है जो आपके इलाके में आसानी से मिल जाएगी और आपको शिलाजीत से कई ज्यादा स्वस्थ महसूस कराएगी.
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