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Car Tips: सफर में रखें ये 5 सावधानियां, नहीं टूटेगी कार की विंडशील्ड

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विंडशील्ड कार के यात्रियों को तेज हवा, बारिश और उड़ने वाले कणों (डिब्रिस) से बचाती है. अगर विंडशील्ड में दरार या नुकसान हो जाता है, तो कार के अंदर बैठे लोगों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ जाता है. अगर दरार छोटी हो तो उसे रिपेयर या बदलवाया जा सकता है, लेकिन बेहतर है कि पहले से सावधानी बरती जाए. यहां कुछ ज़रूरी टिप्स दिए गए हैं जिनसे आप विंडशील्ड को क्रैक या डैमेज होने से बचा सकते हैं.

1. सुरक्षित दूरी बनाए रखें

जब भी हाईवे पर ड्राइव कर रहे हों, तो हमेशा अपने आगे चल रही गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, खासकर ट्रक और बस जैसी बड़ी गाड़ियों से. ऐसा इसलिए क्योंकि इन गाड़ियों के टायर से छोटे-छोटे पत्थर या कण उड़कर आपकी कार के विंडशील्ड से टकरा सकते हैं, जिससे दरार पड़ सकती है. कई बार ट्रक की बॉडी से भी सामान या कंकड़ गिर जाते हैं, जो कांच को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

2. कच्ची या निर्माणाधीन सड़कों पर सावधानी से चलें

अगर संभव हो, तो कच्ची या कंस्ट्रक्शन वाली सड़कों पर गाड़ी चलाने से बचें. अगर वहां से गुजरना जरूरी हो, तो धीरे चलाएं ताकि पत्थर तेज़ी से उछलकर आपकी कार के शीशे से न टकराएं. तेज रफ्तार पर ऐसे पत्थर कांच को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.

3. कार को छाँव में पार्क करें

धूप और तापमान विंडशील्ड को नुकसान पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. सीधी धूप में खड़ी कार का शीशा ज्यादा गर्म हो जाता है और अगर तापमान में बहुत ज्यादा अंतर हो (अंदर ठंडा, बाहर गर्म या उल्टा), तो कांच में दरारें पड़ सकती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्मी में कांच फैलता है और ठंड में सिकुड़ता है.

4. विंडशील्ड प्रोटेक्शन फिल्म लगवाएं

जिस तरह हम अपने मोबाइल की स्क्रीन को बचाने के लिए स्क्रीन गार्ड लगाते हैं, उसी तरह कार पर विंडशील्ड प्रोटेक्शन फिल्म लगाना भी फायदेमंद होता है. यह एक पारदर्शी परत होती है जो पत्थरों या उड़ने वाले कणों से सुरक्षा कवच का काम करती है. कुछ महंगी फिल्मों में सेल्फ-हीलिंग (खुद ठीक होने) की क्षमता भी होती है, यानी हल्की चोट लगने पर यह अपने आप ठीक हो जाती हैं.

5. वाइपर की हालत जांचते रहें

हमेशा यह देखें कि वाइपर ब्लेड अच्छी स्थिति में हों. अगर वाइपर पुराने या घिसे हुए हैं, तो वे विंडशील्ड पर खरोंचें (स्क्रैच) डाल सकते हैं, जो धीरे-धीरे क्रैक या नुकसान का कारण बन सकती हैं. इसलिए समय-समय पर वाइपर बदलते रहें.

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