घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। जब जेब में नगदी पैसे नहीं होते हैं तो इंसान बैंक से लोन लेकर अपने नए घर के सपने को पूरा करता है। बैंक लोगों को एक निश्चित ब्याज दर के आधार पर लोन देता है। लेकिन यदि आप ने नोटिस किया हो तो सबके घर बनवाने वाला बैंक खुद किराए की बिल्डिंग में अपना संचालन करता है।
किराए की बिल्डिंग में क्यों चलते हैं बैंक?अधिकतर बैंक का खुद का कोई भवन नहीं होता है। वह किसी किराए की बिल्डिंग लेकर ही उसमें अपनी गतिविधियां करता है। बस बहुत कम और कुछ बड़े और रीजनल ऑफिस की गिनी चुनी ऐसी ब्रांचे जरूर हैं जिनकी खुद की प्रॉपर्टी है। लेकिन बाकी सभी किराए की प्रॉपर्टी से ही काम चलाते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि कहीं ऐसा तो नहीं मकान बनाने की तुलना में किराए के मकान में रहना बैंक के लिए फायदेमंद है? एक सवाल ये भी आता है कि जब बैंक किसी को लोन देता है तो वह भी प्रॉपर्टी के आधार पर उसे पास करता है। फिर खुद बैंक के किराए के मकान में रहने की क्या वजह हो सकती है? अब लाख टके का सवाल ये उठता है कि आखिर दूसरों को होम लोन देने वाला बैंक खुद किराए के घर में क्यों रहना पसंद करता है? आखिर इसकी क्या वजह है? चलिए जानते हैं।
यह है असली वजहइसका जवाब बहुत ही सिंपल है। पहली बात तो बैंक की कोई ऐसी पॉलिसी या नियम नहीं है कि आपको किराए के मकान में ही संचालन करना है। वहीं इसके पीछे कोई बिजनेस से जुड़ा लॉजिक भी नहीं है। बस ये एक बहुत पुरानी परंपरा है जो सालों से चलती या रही है। इसलिए बैंक आज भी इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
शुरुआती दौर में जब बैंक खुले थे तो अपनी बिल्डिंग नहीं होने की वजह से बैंक को किराए के मकान में काम करना पड़ा था। बाद में सभी बैंकों ने इस परंपरा की तरह स्वीकार कर लिया। वैसे भी बैंक काम मुख्य काम कम ब्याज दर पर पैसे लेना व ऊंची ब्याज दर पर उधार देना है। वह जमाकर्ताओं के पैसे से स्थायी संपत्ति में निवेश करने का काम नहीं करता है। इसलिए बैंक यही प्रयास करता है कि वह किराये की बिल्डिंग में ही अपना कार्यालय चलाए।
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि बैंक को अपनी इस परंपरा को छोड़ना चाहिए। उन्हें किराए के मकान की बजाय अपनी खुद की प्रॉपर्टी में संचालन करना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में भी ग्राम पंचायत और आंगनवाड़ी के भी अपने खुद के भवन होते हैं। फिर बैंक इसमें इतना पिछड़ा हुआ क्यों है?
You may also like
लियोनेल मेसी ने जीता 2025 एमएलएस गोल्डन बूट
AQI In Delhi: न पंजाब में जल रही पराली और न अभी दिवाली के पटाखे ही छुड़ाए गए, फिर भी दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर क्या इस वजह से पहुंचा?
कतर ने किया ऐलान, पाकिस्तान-अफगानिस्तान तत्काल संघर्षविराम पर सहमत
AUS vs IND: हम पवेलियन में खड़े होते हैं... कमबैक में रोहित और विराट फेल, सोशल मीडिया पर जमकर हो रहे ट्रोल
चंदन तो सिर्फ छलावा है, ये है दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी, 5-6 किलो में तो आ जाएगी BMW कार