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भारत-ब्रिटेन एफटीए से किन-किन सेक्टरों को मिलेगा फायदा, जानिए

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नई दिल्ली, 7 मई . भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) का ऐलान हो चुका है. इससे परिधान, ऑटो कंपोनेंट, कालीन और समुद्री उत्पादों जैसे सेक्टरों को फायदा होगा.

भारत से बुने हुए परिधानों का निर्यात 2027 तक बढ़कर 1,616 मिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है, जिसका वर्तमान निर्यात मूल्य 753 मिलियन डॉलर है. एफटीए से इस सेक्टर पर 9 प्रतिशत की ड्यूटी हटेगी.

घरों की साज-सज्जा से जुड़े सामानों का निर्यात 2027 तक 276 मिलियन डॉलर से दोगुना होकर 477 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है. वहीं, कालीन उद्योग का निर्यात 102 मिलियन डॉलर से बढ़कर 185 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है. इस उद्योग को ड्यूटी में 8 प्रतिशत की छूट का फायदा मिलेगा.

फुटवियर इंडस्ट्री को भी इस डील से फायदा मिलेगा. 2027 तक ब्रिटेन को निर्यात 545 मिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है, जो कि पहले 279 मिलियन डॉलर था. एफटीए से टैरिफ में 7 प्रतिशत की कमी आएगी.

भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए की डील से ऑटो कंपोनेंट और व्हीकल सेक्टर को भी फायदा मिलेगा. ऑटो पार्ट्स का निर्यात बढ़कर 572 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, जो कि पहले 286 मिलियन डॉलर था. इस डील के तहत सेक्टर पर 8 प्रतिशत का टैरिफ कम हुआ है.

समुद्री उत्पादों पर टैरिफ में 8 प्रतिशत की कमी हुई है और झींगा एवं मछली का निर्यात 2027 तक 185 मिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है, जो कि मौजूदा समय में 107 मिलियन डॉलर है.

ऑर्गेनिक केमिकल का निर्यात 2027 तक बढ़कर 966 मिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है, जो कि मौजूदा समय में 420 मिलियन डॉलर था.

एल्युमीनियम उत्पादों के निर्यात में भी बढ़ोतरी हो सकती है और निर्यात बढ़कर 200 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 102 मिलियन डॉलर है.

भारत-ब्रिटेन एफटीए से देश से यूके होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर जीरो शुल्क लगेगा. इसके बदले में भारत धीरे-धीरे ब्रिटेन के 90 प्रतिशत सामानों से शुल्क हटा देगा और अगले दशक में 85 प्रतिशत सामान टैरिफ मुक्त हो जाएंगे.

माना जा रहा है कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार 60 अरब डॉलर से दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

एबीएस/

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