New Delhi, 6 अक्टूबर . कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाल के विदेश दौरे और उनके बयानों ने एक बार फिर Political गलियारों में हलचल मचा दी है. कोलंबिया यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए, जिस पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने कड़ा एतराज जताया है. इस मुद्दे पर से एक विशेष साक्षात्कार में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के बयानों, जेन-जी के कथित विद्रोह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोध, सेना पर टिप्पणियों और सामाजिक सौहार्द जैसे मुद्दों पर बेबाक राय रखी.
सवाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोलंबिया के बाद पेरू गए हैं और वहां भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं. आपका इस पर क्या कहना है?
जवाब: राहुल गांधी के बार-बार विदेश दौरे मेरे लिए कोई विशेष मायने नहीं रखते और न ही मैं इसमें व्यक्तिगत रुचि रखता हूं. लेकिन विपक्ष के नेता के तौर पर जब वह विदेशों में भाषण देते हैं तो हम उसे गंभीरता से सुनते हैं. वह India में Lok Sabha में विपक्ष के नेता हैं. अगर वह विदेश जाकर भारतीय लोकतंत्र और India की व्यवस्था के खिलाफ बोलते हैं और यह कहते हैं कि India वैश्विक नेतृत्व करने में सक्षम नहीं है, तो यह चिंता का विषय है. इससे दुनिया में गलत संदेश जाता है कि India में राहुल गांधी जैसे लोग हैं. हालांकि, सच्चाई यह है कि उनके जैसे विचार रखने वाले लोग देश में बहुत कम हैं. उनके बयान आपत्तिजनक हैं और उन्हें सोच-समझकर बोलना चाहिए.
सवाल: राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, भारतीय लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हैं. इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब: हमारे देश में कई विपक्षी नेता हुए हैं, चाहे वे कांग्रेस से हों या भाजपा से. अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, जसवंत सिंह, अरुण जेटली जैसे नेताओं ने विपक्षी नेता के रूप में जिम्मेदारी निभाई. एक उदाहरण देना चाहूंगा: जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं और विदेश दौरे पर गई थीं, तो उनसे India में उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे विदेश में India Government के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगी. लेकिन राहुल गांधी पहले ऐसे विपक्षी नेता और सांसद हैं जो विदेश जाकर देश के खिलाफ बोलते हैं और जहर उगलने का काम करते है. यह बेहद दुखद और निराशाजनक है.
सवाल: India में जेन-जी के जरिए नेपाल या बांग्लादेश जैसे विद्रोह की बात की जा रही है. इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: कुछ लोग India में विद्रोह भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि नेपाल और बांग्लादेश में देखा गया. राहुल गांधी ने जेन-जी के बारे में जो कहा, उस पर मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि India की युवा पीढ़ी समझदार है. उन्होंने राहुल गांधी को तीन बार खारिज किया है. हमारी जेन-जी परिवारवाद के खिलाफ है और Prime Minister Narendra Modi के साथ खड़ी है. कांग्रेस ने लंबे समय तक देश को लूटने का काम किया, जिसके खिलाफ युवा पीढ़ी है. मोदी Government में भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है. अगर कोई भ्रष्टाचार करता है, तो Prime Minister उसे तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देंगे. मोदी Government में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है. जेनरेशन-जेड का आक्रोश कांग्रेस की नीतियों और परिवारवादी सोच के खिलाफ है.
सवाल: जेएनयू में आरएसएस के पथसंचलन का विरोध हो रहा है. क्या स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरएसएस के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए?
जवाब: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक सामाजिक संगठन है. जो लोग इसे नहीं जानते, उनसे मैं अपील करता हूं कि वे इसकी वास्तविकता को समझें. आरएसएस जैसा संगठन दुनिया में कहीं नहीं है. इसके प्रचारक अपना पूरा जीवन देश और समाज की सेवा में समर्पित करते हैं. मैंने भी जब आरएसएस को करीब से जाना, तो मुझे लगा कि देशसेवा के लिए इससे बेहतर कोई संगठन नहीं है. युवा पीढ़ी को आरएसएस को समझने की इच्छा रखनी चाहिए. जब लोग इस संगठन की शक्ति को समझ लेंगे और इसे अपनाएंगे तो India निश्चित रूप से वैश्विक महाशक्ति बन जाएगा.
सवाल: उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कह रहे हैं कि उन्हें सीडीएस और वायुसेना प्रमुख पर भरोसा नहीं है. इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: यह बेहद दुखद है. जब हमारी सेना Pakistan के खिलाफ जवाब देती है, तो उससे पहले कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल हमारी सेना पर ही हमला बोल देते हैं. जब Pakistan झूठ बोलता है तो हमारी सेना उसका जवाब देती है, लेकिन उससे पहले कांग्रेस और वामपंथी हमारी सेना को निशाना बनाते हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है? कांग्रेस Government का विरोध करते-करते अब देश का विरोध करने लगी है. जो लोग सेना के खिलाफ और Pakistan की भाषा बोलते हैं, उन्हें देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी. उनके लिए सत्ता में आना एक सपना है, जो जनता कभी पूरा नहीं होने देगी.
सवाल: ‘आई लव मोहम्मद’ के मुद्दे पर कांग्रेस के नेता संवेदनशील हैं और इसकी वकालत कर रहे हैं. इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: मैं अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री हूं. हमारे देश में अल्पसंख्यक हों या बहुसंख्यक, सभी को संविधान के तहत समान अधिकार प्राप्त हैं. Prime Minister Narendra Modi ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत में विश्वास रखते हैं. जब से मैंने यह जिम्मेदारी संभाली है, मैं हर समुदाय के लोगों से मिलता हूं और उनकी समस्याएं सुनता हूं. ‘आई लव मोहम्मद’ जैसे अभियानों का मकसद देश में विभाजन और अराजकता फैलाना हो सकता है. कुछ लोग पर्दे के पीछे से ऐसी साजिश रच रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि मोदी Government के नेतृत्व में देश एकजुट है. हमारी Government धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती. हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी समुदाय यहां सुरक्षित हैं. हमें गर्व है कि हम India के नागरिक हैं.
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एकेएस/एएस
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