New Delhi, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran). दिल्ली हाईकोर्ट ने उदयपुर स्थित होटल ताज लेक पैलेस (Taj Lake Palace) के खिलाफ एक AI-जनरेटेड झूठे वीडियो को हटाने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि प्राथमिक दृष्टि से यह वीडियो गलत और भ्रामक सामग्री वाला प्रतीत होता है.
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा, “अदालत को वादी (The Indian Hotels Company Ltd) की इस दलील में दम नजर आता है कि ऐसे झूठे वीडियो का प्रसार वादी की प्रतिष्ठा को प्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाता है और ताज लेक पैलेस, उदयपुर की सार्वजनिक छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है.”
अदालत ने यह अंतरिम आदेश टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) द्वारा दायर मुकदमे पर सुनवाई के बाद दिया, जो TAJ ब्रांड के तहत होटलों का संचालन करती है.
मार्च 2025 में हाईकोर्ट ने TAJ को एक “वेल-नोन ट्रेडमार्क” घोषित किया था. वादी ने बताया कि उसका होटल Taj Lake Palace, Udaipur को हाल ही में 8 अक्टूबर को ग्लोबल मिशेलिन कीज चयन (Global Michelin Keys Selection) में तीन मिशेलिन कीज से सम्मानित किया गया था — जो दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और विशिष्ट होटलों को दिया जाता है.
हालांकि, उसी के तुरंत बाद उन्हें पता चला कि एक अज्ञात व्यक्ति (John Doe) ने इंस्टाग्राम पेज ‘Travelagio’ के माध्यम से एक भ्रामक और झूठा AI-निर्मित डीपफेक वीडियो पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था — “Staff poisoned wealthy guests for 6 months…”. यह वीडियो 20,000 से अधिक व्यूज़, कई लाइक्स, शेयर, रीपोस्ट और कमेंट्स प्राप्त कर चुका था.
अदालत ने इस सामग्री को प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला बताते हुए इसे हटाने का आदेश दिया और कहा कि ऐसा दुष्प्रचार प्रत्यक्ष रूप से वादी के व्यावसायिक हितों और ब्रांड विश्वसनीयता को प्रभावित करता है.
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