चेन्नई, 29 अक्टूबर . तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पल्लीकरनई मार्शलैंड क्षेत्र में अवैध निर्माण और पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने राज्य Government पर आरोप लगाया है कि उसने निजी कंपनी ब्रिगेड ग्रुप को जल्दबाजी में निर्माण की अनुमति दी है, जबकि यह इलाका पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील घोषित है.
तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने कहा कि Chief Minister एमके स्टालिन को राज्य में ‘तमिलनाडु मार्शलैंड रिक्लेमेशन अथॉरिटी’ गठित करनी चाहिए ताकि राज्य के सभी मार्शलैंड इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और अतिक्रमण हटाए जा सके.
उन्होंने आरोप लगाया कि Government पर्यावरण और वन विभाग की रिपोर्ट को छिपा रही है, जिसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि रामसर साइट के लिए चयनित भूमि का सर्वे नंबर अभी तय नहीं हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने पल्लीकरनई मार्शलैंड रिजर्व फॉरेस्ट की सीमा से बाहर स्थित निजी पट्टा भूमि पर निर्माण की अनुमति दी है. भाजपा ने सवाल उठाया कि अगर अभी तक इलाके की सीमाएं तय नहीं हुई हैं, तो इतनी जल्दबाजी में पर्यावरण स्वीकृति और निर्माण की अनुमति कैसे दी गई?
विपक्ष के नेता ईके पलानीस्वामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन, सुधाकर रेड्डी और अन्य नेताओं ने Government से पारदर्शिता की मांग की है. भाजपा का कहना है कि Chief Minister ने स्वयं पल्लीकरनई मार्शलैंड को संरक्षित करने का वादा किया था, लेकिन अब उन्हीं के अधीन विभागों में भ्रष्टाचार और मनमानी की जा रही है.
नैनार नागेन्द्रन ने कहा कि ब्रिगेड कंस्ट्रक्शन कंपनी को सिर्फ तीन दिनों में चेन्नई महानगर विकास प्राधिकरण (सीएमडीए) से अनुमति मिल गई, जबकि आम लोगों को मकान बनाने की स्वीकृति के लिए महीनों तक विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. यह स्पष्ट रूप से पक्षपात और नियमों का उल्लंघन है.
उन्होंने आगे बताया कि भाजपा ने इस मामले को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के पास भेजा है और मंत्रालय ने विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है. केंद्र Government जल्द इस मामले की जांच करेगी और अहम सबूत और दस्तावेज मंत्रालय को सौंपेगी.
भाजपा ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण में शामिल अधिकारियों (तत्कालीन सीएमडीए सचिव अंशुल मिश्रा आईएएस, पर्यावरण विभाग के राहुल नाथ आईएएस, पूर्व एसईआईएए चेयरमैन कृष्णकुमार आईएफएस और एसईएसी चेयरमैन धीनेपांडू) से जवाब मांगा जाए.
भाजपा नेता एएनएस प्रसाद ने कहा कि जब तक रामसर साइट की एकीकृत प्रबंधन योजना पूरी नहीं होती और जनता से राय नहीं ली जाती, तब तक किसी निजी कंपनी को निर्माण की अनुमति देना कानून के खिलाफ है. उन्होंने आरोप लगाया कि परुंगुडी और कल्लुकुट्टई के मार्शलैंड क्षेत्रों में भूमि की अवैध बिक्री हो रही है, जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए प्रति प्लॉट तक वसूली जा रही है.
भाजपा ने Chief Minister से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के जज, पूर्व डीजीपी और पूर्व राजस्व सचिव स्तर के अधिकारियों की एक स्वतंत्र समिति बनाई जाए ताकि भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन का सच सामने आ सके.
–
वीकेयू/वीसी





