तमिलनाडु, 2 अक्टूबर . देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा सेलिब्रेट किया जा रहा है. कहीं मेले लग रहे हैं तो कहीं अनुष्ठान हो रहे हैं.
तमिलनाडु में भी दशहरा मनाने की परंपरा सदियों से चली आई है. तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम के पास स्थित मुथरम्मन मंदिर में दशहरा के मौके पर होने वाले महिषा सूरसम्हारम उत्सव के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान मुरुगन ने राक्षस सूरपद्मन का वध किया था. कुलसेकरपट्टिनम के मुथरम्मन मंदिर में इस बार दशहरा का त्योहार 23 सितंबर से शुरू हो गया.
आज मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच चुकी है. परंपरा के अनुसार श्रद्धालुओं ने काली, बंदर, अम्मन, कुरावन, कुरथी, शिव, पार्वती, राजा, और कई देवी-देवताओं की पोशाक पहनकर जुलूस निकाला. बता दें कि आज के दिन श्रद्धालु भगवान मुरुगन के लिए उपवास भी रखते हैं और ये त्योहार 10 दिन तक चलता है. इसके अलावा आधी रात को मंदिर के समुद्र तट पर महिषा सूरसम्हारम उत्सव मनाया जाएगा.
बता दें कि उत्सव में एक व्यक्ति भगवान मुरुगन का वेश धारण करता है और राक्षस सूरपद्मन का वध करता है, जिसके बाद श्रद्धालु भगवान मुरुगन की पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिर के खजाने में अपना प्रसाद जमा करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से हर इच्छा की पूर्ति होती है.
सूरसम्हारम उत्सव में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कई सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि उत्सव में लाखों श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं. उत्सव के संचालन के लिए 4000 Policeकर्मी को तैनात किया गया और 350 खास बसें श्रद्धालुओं के लिए चलाई गई हैं. मंदिर पहुंचने वाले भक्तों के लिए 39 स्थानों पर पार्किंग का इंतजाम भी किया गया है. इसके अलावा, ट्रैफिक जाम और भीड़ से बचने के लिए यातायात नियमों में बदलाव किया गया है और कुछ रास्तों को वन-वे किया गया है. किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए तीन मेडिकल टीमें भी मौके पर तैनात की गई हैं.
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पीएस/डीएससी
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