विजयवाड़ा, 5 सितंबर . आंध्र प्रदेश के पशुपालन विभाग के निदेशक दामोदर नायडू ने Friday को आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए जनता से सहयोग की अपील की है.
उन्होंने बताया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में आवारा कुत्तों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके अंतर्गत राज्य में स्थानीय निकाय, जैसे नगरपालिका प्रशासन और प्रमुख ग्राम पंचायतें, पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम के अंतर्गत आवारा कुत्तों की नसबंदी पर विशेष ध्यान दे रही हैं.
दामोदर नायडू ने से बात करते हुए कहा, “आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सरकार और नागरिकों, दोनों की है. मानवता और पशुओं के प्रति करुणा के दृष्टिकोण से आवारा कुत्तों को विशिष्ट क्षेत्रों में रखने में कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, पशु प्रेमियों को सलाह दी गई है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केवल निर्धारित स्थानों पर ही कुत्तों को भोजन दें.”
उन्होंने कहा कि नगरीय और ग्रामीण निकायों को ऐसे स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है ताकि कुत्तों को निश्चित समय और स्थान पर भोजन मिले. इससे भोजन के लिए होने वाली कुत्तों की आपसी लड़ाई और उससे उत्पन्न होने वाले हमलों को रोका जा सकता है, जो अक्सर राहगीरों के लिए खतरा बनते हैं.
उन्होंने बताया कि प्रत्येक कुत्ता अपने क्षेत्र की रक्षा करता है. इसलिए सर्वोच्च न्यायालय और सरकार ने स्थानीय निकायों को नसबंदी कार्यक्रम को जारी रखने और उपचार के बाद कुत्तों को उनके मूल क्षेत्र में वापस छोड़ने के निर्देश दिए हैं.
आंध्र प्रदेश में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा अनुमोदित चार एजेंसियां वर्तमान में नसबंदी अभियान चला रही हैं. इन एजेंसियों ने 34 नगर निकायों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और सक्रिय रूप से नसबंदी कार्य कर रही हैं.
नायडू ने जनता से अपील करते हुए कहा, “नसबंदी की आवश्यकता वाले कुत्तों की पहचान कर नगरीय निकायों को सूचित करें. सूचना मिलने पर इन कुत्तों को पकड़कर एबीसी थिएटरों में नसबंदी के लिए ले जाया जाएगा. नसबंदी के बाद कुत्तों को 5-6 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा और ठीक होने पर उन्हें उसी स्थान पर वापस छोड़ दिया जाएगा.”
उन्होंने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों के खतरे को नियंत्रित करने में जनता, स्थानीय समुदायों और शहरी निकायों का सहयोग महत्वपूर्ण है. नागरिकों से अनुरोध है कि वे रेबीज या असामान्य व्यवहार वाले कुत्तों, आक्रामक कुत्तों, आदतन लोगों पर हमला करने या बाइक सवारों का पीछा करने वाले कुत्तों या पैदल चलने वालों को काटने वाले कुत्तों की तुरंत सूचना पर्यावरण विभाग, शहरी निकायों, स्थानीय राजस्व और पुलिस विभागों को दें. ऐसे खतरनाक कुत्तों को आश्रय स्थलों पर ले जाया जाएगा.
नायडू ने बताया कि सरकार और संबंधित विभाग सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करेंगे. उन्होंने स्थानीय निवासियों से इस समस्या के समाधान में सक्रिय सहयोग की अपील की ताकि आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित कर एक सुरक्षित और संतुलित पर्यावरण बनाया जा सके.
–
एससीएच/वीसी
You may also like
अनन्त चतुर्दशी पर इंदौर में आज रात निकलेंगी झिलमिलाती नयनाभिराम झांकियां
6 सितंबर, Morning News Headlines: आज सुबह तक की सभी ताजा खबरें क्रिकेट जगत से
The Conjuring 4: दिमाग को हिला देनेवाली डरावनी फिल्म ने पहले दिन ही बॉक्स ऑफिस पर छुड़ाए पसीने, सबसे अधिक कमाई
राजा रघुवंशी हत्याकांड: पुलिस ने 790 पन्नों में लिखा सोनम और राज का गुनाह!
एशिया कप 2025: सूर्यकुमार यादव की फॉर्म पर चिंता, क्या होगा अगला कदम?