रांची, 18 अगस्त . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रांची जोनल ऑफिस ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत बड़ी कार्रवाई की. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अंकित राज की 3.02 करोड़ रुपए मूल्य की तीस (30) चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है.
झारखंड पुलिस ने 15 दिसंबर, 2023 को 16 प्राथमिकी दर्ज की थीं. इस First Information Report के आधार पर ईडी ने अपनी कार्रवाई शुरू की, जिसमें जबरन वसूली, अवैध रेत खनन, सरकारी काम में बाधा डालने और झारखंड टाइगर ग्रुप नामक एक उग्रवादी समूह चलाने के आरोप शामिल हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपराध की आय (पीओसी) से संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए 12-13 मार्च 2024 और 4 जुलाई 2025 को तलाशी ली. अंकित राज के अवैध रेत कारोबार से संबंधित दस्तावेज जुटाने के लिए 18 जुलाई 2025 को हजारीबाग स्थित जिला खनन कार्यालय में भी जांच की गई.
गवाहों के बयानों, जिला खनन अधिकारियों के दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर जांच में पता चला कि अंकित राज ने सोनपुरा घाट के लिए अपने खनन लाइसेंस की 2019 में समाप्ति के बाद भी दामोदर नदी की सहायक नदियां हाहारो और प्लांडू से अवैध रूप से रेत निकालना जारी रखा.
अंकित राज और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर रेत के अवैध खनन, भंडारण और परिवहन के लिए एक परिष्कृत, बहुस्तरीय प्रणाली का इस्तेमाल किया. यह कार्य जानबूझकर खनन नियमों की अवहेलना और सार्वजनिक प्राधिकरण का दुरुपयोग करके अवैध लाभ को अधिकतम करने के लिए किया गया था.
इन गतिविधियों के परिणामस्वरूप अंकित राज ने पीओसी हासिल कर लिया. मामले में कुल कुर्की जब्ती 3.4 करोड़ रुपए की है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इस मामले में आगे की जांच पड़ताल की जा रही है.
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डीकेपी/
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