रांची/बोकारो, 16 जुलाई . झारखंड के बोकारो जिले में गोमिया थाना अंतर्गत बिरहोरडेरा जंगल में Wednesday को पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर की पहचान 5 लाख के इनामी कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी के रूप में हुई है.
इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के जवान परनेश्वर कोच शहीद हो गए, जबकि नक्सलियों और पुलिस के बीच क्रॉस फायरिंग में एक स्थानीय ग्रामीण की भी जान चली गई.
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इस घटना को लेकर रांची में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें अपने एक जवान की शहादत और एक ग्रामीण की मौत का दुख है, लेकिन यह तय हो गया है कि हथियार न डालने वाला एक-एक नक्सली मारा जाएगा.
उन्होंने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. इसी दौरान जंगल में नक्सलियों के दस्ते से आमना-सामना होते ही दोनों ओर से गोलियां चलने लगीं. करीब दो घंटे चली इस मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी और लंबे समय से इलाके में दहशत फैलाने वाला नक्सली कुंवर मांझी ढेर कर दिया गया. पुलिस ने घटनास्थल से कुंवर मांझी के पास से एक एके-47 राइफल भी बरामद की है.
डीजीपी ने कहा कि इस वर्ष अब तक 22 नक्सली मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. जो बच गए हैं, उनसे हम बार-बार हथियार डालने की अपील कर रहे हैं. कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत जो नक्सली मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें ओपन जेल में रखा जाता है. उन्हें आर्थिक सहायता, बच्चों की शिक्षा और उनके पुनर्वास में भी मदद की जाती है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा का रास्ता छोड़ने वालों का स्वागत है, लेकिन जो हथियार उठाएंगे, उनके लिए कानून और पुलिस का कड़ा जवाब तय है.
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एसएनसी/एबीएम
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