Lucknow, 4 नवंबर . बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में इस बार उत्तर प्रदेश की गूंज साफ सुनाई दे रही है. सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर Samajwadi Party तक, हर दल के नेता बिहार की जनता को अपने-अपने यूपी मॉडल का हवाला दे रहे हैं. यूपी के बुलडोजर से लेकर सड़कों और कानून व्यवस्था तक, बहसें बिहार के मंचों पर गूंज रही हैं.
सियासी जानकार मानते हैं कि यह चुनाव 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव की रणनीति का भी रिहर्सल बनता जा रहा है. प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ, उपChief Minister और कई मंत्री बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उनकी सभाओं में यूपी के विकास, कानून-व्यवस्था और राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और प्रयागराज कुंभ जैसे उदाहरण प्रमुखता से गूंज रहे हैं.
वहीं, विपक्षी दल इन दावों को चुनौती देते हुए दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, नाम बदलने की राजनीति और माफिया संरक्षण जैसे मुद्दे उठा रहे हैं.
Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने मोहिउद्दीननगर में चुनावी सभा में कहा कि Samajwadi Party ने रामभक्तों पर गोली चलाई थी, कांग्रेस के नेता आज छठ मैया पर सवाल उठा रहे हैं. यूपी में हमने सिर्फ नाम नहीं बदले, बल्कि काम से प्रदेश का नाम दुनिया में रोशन किया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, काशी में विश्वनाथ धाम तैयार है और प्रयागराज में दिव्य कुंभ का आयोजन हुआ.
सीएम योगी ने आगे कहा कि अब बिहार में भी माफिया पर बुलडोजर चलेगा, क्योंकि यूपी का बुलडोजर न थमने वाला है, न डरने वाला.
वहीं, सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्वी चंपारण में आयोजित सभा में कहा कि बिहार में भाजपा का सफाया तय है. यूपी के एक ‘एकरंगी’ नेता को नाम बदलने की बीमारी है, वे हर चीज बदलते हैं, नाम, वेशभूषा और यहां तक कि विचार भी. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब यूपी की जनता उन्हें बदलने वाली है.
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी Government ने एक्सप्रेस-वे जैसी सड़कें बनाईं, जबकि भाजपा Government ने नकल की पर भ्रष्टाचार जोड़ दिया. हम और तेजस्वी यादव मिलकर यूपी-बिहार को दिल्ली से जोड़ने का विजन लेकर चल रहे हैं.
Political विश्लेषक गिरीश पांडेय मानते हैं कि बिहार और पूर्वांचल की सामाजिक-सांस्कृतिक समानता इस बार के चुनाव को दिलचस्प बना रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यूपी एक साल बाद चुनावी मोड में जाएगा, इसलिए दोनों दल बिहार में अपनी छवि गढ़ने की कोशिश में हैं.
वहीं, वरिष्ठ विश्लेषक रतन मणि लाल के अनुसार बिहार चुनाव में योगी की छवि भाजपा की बड़ी पूंजी बन गई है. यूपी में निवेश और कानून व्यवस्था के परसेप्शन ने वहां भी असर डाला है. वहीं सपा और कांग्रेस इसे ‘भ्रम’ बताकर Political लाभ लेने के फिराक में हैं.
–
विकेटी/पीएसके
You may also like

साइबर फ्रॉड को नहीं कर सकते नजरअंदाज, हाई कोर्ट ने धोखाधड़ी केस में दो को जमानत देने से किया इनकार

कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान

कांग्रेस नेताओं ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर दी शुभकामनाएं

Crime: लाइब्रेरी से लौट रही 17 साल की लड़की को युवक ने मारी गोली, मामला जानकर उड़ जाएंगे होश

अंडरआर्म्स औरˈ जांघों के कालेपन से मिल जाएगी निजात, बस करना होगा ये काम﹒




