New Delhi, 31 अक्टूबर . India का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर अवधि) में 5.73 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो कि पूरे वर्ष के लिए बजट में निर्धारित लक्ष्य का 36.5 प्रतिशत है. यह जानकारी Friday को Government की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई.
आंकड़ों के मुताबिक, राजकोषीय घाटा फिलहाल नियंत्रण में है और इससे अर्थव्यवस्था के लिए स्थिर वृद्धि का रास्ता तैयार होता है.
अप्रैल से सितंबर के दौरान कुल प्राप्तियां 17.30 लाख करोड़ रुपए रही हैं, जबकि कुल व्यय 23.03 लाख करोड़ रुपए रहा. यह 2025-26 के बजट में निर्धारित लक्ष्य का क्रमशः 49.5 प्रतिशत और 45.5 प्रतिशत था.
राजस्व प्राप्तियां 16.95 लाख करोड़ रुपए रही हैं, जिनमें से कर राजस्व 12.29 लाख करोड़ रुपए और गैर-कर राजस्व 4.66 लाख करोड़ रुपए रहा.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केंद्र Government को 2.69 लाख करोड़ रुपए का लाभांश स्वीकृत किए जाने से गैर-कर राजस्व में वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष के ट्रांसफर 2.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. इससे केंद्र Government को अपने राजकोषीय घाटे को और कम करने में मदद मिलेगी.
कुल Governmentी खर्च अप्रैल-सितंबर अवधि में 23 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 21.1 लाख करोड़ रुपए था.
यह राजमार्गों, बंदरगाहों और रेलवे क्षेत्रों में बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर Government के बढ़ते खर्च को दर्शाता है, जो भू-Political घटनाक्रमों और अमेरिकी टैरिफ उथल-पुथल से उत्पन्न बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच देश में आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
केंद्र Government ने वित्त वर्ष 2025 के बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.9 प्रतिशत रखा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.6 प्रतिशत था.
घटता राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है. इससे Government की उधारी में कमी आती है, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में कॉर्पोरेट और उपभोक्ताओं को ऋण देने के लिए अधिक धनराशि बचती है, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आती है.
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एबीएस/
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