बिहार चुनाव में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की साझा उम्मीदवार सूची का इंतजार तीसरे दिन भी खत्म नहीं हुआ। मंगलवार को दिनभर गहमागहमी रही, लेकिन देर शाम तक गठबंधन के घटक दलों के बीच अंतिम सहमति नहीं बन पाई। इस बीच भाजपा ने अपने 71 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुनावी मैदान में बढ़त ले ली है। वहीं, जदयू के उम्मीदवार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के सिंबल पर नामांकन दाखिल कर रहे हैं। इन नामांकनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी शामिल हैं।
हम ने जारी किए सभी प्रत्याशी, बाकी दलों में असमंजस
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने अपने सभी छह उम्मीदवारों के नाम और सिंबल जारी कर दिए हैं। लेकिन जदयू और लोजपा (रामविलास) के बीच सीटों को लेकर अभी भी हलचल जारी है। पूरे दिन यह अटकलें लगाई जाती रहीं कि मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, पार्टी के हिस्से में आई सीटों की संख्या घटने और कुछ सीटें लोजपा (रा) को देने को लेकर असहज हैं।
‘मुख्यमंत्री पूरी तरह संतुष्ट’ – जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा
इन अटकलों पर विराम लगाते हुए जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बयान दिया कि “मुख्यमंत्री प्रसन्न हैं और पूरी प्रक्रिया पर खुद नजर रखे हुए हैं।” उन्होंने बताया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लगातार बातचीत हो रही है और अंतिम फैसला नीतीश कुमार की सहमति से ही लिया जाएगा। झा के इस बयान के बाद गठबंधन में मतभेद की अटकलों पर कुछ हद तक विराम लगा, लेकिन सीटों को लेकर पेच अब भी फंसा है।
चिराग पासवान और सम्राट चौधरी का दावा – ‘एनडीए एकजुट है’
संजय झा के बयान के बाद लोजपा (रा) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि एनडीए में सब कुछ ठीक है। उनके कुछ ही देर बाद उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी इसी भाव के साथ लिखा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है और सीटों पर बातचीत सौहार्दपूर्ण वातावरण में अंतिम चरण में है।
17 अक्टूबर अंतिम तिथि, पर अब भी तय नहीं सीटों का बंटवारा
पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है, लेकिन अब तक एनडीए की ओर से सीटों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार, बातचीत का दौर जारी है और कौन-सी पार्टी किस सीट से लड़ेगी, यह चर्चा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है।
लोजपा (रा) की मांग पर अड़चन, जदयू के गढ़ पर दावा
भाजपा और हम के अलावा, एनडीए के बाकी दलों की उम्मीदवार सूची अब तक जारी नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि लोजपा (रा) ने कुछ ऐसी सीटों की मांग की है, जो पारंपरिक रूप से जदयू के खाते में रही हैं। इनमें सहरसा जिले की सोनबरसा (सुरक्षित) सीट भी शामिल है। लेकिन जदयू ने इस सीट पर रत्नेश सदा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जिससे यह साफ है कि पार्टी अपने गढ़ में कोई समझौता नहीं करना चाहती।
अंतिम सूची में नीतीश की मर्जी का पलड़ा भारी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एनडीए की अंतिम सूची में नीतीश कुमार की इच्छा का पलड़ा भारी रहेगा। जदयू की पारंपरिक सीटों पर लोजपा (रा) के दावे को खारिज किया जा सकता है। गठबंधन के भीतर आपसी सामंजस्य बनाए रखने के लिए भाजपा मध्यस्थ की भूमिका निभा रही है, लेकिन सीट बंटवारे का यह समीकरण अब पूरी तरह नीतीश की रणनीतिक सहमति पर टिका हुआ है।
You may also like
दुर्गापुर गैंगरेप केस: बंगाल के राज्यपाल ने राष्ट्रपति मुर्मू और गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी
ऑस्ट्रेलिया दौरे में नहीं चुने जाने के बाद मोहम्मद शमी ने दिया टीम इंडिया के सिलेक्टर्स को जवाब, रणजी ट्रॉफी में 4 गेंदों में चटकाए 3 विकेट
कर्नाटक भाजपा ने गड्ढों की समस्या को लेकर राज्य सरकार पर उठाए सवाल
माणिक साहा ने अमित शाह से की मुलाकात, तमाम विकास परियोजनाओं पर की चर्चा
अनूपपुर: बिजुरी से आ रही था महिला ने स्टेशन पर बच्चे को दिया जन्म