भारत और अमेरिका के रिश्तों में गहराई और सहयोग की नई तस्वीर उभर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच जारी व्यापारिक बातचीत न केवल साझेदारी को मज़बूत बनाएगी बल्कि असीम संभावनाओं के द्वार भी खोलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये वार्ताएं जल्द ही निष्कर्ष तक पहुंचेंगी और भारत-अमेरिका रिश्तों को नई दिशा देंगी।India and the US are close friends and natural partners. I am confident that our trade negotiations will pave the way for unlocking the limitless potential of the India-US partnership. Our teams are working to conclude these discussions at the earliest. I am also looking forward… pic.twitter.com/3K9hlJxWcl
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2025
दरअसल, पीएम मोदी का यह बयान तब सामने आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को "महान देश" कहते हुए भरोसा जताया कि दोनों राष्ट्रों के बीच चल रही वार्ता सकारात्मक नतीजे लेकर आएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं और लंबे समय से एक-दूसरे के करीबी मित्र बने हुए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि चल रही व्यापार वार्ताएं हमारी साझेदारी की विशाल संभावनाओं को सामने लाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी। दोनों देशों की टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए लगातार काम कर रही हैं। मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात और बातचीत का इंतजार कर रहा हूं। हम मिलकर अपने नागरिकों के लिए उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य तैयार करेंगे।”
ट्रंप ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बाधाओं को लेकर बातचीत जारी है। आने वाले हफ्तों में मैं अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा करने का इंतजार कर रहा हूं। मुझे भरोसा है कि दोनों महान देशों की यह वार्ता सकारात्मक नतीजे तक जरूर पहुंचेगी।”
गौर करने वाली बात यह है कि हाल के दिनों में ट्रंप का भारत के प्रति रुख पहले से कहीं अधिक सकारात्मक हुआ है। जहां पहले वे भारत पर टैरिफ और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचना करते रहे थे, वहीं अब उन्होंने नरेंद्र मोदी को "महान प्रधानमंत्री" बताते हुए कहा कि वह हमेशा उनके दोस्त रहेंगे। इस पर पीएम मोदी ने भी ट्रंप की भावनाओं को सराहते हुए उनका धन्यवाद दिया था।
इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। हालांकि, टैरिफ से जुड़ी जटिलताओं ने इस प्रक्रिया को फिलहाल धीमा कर दिया है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की 25 अगस्त को भारत यात्रा निर्धारित थी, लेकिन ट्रंप की ओर से हाल ही में टैरिफ संबंधी घोषणाओं के बाद यह यात्रा स्थगित कर दी गई। नई तारीख की घोषणा अब तक नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक और रूस से तेल खरीद पर 25% तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
मुख्य विवाद का मुद्दा कृषि और डेयरी सेक्टर है, जहां अमेरिका चाहता है कि भारत अपनी बाज़ार पहुंच खोले। लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है, जिससे बातचीत में गतिरोध बना हुआ है। इसके बावजूद अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच माल व्यापार 131.8 अरब डॉलर रहा। इसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 45.3 अरब डॉलर दर्ज किया गया।
भारत और अमेरिका के बीच यह खींचतान भले ही चुनौतियों से भरी हो, लेकिन दोनों पक्षों की नेतृत्वकारी टिप्पणियों से साफ है कि व्यापारिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का इरादा पक्का है।
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