बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। उनके इस बयान से बिहार की सियासत में चल रही तमाम चर्चाओं पर पूर्ण विराम लग गया है।
राजनाथ सिंह ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि इस बार एनडीए बिहार की 243 में से 160 से अधिक सीटें जीतने में सफल रहेगा। उन्होंने बताया कि महागठबंधन द्वारा तेजस्वी यादव को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद विपक्ष लगातार एनडीए से अपने मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान करने की मांग कर रहा था, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह साफ है।
“नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगा एनडीए”
राजनाथ सिंह ने न्यूज़ 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “एनडीए पूरी तरह नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में है। जब गठबंधन उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है, तो जाहिर है कि सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भी वही रहेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह जनता में उत्साह और भरोसा दिखाई दे रहा है, उससे साफ झलकता है कि एनडीए दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगा।
प्रशांत किशोर पर कटाक्ष – “जन सुराज का कोई असर नहीं”
बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “जन सुराज पार्टी बिहार में एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।” साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा बिहार चुनाव के बाद की जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक है, लेकिन पार्टी के राजनीतिक निर्णयों में दखल नहीं देता।
डिप्टी सीएम पर बोले – “निर्णय सर्वसम्मति से होगा”
एनडीए के भीतर डिप्टी सीएम पद को लेकर चर्चाओं पर भी राजनाथ सिंह ने अपना रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि “भविष्य में जो भी निर्णय होंगे, वह सभी दलों की सहमति से लिए जाएंगे। जब सभी साथी दल बैठकर बात करेंगे, तभी यह तय होगा कि किसे कौन-सी जिम्मेदारी दी जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की महिलाएं और आम जनता नीतीश सरकार में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं, क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। यह स्पष्ट करता है कि नीतीश कुमार की छवि अब भी शासन और स्थिरता के प्रतीक के रूप में बनी हुई है।
राजनाथ सिंह के इस बयान ने न केवल एनडीए की रणनीति को मजबूत किया है, बल्कि विपक्ष के सामने भी एक स्पष्ट संदेश भेजा है — कि 2025 का बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और वही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।
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