कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने ‘कमजोर’ और ‘चुप’ नजर आए। पार्टी नेता राहुल गांधी ने एक के बाद एक पांच तीखे सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री की विदेश नीति, कूटनीतिक क्षमता और राष्ट्रीय स्वाभिमान को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में भारतीयों की गरिमा और आत्मसम्मान से समझौता किया। उन्होंने दावा किया कि जब ट्रंप ने अमेरिका में भारतीयों को लेकर विवादास्पद बयान दिए, तब भी पीएम मोदी ने कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं दी, जो यह दर्शाता है कि वह दबाव में थे।
कांग्रेस के अनुसार, मोदी सरकार की विदेश नीति आत्मसमर्पण की ओर झुकी हुई है, जहां राष्ट्रहित की बजाय ‘व्यक्तिगत छवि’ को प्राथमिकता दी जाती है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान केवल अपनी लोकप्रियता और ‘ब्रांड मोदी’ को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जबकि देश की रणनीतिक और कूटनीतिक प्राथमिकताओं की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने ट्रंप के साथ बैठक के दौरान सीमा सुरक्षा, भारतीय मूल के नागरिकों के अधिकार और एच-1बी वीजा जैसे मुद्दों को क्यों नहीं उठाया। उनका कहना था कि अमेरिका जैसे बड़े मंच पर भारत की आवाज मजबूती से नहीं रखी गई।
हालांकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा भारत के हितों को सर्वोपरि रखा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की छवि को सशक्त किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस और भाजपा के बीच यह सियासी संघर्ष और तीखा हो सकता है। राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे आगामी चुनावी विमर्श का हिस्सा बन सकते हैं, खासकर तब, जब विदेश नीति को लेकर मतदाता अधिक सजग नजर आ रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
विटामिन D की कमी दूर करने के लिए सिर्फ धूप नहीं, ये 4 बातें भी जरूरी
You may also like
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया में रोहित और विराट में भी होगी जंग, एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए लगाए जोर
भारत के इस पड़ोसी देश में गाय भैंस नहीं बल्कि` लोग घरों में पालते हैं खूंखार मगरमच्छ, इसका मांस बेच करते हैं मोटी कमाई
झारखंड : जुगसलाई फायरिंग कांड का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, देशी पिस्टल बरामद
अटल आवासीय विद्यालय में 'निराश्रित' की जगह अब विद्यार्थी कहलाएंगे 'राज्याश्रित'
अब 2 साल नहीं, सिर्फ 18 महीने ही ब्रिटेन में जॉब कर पाएंगे स्टूडेंट्स, वर्क वीजा की अवधि घटी