देशभर में दिवाली की धूम है और हर कोई इसकी तैयारियों में लगा हुआ है। लोग पटाखों से लेकर दीया और साज-सज्जा की चीजें, मिठाइयां और नए कपड़े खरीद रहे हैं। खूब पार्टियां कर रहे हैं। लेकिन दिलजीत दोसांझ दिवाली नहीं मनाते, जबकि यह उनका सबसे फेवरेट त्योहार रहा है। जहां सभी लोग दिवाली की शुभकामनाएं दे रहे हैं, वहीं दिलजीत ने भी एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने दिवाली के लिए अपनी भावनाएं जाहिर की हैं, और बताया है कि वह यह त्योहार क्यों नहीं मनाते।
इस वीडियो को दिलजीत दोसांझ के इंस्टाग्राम पेज 'टीम दिलजीत ग्लोबल' पर शेयर किया गया है। दिलजीत ने बताया है कि उन्हें दिवाली बहुत पसंद है और पटाखे जलाना भी खूब पसंद था, पर अब डर लगता है। सिंगर के मुताबिक, एक महीने पहले ही वह और घरवाले दिवाली की तैयारियां शुरू कर देते थे।
दिलजीत दोसांझ बोले- जब परिवार से अलग हुआ तो दिवाली मनानी बंद
वीडियो में दिलजीत दोसांझ ने बताया, 'पहले मैं भी बहुत पटाखे जलाता था। मेरा फेवरेट त्योहार दिवाली था। लेकिन फिर जब मैं परिवार से अलग हो गया तो मैंने दिवाली मनानी बंद कर दी। मैं उदास हो गया। फिर तो मैंने कभी मनाई ही नहीं दिवाली। नहीं तो दिवाली मेरा फेवरेट त्योहार है। पटाखे जलाना मुझे बहुत पसंद है।'
एक महीने से पहले से दिवाली की तैयारियां, ऐसे जलाते थे पटाखे
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि एक महीने पहले ही दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती थीं। उनके घर और गांव से लेकर आसपास की सभी जगहें रोशन हो जाती थीं। वह शाम को पटाखे फोड़ते थे और फिर अपने गांव के दोसांझ कलां में स्थित गुरुद्वारे, शिव मंदिर, दरगाह और गुगा पीर पर जाकर दीए जलाया करते थे।
परिवार से दूर होने पर आ गया खालीपन, दिलजीत को अब पटाखों से लगता है डर
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि यह जश्न देर रात तक चलता रहता था। अगर उनके पटाखे खत्म हो जाते थे, तो वह दूसरों के पटाखे ले आते थे और उन्हें फोड़ते थे। लेकिन जब परिवार से अलग हुए तो दिवाली की रौनक और जगमगाहट सब चली गई। दिलजीत ने कहा कि उनके अंदर एक खालीपन आ गया। उन्होंने दिवाली मनाना बंद कर दिया। सिंगर के मुताबिक, अब तो उन्होंने पटाखों की आवाज से भी डर लगता है।
दिलजीत दोसांझ ने बताया था, पैरेंट्स संग क्यों बिगड़े थे रिश्ते
दिलजीत दोसांझ ने साल 2024 में एक इंटरव्यू में पैरेंट्स से टूटे रिश्ते के बारे में बात की थी। दिलजीत ने बताया था कि जब वह बच्चे थे तो मम्मी-पापा ने उन्हें एक रिश्तेदार के साथ लुधियाना भेज दिया था ताकि उन्हें अच्छा खाना-पीना मिले और स्कूल की पढ़ाई हो सके। दिलजीत के मुताबिक, इस बारे में पैरेंट्स ने उनसे पूछा तक नहीं था, और इसी कारण उनके आपसी रिश्ते खराब हो गए।
'मम्मी-पापा ने कहा- ले जाओ, मुझसे पूछा तक नहीं'
दिलजीत दोसांझ ने रणवीर अल्लाहबादिया के शो में कहा था, 'मैं ग्यारह साल का था, जब मैंने अपना घर छोड़ दिया और अपने मामाजी के साथ रहने लगा। मैं अपना गांव छोड़कर शहर आ गया। मैं लुधियाना चला गया। उन्होंने कहा कि इसे मेरे साथ शहर भेज दो' और मेरे माता-पिता ने कहा कि हां, इसे ले जाओ। मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा तक नहीं।'
'फोन करने या उठाने के लिए पैसे खर्च करते थे, तो परिवार से दूर होने लगा'
सिंगर ने आगे बताया था, 'मैं एक छोटे से कमरे में अकेला रहता था। मैं बस स्कूल जाता और वापस आता था। वहां कोई टीवी नहीं था। मेरे पास बहुत समय था। और उस समय हमारे पास मोबाइल फोन भी नहीं थे, अगर मुझे घर पर फोन करना होता या अपने माता-पिता का फोन उठाना होता, तो भी हमें पैसे खर्च करने पड़ते थे। इसलिए मैं अपने परिवार से दूर होने लगा।'
दोसांझ कलां गांव में पैदा हुए दिलजीत दोसांझ
दिलजीत दोसांझ पंजाब के दोसांझ कलां गांव में पैदा हुए थे। उन्होंने लुधियाना में स्कूल के दिनों से ही लोकल इवेंट्स में गाना शुरू कर दिया था। अब दिलजीत फिल्म 'बॉर्डर 2' में नजर आएंगे, जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है। इससे पहले वह 'सरदारजी 3' में नजर आए।
इस वीडियो को दिलजीत दोसांझ के इंस्टाग्राम पेज 'टीम दिलजीत ग्लोबल' पर शेयर किया गया है। दिलजीत ने बताया है कि उन्हें दिवाली बहुत पसंद है और पटाखे जलाना भी खूब पसंद था, पर अब डर लगता है। सिंगर के मुताबिक, एक महीने पहले ही वह और घरवाले दिवाली की तैयारियां शुरू कर देते थे।
दिलजीत दोसांझ बोले- जब परिवार से अलग हुआ तो दिवाली मनानी बंद
वीडियो में दिलजीत दोसांझ ने बताया, 'पहले मैं भी बहुत पटाखे जलाता था। मेरा फेवरेट त्योहार दिवाली था। लेकिन फिर जब मैं परिवार से अलग हो गया तो मैंने दिवाली मनानी बंद कर दी। मैं उदास हो गया। फिर तो मैंने कभी मनाई ही नहीं दिवाली। नहीं तो दिवाली मेरा फेवरेट त्योहार है। पटाखे जलाना मुझे बहुत पसंद है।'
एक महीने से पहले से दिवाली की तैयारियां, ऐसे जलाते थे पटाखे
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि एक महीने पहले ही दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती थीं। उनके घर और गांव से लेकर आसपास की सभी जगहें रोशन हो जाती थीं। वह शाम को पटाखे फोड़ते थे और फिर अपने गांव के दोसांझ कलां में स्थित गुरुद्वारे, शिव मंदिर, दरगाह और गुगा पीर पर जाकर दीए जलाया करते थे।
परिवार से दूर होने पर आ गया खालीपन, दिलजीत को अब पटाखों से लगता है डर
दिलजीत दोसांझ ने बताया कि यह जश्न देर रात तक चलता रहता था। अगर उनके पटाखे खत्म हो जाते थे, तो वह दूसरों के पटाखे ले आते थे और उन्हें फोड़ते थे। लेकिन जब परिवार से अलग हुए तो दिवाली की रौनक और जगमगाहट सब चली गई। दिलजीत ने कहा कि उनके अंदर एक खालीपन आ गया। उन्होंने दिवाली मनाना बंद कर दिया। सिंगर के मुताबिक, अब तो उन्होंने पटाखों की आवाज से भी डर लगता है।
दिलजीत दोसांझ ने बताया था, पैरेंट्स संग क्यों बिगड़े थे रिश्ते
दिलजीत दोसांझ ने साल 2024 में एक इंटरव्यू में पैरेंट्स से टूटे रिश्ते के बारे में बात की थी। दिलजीत ने बताया था कि जब वह बच्चे थे तो मम्मी-पापा ने उन्हें एक रिश्तेदार के साथ लुधियाना भेज दिया था ताकि उन्हें अच्छा खाना-पीना मिले और स्कूल की पढ़ाई हो सके। दिलजीत के मुताबिक, इस बारे में पैरेंट्स ने उनसे पूछा तक नहीं था, और इसी कारण उनके आपसी रिश्ते खराब हो गए।
'मम्मी-पापा ने कहा- ले जाओ, मुझसे पूछा तक नहीं'
दिलजीत दोसांझ ने रणवीर अल्लाहबादिया के शो में कहा था, 'मैं ग्यारह साल का था, जब मैंने अपना घर छोड़ दिया और अपने मामाजी के साथ रहने लगा। मैं अपना गांव छोड़कर शहर आ गया। मैं लुधियाना चला गया। उन्होंने कहा कि इसे मेरे साथ शहर भेज दो' और मेरे माता-पिता ने कहा कि हां, इसे ले जाओ। मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा तक नहीं।'
'फोन करने या उठाने के लिए पैसे खर्च करते थे, तो परिवार से दूर होने लगा'
सिंगर ने आगे बताया था, 'मैं एक छोटे से कमरे में अकेला रहता था। मैं बस स्कूल जाता और वापस आता था। वहां कोई टीवी नहीं था। मेरे पास बहुत समय था। और उस समय हमारे पास मोबाइल फोन भी नहीं थे, अगर मुझे घर पर फोन करना होता या अपने माता-पिता का फोन उठाना होता, तो भी हमें पैसे खर्च करने पड़ते थे। इसलिए मैं अपने परिवार से दूर होने लगा।'
दोसांझ कलां गांव में पैदा हुए दिलजीत दोसांझ
दिलजीत दोसांझ पंजाब के दोसांझ कलां गांव में पैदा हुए थे। उन्होंने लुधियाना में स्कूल के दिनों से ही लोकल इवेंट्स में गाना शुरू कर दिया था। अब दिलजीत फिल्म 'बॉर्डर 2' में नजर आएंगे, जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है। इससे पहले वह 'सरदारजी 3' में नजर आए।
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