पर्थ: भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने स्वीकार किया कि आस्ट्रेलिया में क्रिकेट को लेकर आक्रामक माहौल ने उनकी क्षमता की परीक्षा ली। इसके साथ ही उनका मानना है कि इस माहौल में डटे रहकर साहसिक क्रिकेट खेलने से उन्हें मानसिक रूप से मजबूत क्रिकेटर बनने में मदद मिली और इससे उनके करियर को नई दिशा मिली। कोहली ने पहली बार 2011 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों से आक्रामक स्वागत का सामना करना पड़ा था, लेकिन उनका मानना है कि यह आक्रामकता धीरे-धीरे सम्मान में बदल गई।
विराट कोहली ने क्या कहा?
विराट कोहली ने पहले वनडे से पूर्व फॉक्स क्रिकेट से कहा, ‘बचपन में जब हम सुबह जल्दी उठकर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट देखते थे तो मैं खुद को उनके सामने रखकर सोचता था कि अगर मैं इन परिस्थितियों में और इस विरोधी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर पाया तो एक क्रिकेटर के तौर पर मुझे इस पर गर्व होगा। दोनों टीमों के महान खिलाड़ियों को खेलते देखना मेरे लिए प्रेरणास्रोत रहा। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, यहां तक कि वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी, जिनसे मैं सचमुच प्रभावित रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम उन्होंने जिस तरह से क्रिकेट खेली और जिस तरह से वह आपका सामना करते हैं और खेल पर नियंत्रण बना रहे थे, यही कुछ ऐसा था जिसने मुझे यहां आने और ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में मुझे लगा कि उस आक्रामक माहौल का हिस्सा बनने की तुलना में टेलीविजन पर देखना आसान था, लेकिन मैं उन सभी पलों के लिए वास्तव में आभारी हूं क्योंकि इससे मुझे एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में बेहतर बनने में मदद मिली।’
कोहली ने कहा, ‘इस तरह का माहौल वास्तव में आपकी मानसिक मजबूती और लचीलेपन की परीक्षा लेता है क्योंकि एक बार जब आप ऐसे कड़े माहौल में खेलना शुरू कर देते हैं तो आप अपने प्रतिद्वंदी और दर्शकों का सामना करने से नहीं बच सकते।’
केविन पीटरसन से मिली मदद
कोहली ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन के साथ हुई बातचीत को याद किया, जिनके साथ उन्होंने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए ड्रेसिंग रूम साझा किया था, जिससे उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए तैयार होने में मदद मिली। कोहली ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो शुरुआत में मुझे यह समझ नहीं आया। लेकिन केवन पीटरसन ने मुझे ऑस्ट्रेलिया के बारे में कुछ ऐसा बताया कि आपको ऐसा लगता है कि वे पूरे समय आप पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन अपने दिमाग में वे आपके खेल की सराहना करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए इसको दिल पर लेने की जरूरत नहीं। आप बस मैदान पर उतर कर कड़ी क्रिकेट खेलिए। इससे वास्तव में आपको पता चलेगा कि एक खिलाड़ी के रूप में आप किस तरह से आगे बढ़ रहे हैं और इन सब चीजों के लिए मानसिक रूप से किस तरह से तैयार होना होता है। यहां के दर्शकों ने वास्तव में मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।’
कोहली ने कहा, ‘इस तरह की परिस्थितियों में आपके पास अपना 120 प्रतिशत देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। मैं इस तरह की परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाऊंगा इसकी कोई गुंजाइश नहीं थी। इसलिए एक क्रिकेटर के रूप में मैंने यहां वास्तव में अच्छा समय बिताया। यहां मैदान के बाहर लोगों का आपके प्रति रवैया वास्तव में बहुत अच्छा होता है।’
टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके कोहली ने कहा कि उन्होंने हमेशा ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने का पूरा आनंद लिया। उन्होंने कहा, ‘वापस ऑस्ट्रेलिया आकर वास्तव में अच्छा लगता है। यह ऐसी जगह है जहां मैंने अपनी क्रिकेट का भरपूर आनंद लिया। मेरी यहां से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं।’
आईपीएल 2025 खेलने के पांच महीने बाद क्रिकेट में वापसी कर रहे कोहली ने कहा कि टेस्ट और टी20 से संन्यास लेने के बाद वह अपने परिवार के साथ समय बिताने का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिए हुए काफी समय हो गया है। मुझे वर्षों बाद अपने बच्चों और परिवार के साथ कुछ समय बिताने का मौका मिला। यह खूबसूरत दौर रहा और मैंने इसका भरपूर आनंद लिया।’
विराट कोहली ने क्या कहा?
विराट कोहली ने पहले वनडे से पूर्व फॉक्स क्रिकेट से कहा, ‘बचपन में जब हम सुबह जल्दी उठकर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट देखते थे तो मैं खुद को उनके सामने रखकर सोचता था कि अगर मैं इन परिस्थितियों में और इस विरोधी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर पाया तो एक क्रिकेटर के तौर पर मुझे इस पर गर्व होगा। दोनों टीमों के महान खिलाड़ियों को खेलते देखना मेरे लिए प्रेरणास्रोत रहा। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, यहां तक कि वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी, जिनसे मैं सचमुच प्रभावित रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई टीम उन्होंने जिस तरह से क्रिकेट खेली और जिस तरह से वह आपका सामना करते हैं और खेल पर नियंत्रण बना रहे थे, यही कुछ ऐसा था जिसने मुझे यहां आने और ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में मुझे लगा कि उस आक्रामक माहौल का हिस्सा बनने की तुलना में टेलीविजन पर देखना आसान था, लेकिन मैं उन सभी पलों के लिए वास्तव में आभारी हूं क्योंकि इससे मुझे एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में बेहतर बनने में मदद मिली।’
कोहली ने कहा, ‘इस तरह का माहौल वास्तव में आपकी मानसिक मजबूती और लचीलेपन की परीक्षा लेता है क्योंकि एक बार जब आप ऐसे कड़े माहौल में खेलना शुरू कर देते हैं तो आप अपने प्रतिद्वंदी और दर्शकों का सामना करने से नहीं बच सकते।’
केविन पीटरसन से मिली मदद
कोहली ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन के साथ हुई बातचीत को याद किया, जिनके साथ उन्होंने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए ड्रेसिंग रूम साझा किया था, जिससे उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए तैयार होने में मदद मिली। कोहली ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो शुरुआत में मुझे यह समझ नहीं आया। लेकिन केवन पीटरसन ने मुझे ऑस्ट्रेलिया के बारे में कुछ ऐसा बताया कि आपको ऐसा लगता है कि वे पूरे समय आप पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन अपने दिमाग में वे आपके खेल की सराहना करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए इसको दिल पर लेने की जरूरत नहीं। आप बस मैदान पर उतर कर कड़ी क्रिकेट खेलिए। इससे वास्तव में आपको पता चलेगा कि एक खिलाड़ी के रूप में आप किस तरह से आगे बढ़ रहे हैं और इन सब चीजों के लिए मानसिक रूप से किस तरह से तैयार होना होता है। यहां के दर्शकों ने वास्तव में मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।’
कोहली ने कहा, ‘इस तरह की परिस्थितियों में आपके पास अपना 120 प्रतिशत देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। मैं इस तरह की परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाऊंगा इसकी कोई गुंजाइश नहीं थी। इसलिए एक क्रिकेटर के रूप में मैंने यहां वास्तव में अच्छा समय बिताया। यहां मैदान के बाहर लोगों का आपके प्रति रवैया वास्तव में बहुत अच्छा होता है।’
टेस्ट और टी20 से संन्यास ले चुके कोहली ने कहा कि उन्होंने हमेशा ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने का पूरा आनंद लिया। उन्होंने कहा, ‘वापस ऑस्ट्रेलिया आकर वास्तव में अच्छा लगता है। यह ऐसी जगह है जहां मैंने अपनी क्रिकेट का भरपूर आनंद लिया। मेरी यहां से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं।’
आईपीएल 2025 खेलने के पांच महीने बाद क्रिकेट में वापसी कर रहे कोहली ने कहा कि टेस्ट और टी20 से संन्यास लेने के बाद वह अपने परिवार के साथ समय बिताने का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिए हुए काफी समय हो गया है। मुझे वर्षों बाद अपने बच्चों और परिवार के साथ कुछ समय बिताने का मौका मिला। यह खूबसूरत दौर रहा और मैंने इसका भरपूर आनंद लिया।’
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