कहते हैं लालच एक ऐसी बुरी लत है, जो कभी खत्म नहीं होती। दिल्ली के लाल किले से हीरों से जड़ा सोने का कलश उड़ाने वाले भूषण वर्मा की भी यही कहानी है। एक बार चोरी की, बच निकला तो मन बढ़ गया। उसका लालच बढ़ता चला गया और इस बार उसने करीब 1 करोड़ के कीमती सामान पर हाथ साफ कर डाला। भूषण वर्मा..एक ऐसा शातिर चोर, जिसकी शक्ल देखकर शायद ही कोई शक करे। लेकिन चोरी करना उसकी आदत बन चुकी थी।
भूषण ने 3 सितंबर को फिर से चोरी को अंजाम दिया। लेकिन इस बार उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और वो दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। अब पुलिस की जांच में उसके चोरी करने के तरीके को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस के मुताबिक 50 साल का भूषण एक आदतन अपराधी है। कहां चोरी करनी है, कहां उसे कीमती सामान मिलेगा, इसके लिए वो पूरा होमवर्क करता था। कैसे 40 ग्राम के एक कलश ने उसे लालची बना दिया? आइए रूबरू होते हैं भूषण वर्मा की गजब कहानी से
आनंद विहार से चुराया सोने का कलश पुलिस की जानकारी में यह बात सामने आई कि भूषण कोई पहली बार चोरी नहीं कर रहा था। 2016 में भूषण को एक अस्पताल में नर्स का पर्स चुराते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। पिछले महीने 7 अगस्त को दिल्ली के आनंद विहार में जैन समाज का ही एक धार्मिक कार्यक्रम था। वहां से उसने एक छोटा करीब 40 ग्राम सोने का कलश चुरा लिया। इस चोरी के बाद वो आसानी से बच गया। बस इसी के बाद वो खुद को इतना शातिर समझने लगा कि उसे यकीन हो गया कि वो पकड़ा नहीं जाएगा। वो लग गया अगली चोरी को अंजाम देने की साजिश रचने के लिए।
इंटरनेट पर तलाशता कार्यक्रम भले ही भूषण मोबाइल नहीं रखता था, लेकिन उसे तकनीक का इस्तेमाल बखूबी आता था। 40 ग्राम का कलश चुराने के बाद उसका लालच बढ़ चुका था। उसने यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जैन मंदिरों के कार्यक्रमों को तलाशना शुरू कर दिया। इसी तलाश में उसे पता चला कि लाल किले के पास 15 अगस्त पार्क में 28 अगस्त से 9 सितंबर के बीच जैन पर्व का आयोजन हो रहा है।
दो दिनों तक की सेवा इस बार उसकी नजर सोने के उस बड़े कलश पर थी, जिस पर हीरे जड़े हुए हैं। कीमत करीब 1 करोड़ रुपये। हापुड़ का रहने वाला भूषण जैन पर्व में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गया। उसने खुद जैन मुनि का वेष धारण कर लिया। उसने दो दिनों तक धार्मिक कार्यक्रम में सेवा की ताकि किसी को उस पर शक न हो। इस बीच उसने पूरी जगह की अच्छे से रेकी और सारे सुरक्षा इंतजामों का मुआयना कर लिया। इस बार भी उसे भरोसा हो गया था कि वो पकड़ा नहीं जाएगा।
इस बार नहीं चला Luck भूषण की प्लानिंग बहुत ही उम्दा थी, लेकिन उसने इस बार जगह गलत चुन ली थी। जिस कार्यक्रम से उसने सोने का कलश उड़ाने की साजिश रची, उस कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी भाग लिया था। उन्हीं के स्वागत की तैयारियों में हो रही भागदौड़ के बीच उसने मंच से कलश गायब कर दिया। लेकिन सीसीटीवी में वो दिखाई दे गया। दिल्ली पुलिस ने e-Face app और पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड से मैच किया तो उसकी पूरी कुंडली खुलकर सामने आ गई। पुलिस ने भूषण और उसकी मदद करने वाले दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
भूषण ने 3 सितंबर को फिर से चोरी को अंजाम दिया। लेकिन इस बार उसकी किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और वो दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। अब पुलिस की जांच में उसके चोरी करने के तरीके को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस के मुताबिक 50 साल का भूषण एक आदतन अपराधी है। कहां चोरी करनी है, कहां उसे कीमती सामान मिलेगा, इसके लिए वो पूरा होमवर्क करता था। कैसे 40 ग्राम के एक कलश ने उसे लालची बना दिया? आइए रूबरू होते हैं भूषण वर्मा की गजब कहानी से
आनंद विहार से चुराया सोने का कलश पुलिस की जानकारी में यह बात सामने आई कि भूषण कोई पहली बार चोरी नहीं कर रहा था। 2016 में भूषण को एक अस्पताल में नर्स का पर्स चुराते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। पिछले महीने 7 अगस्त को दिल्ली के आनंद विहार में जैन समाज का ही एक धार्मिक कार्यक्रम था। वहां से उसने एक छोटा करीब 40 ग्राम सोने का कलश चुरा लिया। इस चोरी के बाद वो आसानी से बच गया। बस इसी के बाद वो खुद को इतना शातिर समझने लगा कि उसे यकीन हो गया कि वो पकड़ा नहीं जाएगा। वो लग गया अगली चोरी को अंजाम देने की साजिश रचने के लिए।
इंटरनेट पर तलाशता कार्यक्रम भले ही भूषण मोबाइल नहीं रखता था, लेकिन उसे तकनीक का इस्तेमाल बखूबी आता था। 40 ग्राम का कलश चुराने के बाद उसका लालच बढ़ चुका था। उसने यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जैन मंदिरों के कार्यक्रमों को तलाशना शुरू कर दिया। इसी तलाश में उसे पता चला कि लाल किले के पास 15 अगस्त पार्क में 28 अगस्त से 9 सितंबर के बीच जैन पर्व का आयोजन हो रहा है।
दो दिनों तक की सेवा इस बार उसकी नजर सोने के उस बड़े कलश पर थी, जिस पर हीरे जड़े हुए हैं। कीमत करीब 1 करोड़ रुपये। हापुड़ का रहने वाला भूषण जैन पर्व में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गया। उसने खुद जैन मुनि का वेष धारण कर लिया। उसने दो दिनों तक धार्मिक कार्यक्रम में सेवा की ताकि किसी को उस पर शक न हो। इस बीच उसने पूरी जगह की अच्छे से रेकी और सारे सुरक्षा इंतजामों का मुआयना कर लिया। इस बार भी उसे भरोसा हो गया था कि वो पकड़ा नहीं जाएगा।
इस बार नहीं चला Luck भूषण की प्लानिंग बहुत ही उम्दा थी, लेकिन उसने इस बार जगह गलत चुन ली थी। जिस कार्यक्रम से उसने सोने का कलश उड़ाने की साजिश रची, उस कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी भाग लिया था। उन्हीं के स्वागत की तैयारियों में हो रही भागदौड़ के बीच उसने मंच से कलश गायब कर दिया। लेकिन सीसीटीवी में वो दिखाई दे गया। दिल्ली पुलिस ने e-Face app और पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड से मैच किया तो उसकी पूरी कुंडली खुलकर सामने आ गई। पुलिस ने भूषण और उसकी मदद करने वाले दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
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