कोलकाता: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के दौरे से उन्हें बाहर रखने के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए उनकी उपलब्धता साबित करती है कि वह फिट हैं। इस बारे में चयन समिति को अपडेट करना उनका काम नहीं है। शमी ने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और वरुण चक्रवर्ती के साथ देश के शीर्ष विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। शमी टखने और घुटने की बार बार होने वाली चोटों से जूझ रहे हैं जिसके लिए 2023 विश्व कप के बाद उनकी सर्जरी हुई थी।
35 साल के शमी पिछले कुछ समय से भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। वह भारत के लिए अंतिम बार जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेले थे। ईडन गार्डन्स में उत्तराखंड के खिलाफ बंगाल के पहले रणजी मैच की पूर्व संध्या पर शमी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है कि चयन मेरे हाथ में नहीं है। अगर फिटनेस का कोई मुद्दा होता तो मैं यहां बंगाल के लिए नहीं खेल रहा होता।’
ऑस्ट्रेलिया के 19 अक्टूबर से शुरू हो रहे दौरे के लिए भारत की सीमित ओवरों की टीम में जगह नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुझे इस पर बात करके विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है। अगर मैं चार दिवसीय खेल सकता हूं तो मैं 50 ओवरों का क्रिकेट भी खेल सकता हूं।’
शमी ने कहा कि चयनकर्ताओं को अपनी फिटनेस की जानकारी देना उनका काम नहीं है। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टीम की घोषणा के बाद कहा था कि उनके पास शमी की फिटनेस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अपडेट देने की बात करें तो अपडेट देना या अपडेट मांगना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। अपनी फिटनेस के बारे में अपडेट देना मेरा काम नहीं है। मेरा काम एनसीए जाना, तैयारी करना और मैच खेलना है। वो उनकी बात है, उन्हें कौन अपडेट देता है, किसने नहीं दिया। यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है।'
उन्होंने उन नियमों का हवाला देते हुए यह बात कही जिनके तहत सीओई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करता है। भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, शमी आशावादी हैं लेकिन व्यावहारिक भी। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि आपको अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ का चयन करना चाहिए। यह देश का मामला है। देश को जीतना चाहिए। हम सभी को खुश होना चाहिए। मैं हमेशा यही कहता हूं। चुनौतियों से लड़ते रहो, खेलते रहो। अगर आप अच्छा प्रदर्शन करोगे, तो इसका फायदा आपको भी होगा। चयन मेरे हाथ में नहीं है। मैं सिर्फ तैयारी कर सकता हूं और मैच खेल सकता हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। अगर आप मुझे नहीं चुनते तो मैं यहां आकर बंगाल के लिए खेलूंगा। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।’
शमी ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेल में एक खिलाड़ी हमेशा निरंतर प्रदर्शन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘मैं दर्द में नहीं खेलना चाहता या टीम को तकलीफ नहीं देना चाहता। मैं ऑपरेशन के बाद वापसी करना चाहता था। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं। जब भी वे (चयनकर्ता) चाहेंगे, मैं खेलने के लिए तैयार हूं।’
शमी ने कहा कि वह अब भी घरेलू क्रिकेट को महत्व देते हैं क्योंकि इससे किसी भी क्रिकेटर की असली परीक्षा होती है। वहीं बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी शमी के फिट होकर वापसी की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल सर्जरी से लौटने के बाद वह थोड़े लंगड़ा रहे थे। लेकिन अब वह पूरी तरह से फिट होकर दौड़ रहे हैं, अब कोई परेशानी नहीं है। हम सहयोगी स्टाफ के बीच भी इस पर चर्चा कर रहे थे। शमी पूरी तरह से फिट हैं और पिछले साल से ज्यादा फिट हैं। वह शत प्रतिशत फिट हैं।’
35 साल के शमी पिछले कुछ समय से भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। वह भारत के लिए अंतिम बार जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेले थे। ईडन गार्डन्स में उत्तराखंड के खिलाफ बंगाल के पहले रणजी मैच की पूर्व संध्या पर शमी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है कि चयन मेरे हाथ में नहीं है। अगर फिटनेस का कोई मुद्दा होता तो मैं यहां बंगाल के लिए नहीं खेल रहा होता।’
ऑस्ट्रेलिया के 19 अक्टूबर से शुरू हो रहे दौरे के लिए भारत की सीमित ओवरों की टीम में जगह नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मुझे इस पर बात करके विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है। अगर मैं चार दिवसीय खेल सकता हूं तो मैं 50 ओवरों का क्रिकेट भी खेल सकता हूं।’
शमी ने कहा कि चयनकर्ताओं को अपनी फिटनेस की जानकारी देना उनका काम नहीं है। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टीम की घोषणा के बाद कहा था कि उनके पास शमी की फिटनेस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अपडेट देने की बात करें तो अपडेट देना या अपडेट मांगना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। अपनी फिटनेस के बारे में अपडेट देना मेरा काम नहीं है। मेरा काम एनसीए जाना, तैयारी करना और मैच खेलना है। वो उनकी बात है, उन्हें कौन अपडेट देता है, किसने नहीं दिया। यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है।'
उन्होंने उन नियमों का हवाला देते हुए यह बात कही जिनके तहत सीओई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करता है। भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, शमी आशावादी हैं लेकिन व्यावहारिक भी। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि आपको अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ का चयन करना चाहिए। यह देश का मामला है। देश को जीतना चाहिए। हम सभी को खुश होना चाहिए। मैं हमेशा यही कहता हूं। चुनौतियों से लड़ते रहो, खेलते रहो। अगर आप अच्छा प्रदर्शन करोगे, तो इसका फायदा आपको भी होगा। चयन मेरे हाथ में नहीं है। मैं सिर्फ तैयारी कर सकता हूं और मैच खेल सकता हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। अगर आप मुझे नहीं चुनते तो मैं यहां आकर बंगाल के लिए खेलूंगा। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।’
शमी ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेल में एक खिलाड़ी हमेशा निरंतर प्रदर्शन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘मैं दर्द में नहीं खेलना चाहता या टीम को तकलीफ नहीं देना चाहता। मैं ऑपरेशन के बाद वापसी करना चाहता था। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं। जब भी वे (चयनकर्ता) चाहेंगे, मैं खेलने के लिए तैयार हूं।’
शमी ने कहा कि वह अब भी घरेलू क्रिकेट को महत्व देते हैं क्योंकि इससे किसी भी क्रिकेटर की असली परीक्षा होती है। वहीं बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी शमी के फिट होकर वापसी की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल सर्जरी से लौटने के बाद वह थोड़े लंगड़ा रहे थे। लेकिन अब वह पूरी तरह से फिट होकर दौड़ रहे हैं, अब कोई परेशानी नहीं है। हम सहयोगी स्टाफ के बीच भी इस पर चर्चा कर रहे थे। शमी पूरी तरह से फिट हैं और पिछले साल से ज्यादा फिट हैं। वह शत प्रतिशत फिट हैं।’
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