नई दिल्ली: चीन की एयरलाइन ‘चाइना ईस्टर्न’ रविवार से दिल्ली और शंघाई के बीच उड़ान सेवा फिर से शुरू कर रही है। यह कदम कुछ दिन पहले ‘इंडिगो’ एयरलाइन की ओर से कोलकाता से ग्वांगझू के लिए उड़ान शुरू करने के बाद उठाया गया है। दोनों देशों के बीच लगभग पांच साल के लंबे अंतराल के बाद हवाई सेवाएं बहाल हो रही हैं। इन्हें कोरोना महामारी और सीमा विवाद के कारण निलंबित कर दिया गया था। 'एविएशन डिप्लोमेसी' के जरिये यह भारत और चीन के रिश्तों में बर्फ पिघलने का संकेत है। भारत और चीन इस दिशा में ऐसे समय बढ़ रहे हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीतियों से दोनों को छलनी किया है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका भारत को तुरुप के इक्के की तरह देखता है। ऐसे में भारत और चीन के रिश्तों की मिठास उसके फायदे में नहीं है।
‘चाइना ईस्टर्न’ की यह उड़ान दिल्ली से रात आठ बजे उड़ान भरेगी और अगले दिन सोमवार तड़के शंघाई पहुंचेगी। शंघाई से यह उड़ान दोपहर 12:30 बजे रवाना होकर शाम छह बजे तक दिल्ली पहुंच जाएगी। यह सेवा एक दिन के अंतराल पर संचालित की जाएगी।
भारत ने किया इस पहल का स्वागत
शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उड़ान सेवाओं के फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी का एक नया दौर शुरू होगा। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत और शंघाई के नेतृत्व वाले पूर्वी चीन क्षेत्र के बीच लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।
प्रतीक माथुर ने बताया कि इससे भारत को पूर्वी चीन क्षेत्र से जुड़ने में मदद मिलेगी। यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इसमें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का हब हांग्झोऊ और चीन की ‘कपड़ा राजधानी’ कहे जाने वाले केकियाओ जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र शामिल हैं।
5 साल से रुकी हुई हैं हवाई सेवाएं
‘इंडिगो’ एयरलाइन 10 नवंबर से दिल्ली से ग्वांगझू के लिए अपनी दैनिक उड़ानें शुरू करेगी। इससे पहले ‘इंडिगो’ ने 26 अक्टूबर को कोलकाता से ग्वांगझू के लिए उड़ान सेवा शुरू करके औपचारिक रूप से उड़ानों को फिर से शुरू किया था।
साल 2020 में कोरोना महामारी के फैलने के बाद भारत और चीन के बीच हवाई सेवाएं रोक दी गई थीं। इसके बाद पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सीमा गतिरोध के कारण इन सेवाओं को फिर से शुरू नहीं किया गया था। अब इन उड़ानों के फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कदम दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों की बहाली की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
‘चाइना ईस्टर्न’ की यह उड़ान दिल्ली से रात आठ बजे उड़ान भरेगी और अगले दिन सोमवार तड़के शंघाई पहुंचेगी। शंघाई से यह उड़ान दोपहर 12:30 बजे रवाना होकर शाम छह बजे तक दिल्ली पहुंच जाएगी। यह सेवा एक दिन के अंतराल पर संचालित की जाएगी।
भारत ने किया इस पहल का स्वागत
शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि उड़ान सेवाओं के फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी का एक नया दौर शुरू होगा। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत और शंघाई के नेतृत्व वाले पूर्वी चीन क्षेत्र के बीच लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।
प्रतीक माथुर ने बताया कि इससे भारत को पूर्वी चीन क्षेत्र से जुड़ने में मदद मिलेगी। यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इसमें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का हब हांग्झोऊ और चीन की ‘कपड़ा राजधानी’ कहे जाने वाले केकियाओ जैसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र शामिल हैं।
5 साल से रुकी हुई हैं हवाई सेवाएं
‘इंडिगो’ एयरलाइन 10 नवंबर से दिल्ली से ग्वांगझू के लिए अपनी दैनिक उड़ानें शुरू करेगी। इससे पहले ‘इंडिगो’ ने 26 अक्टूबर को कोलकाता से ग्वांगझू के लिए उड़ान सेवा शुरू करके औपचारिक रूप से उड़ानों को फिर से शुरू किया था।
साल 2020 में कोरोना महामारी के फैलने के बाद भारत और चीन के बीच हवाई सेवाएं रोक दी गई थीं। इसके बाद पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सीमा गतिरोध के कारण इन सेवाओं को फिर से शुरू नहीं किया गया था। अब इन उड़ानों के फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कदम दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों की बहाली की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
You may also like

देश की सबसे अत्याधुनिक तकनीक से तैयार हो रहा है पीवीयूएनएल प्लांट : सीईओ

निगम ने अभियान चलाकर हटाया छह अवैध होर्डिंग्स

आरोप : दो बहुओं ने वृद्ध सास को बेरहमी से पीटा, डाई पिलाने की कोशिश

मध्य प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप: हत्या और डकैती के मामले सामने आए

शराब का सीमित सेवन और नई भाषाएँ: शोध में दिलचस्प निष्कर्ष




