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Rajasthan: महेश जोशी फंसे ED के चंगुल में, JJM घोटाले में हुई गिरफ्तारी, किरोड़ी मीणा के आंदोलन की हुई जीत

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जयपुर: भजनलाल सरकार में पहली बार जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्ववर्ती कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. महेश जोशी लंबे समय से ईडी के रडार पर थे। पिछले तीन साल से उनके खिलाफ कई जांच एजेंसियां पड़ी हुई थी। जेजेएम घोटाले में उनका नाम आने पर वे अपना बचाव करते रहे और सभी तरह के आरोपों को झूठा करार देते रहे। आखिर में उनके पैंतरे फेल साबित हुए। डॉ. महेश जोशी गुरुवार 24 अप्रैल की दोपहर को ईडी दफ्तर में पेश होने गए थे। लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के आंदोलन की हुई जीतजेजेएम घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में ही उजागर हो गया था। तब भाजपा विपक्ष में थी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस घोटाले को लेकर खूब आंदोलन किया। महेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए डॉ. मीणा अशोक नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे। उन्होंने घोटाले से जुड़े तमाम सबूत एकत्रित करके ईडी को सौंप दिए थे। ईडी में इस घोटाले को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई। दिसंबर 2023 में प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी डॉ. मीणा ने इस मुद्दे को खूब उठाया और कार्रवाई की मांग करते रहे। हालांकि ईडी लगातार डॉ. महेश जोशी को नोटिस देती रही लेकिन वे बचते रहे। अब वे खुद ईडी दफ्तर पेश होने गए तो पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। घोटाले की पूरी कहानी यहां पढ़ेंपूर्ववर्ती सरकार के समय जेजेएम में घोटाले को लेकर कई बार शिकायतें हुई लेकिन तत्कालीन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। फरवरी 2023 में यूपी के पदम सिंह ने जलदाय विभाग के अफसरों को ईमेल भेजकर फर्जी तरीके से टेंडर लेने वाली फर्मों के खिलाफ शिकायत भेजी लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मार्च 2023 में एडवोकेट मनेश कुमार कलवानिया ने भी पीएचईडी के अधिकारियों को लिखित में शिकायतें भेजी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अगस्त 2023 में एसीबी की टीम ने पीएचईडी के इंजीनियर मायाराम सैनी, प्रदीप, पदमचंद जैन, मलकेत सिंह और प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया था। फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने वाली फर्म श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एसीबी ने सितंबर 2023 में एफआईआर दर्ज की थी। चूंकि घोटाला करोड़ों रुपए का था। ऐसे में इस प्रकरण में ईडी की भी एंट्री हुई थी। ईडी भी ठेकेदार सहित कई दलालों को गिरफ्तार करके पूछताछ कर चुकी है।
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