नई दिल्ली: दिल्ली में 10 नवंबर, 2025 को लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के दो दिनों बाद जैश ए मोहम्मद के संदिग्ध आतंकियों की बहुत ही खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है। अबतक की जांच के बाद ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि फरीदाबाद 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' दिल्ली-एनसीआर में मुंबई में हुए 26/11 जैसे हमलों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। दिल्ली ब्लास्ट में अबतक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग जख्मी हैं, जिनका इलाज चल रहा है। अबतक इस हमले को एक आत्मघाती हमला समझा जा रहा है, जिसमें डॉ उमर नबी नाम के जैश के संदिग्ध आतंकी ने खुद को सुसाइड बॉम्बर की तरह इस्तेमाल किया।
दिल्ली के कई अहम ठिकानें टारगेट पर थे
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली ब्लास्ट की अबतक की जांच में यह पता चला है कि हमलावरों के निशाने पर लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसे प्रमुख स्थान टारगेट पर थे। रिपोर्ट के अनुसार यह टेरर मॉड्यूल आतंकी हमलों के माध्यम से देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश भी रच रहा है। लाल किले के पास हुए धमाके में पास के गौरी शंकर मंदिर और दिगंबर जैन मंदिर को काफी नुकसान भी हुआ है। उनकी खिड़कियों की कांच टूट गए हैं और विस्फोट में हताहत हुए लोगों के अंगों के चिथड़े भी वहां तक पहुंचे हैं।
रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल भी थे निशाना
इनके अलावा वे देश भर में रेलवे स्टेशनों और शॉपिंग मॉल को भी निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। इस साल 26 जनवरी के दिन हमले की साजिश को लेकर संदिग्धों के द्वारा लाल किले की बार-बार रेकी किए जाने की खबर एनबीटी ऑनलाइन पहले ही दे चुका है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जैश ए मोहम्मद के आतंकी दिल्ली में हमले की साजिश इस साल जनवरी से ही रच रहे थे।
200 आईईडी बना रहे थे आतंकी
रिपोर्ट में बताया गया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े दहशत के डॉक्टरों ने अपनी नापाक साजिश को अंजाम देने के लिए करीब 200 शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने में जुटे हुए थे। इससे ये डॉक्टर राजधानी दिल्ली के अलावा पड़ोसी एनसीआर के गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों को भी निशाना बनाना चाहते थे।
मुंबई की तरह दहलाने की थी साजिश
26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई ठिकानों पर एक साथ हमला बोला था। इस दौरान उन्होंने मायानगरी के 12 महत्वपूर्ण जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की और विस्फोटों को अंजाम दिया, जिसमें गेटवे ऑफ इंडिया के पास मौजूद प्रतिष्ठित ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस भी शामिल थे।
दिल्ली के कई अहम ठिकानें टारगेट पर थे
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली ब्लास्ट की अबतक की जांच में यह पता चला है कि हमलावरों के निशाने पर लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसे प्रमुख स्थान टारगेट पर थे। रिपोर्ट के अनुसार यह टेरर मॉड्यूल आतंकी हमलों के माध्यम से देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश भी रच रहा है। लाल किले के पास हुए धमाके में पास के गौरी शंकर मंदिर और दिगंबर जैन मंदिर को काफी नुकसान भी हुआ है। उनकी खिड़कियों की कांच टूट गए हैं और विस्फोट में हताहत हुए लोगों के अंगों के चिथड़े भी वहां तक पहुंचे हैं।
रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल भी थे निशाना
इनके अलावा वे देश भर में रेलवे स्टेशनों और शॉपिंग मॉल को भी निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। इस साल 26 जनवरी के दिन हमले की साजिश को लेकर संदिग्धों के द्वारा लाल किले की बार-बार रेकी किए जाने की खबर एनबीटी ऑनलाइन पहले ही दे चुका है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जैश ए मोहम्मद के आतंकी दिल्ली में हमले की साजिश इस साल जनवरी से ही रच रहे थे।
200 आईईडी बना रहे थे आतंकी
रिपोर्ट में बताया गया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े दहशत के डॉक्टरों ने अपनी नापाक साजिश को अंजाम देने के लिए करीब 200 शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने में जुटे हुए थे। इससे ये डॉक्टर राजधानी दिल्ली के अलावा पड़ोसी एनसीआर के गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों को भी निशाना बनाना चाहते थे।
मुंबई की तरह दहलाने की थी साजिश
26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई ठिकानों पर एक साथ हमला बोला था। इस दौरान उन्होंने मायानगरी के 12 महत्वपूर्ण जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की और विस्फोटों को अंजाम दिया, जिसमें गेटवे ऑफ इंडिया के पास मौजूद प्रतिष्ठित ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस भी शामिल थे।
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