'द हिट गर्ल' और 'द जुबली गर्ल' के नाम से मशहूर ये एक्ट्रेस अपने दौर की मशहूर अदाकारा थीं। इन्होंने कई फिल्मों में काम किया और बैक-टू-बैट हिट्स भी दीं। मगर बाद में अभिनय छोड़ दूसरी फील्ड को अपनी रोजी-रोटी बना ली। इनका नाम आशा पारेख है और आज हम अपने स्पेशल सेगमेंट 'संडे सिनेमा' में इनके ही बारे में बात करने जा रहे हैं। इनके परिवारवालों से लेकर इनकी लव लाइफ, एक्टिंग की दुनिया और कुछ अधूरी ख्वाहिशों के बारे में बताएंगे। चलिए शुरू करते हैं।
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर, 1942 को मुंबई के सांता क्रूज में हुआ था। इनकी मां का नाम सलमा था और वह बोहरी मुस्लिम थीं। लेकिन पिता प्राणलाल पारेख गुजराती हिंदू थे। तो शादी के बाद वह सुधा पारेख हो गई थीं। उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया था। और वह एक स्वतंत्रता सेनानी थीं। जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध किया था और जेल भी गई थीं। इस दौरान आशा पारेख उनकी कोख में थीं।
जेल में पैदा होतीं आशा पारेख
आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां कुछ वक्त जेल में थीं और वह उनके गर्भ में थी। लेकिन चाचा ने मां को घर ले जाने का फैसला किया था, जिससे वह अपने बच्चे को जन्म दे सकें। वरना एक्ट्रेस का जन्म जेल में होता। उन्होंने अन्नू कपूर के शो में बताया था, 'अगर मेरे अंकल ने मेरी मां को रिहा न करवाया होता तो शायद मेरा जन्म जेल में होता।'
आशा पारेख को साईं बाबा ने दिए थे दर्शन
आशा पारेख ने बताया था कि वह बहुत आध्यात्मिक हैं। उससे उन्हें बहुत शांकि मिलती है। जब भी वह मुश्किल में होती हैं तो भगवान को याद करती हैं और उनकी परेशानी दूर हो जाती है। उन्बोंने बताया था कि उनके साथ कई चमत्कार भी हुए हैं। जैसे कि एक बार उन्हें टाइफाइड हो गया था और डॉक्टर्स ने कहा था कि ठीक होने में समय लगेगा लेकिन जब साईं बाबा से प्रार्थना की तो उन्होंने रात में सपने में दर्शन दिए। दूसरे दिन वह जब उठीं तो ठीक हो गई थीं। एक्ट्रेस ने बताया था कि वह मंदिर जाती हैं। लेकिन कोई ताबीज नहीं पहनतीं। सिर्फ हनुमान चालीसा का जाप करती हैं। आध्यात्मिक किताबें पढ़ती हैं।
आशा पारेख क्यों हैं 'जुबली गर्ल'
आशा पारेख को 'जुबली गर्ल' क्यों कहा जाता था, वो भी जान लीजिए। दरअसल, इनकी फिल्म 'शिखर' और 'मेरा गांव मेरा देश' गोल्डन जुबली रही थी। इसके अलावा, कुछ और फिल्में भी सिल्वर जुबली की लिस्ट में शामिल हुई थीं, जिस वजह से इनका वो निकनेम मिला। उन्होंने कहा था, 'मैं इकलौती ऐसी एक्ट्रेस थी, जिसके नाम से फिल्में बिकती थीं।'
आशा पारेख और नासिर हुसैन का रिश्ता
आशा पारेख को आमिर खान के चाचा और फेमस डायरेक्टर नासिर हुसैन से प्यार हो गया था। वह उम्र में 16 साल बड़े थे। और शादीशुदा थे। बच्चों के पिता थे। इसलिए एक्ट्रेस ने उनसे शादी के बारे में नहीं सोचा क्योंकि वह 'घर तोड़ने वाली' नहीं बनना चाहती थीं। उनके बच्चों को सदमा नहीं पहुंचाना चाहती थीं। लेकिन उन्होंने ये कबूला था कि वह ही एकमात्र इंसान थे, जिनसे उनको मोहब्बत हुई थी।
आशा पारेख कुंवारी हैं, न शादी हुई और न बच्चा
आशा पारेख 83 साल की हैं। और ऐसा नहीं था कि वह कभी शादी करना ही नहीं चाहती थीं। उन्होंने बताया था कि उनकी मां उनकी शादी कराना चाहती थीं और बहुत एक्साइटेड भी थीं। उनके लिए सामान भी इकट्ठा किया हुआ था। कई लड़कों से मिली भी थीं। लेकिन वह उनके लायक नहीं थे। इसके अलावा, कुंडली में भी उनकी शादी को लेकर भविष्यवाणी थी कि शादी सफल नहीं होगी इसलिए मां ने बेटी को दुल्हन के रूप में देखने का सपना छोड़ दिया था। एक्ट्रेस ने कहा था कि वह सिर्फ शादी का टैग लगाने के लिए साद नहीं करना चाहती थीं। मनचाहा साथी चाहती थीं, जो नहीं मिला इसलिए आज तक मांग सूनी है।
आशा पारेख बच्चा गोद लेने वाली थीं, लेकिन बदला फैसला
आशा पारेख ने कहा था कि शायद भगवान उनकी जोड़ी बनाना ही भूल गए, जिस वजह से उनकी शादी का संयोग ही नहीं बना। उन्होंने कहा था कि वह शादी और बच्चे करना चाहती थीं लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनको इसका को पछतावा नहीं है। 'एक बार बच्चा गोद लेने की कोशिश जरूर की थी लेकिन ये सपना अधूरा ही रह गया। लेकिन कोई मलाल नहीं है। क्योंकि आजकल के बच्चों को देखती हूं, जो पेरेंट्स का ख्याल नहीं रखते तो लगता है कि अच्छा हुआ नहीं अडॉप्ट किया। और न दोबारा इस बारे में सोचा।'
आशा पारेख को मिले 5 फिल्मफेयर और दादा साहब फाल्के
आशा पारेख वह फिल्मों से दूर हैं। और अपनी डांस अकैडमी कारा भवन चलाती हैं। उन्हें पद्मश्री और दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इन्होंने दो बेस्ट एक्ट्रेस के लिए, दो सपोर्टिंग एक्टेस के लिए और एक लाइफटाइम अचीवमेंट्स का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला है।
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर, 1942 को मुंबई के सांता क्रूज में हुआ था। इनकी मां का नाम सलमा था और वह बोहरी मुस्लिम थीं। लेकिन पिता प्राणलाल पारेख गुजराती हिंदू थे। तो शादी के बाद वह सुधा पारेख हो गई थीं। उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया था। और वह एक स्वतंत्रता सेनानी थीं। जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध किया था और जेल भी गई थीं। इस दौरान आशा पारेख उनकी कोख में थीं।
जेल में पैदा होतीं आशा पारेख
आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां कुछ वक्त जेल में थीं और वह उनके गर्भ में थी। लेकिन चाचा ने मां को घर ले जाने का फैसला किया था, जिससे वह अपने बच्चे को जन्म दे सकें। वरना एक्ट्रेस का जन्म जेल में होता। उन्होंने अन्नू कपूर के शो में बताया था, 'अगर मेरे अंकल ने मेरी मां को रिहा न करवाया होता तो शायद मेरा जन्म जेल में होता।'

आशा पारेख को साईं बाबा ने दिए थे दर्शन
आशा पारेख ने बताया था कि वह बहुत आध्यात्मिक हैं। उससे उन्हें बहुत शांकि मिलती है। जब भी वह मुश्किल में होती हैं तो भगवान को याद करती हैं और उनकी परेशानी दूर हो जाती है। उन्बोंने बताया था कि उनके साथ कई चमत्कार भी हुए हैं। जैसे कि एक बार उन्हें टाइफाइड हो गया था और डॉक्टर्स ने कहा था कि ठीक होने में समय लगेगा लेकिन जब साईं बाबा से प्रार्थना की तो उन्होंने रात में सपने में दर्शन दिए। दूसरे दिन वह जब उठीं तो ठीक हो गई थीं। एक्ट्रेस ने बताया था कि वह मंदिर जाती हैं। लेकिन कोई ताबीज नहीं पहनतीं। सिर्फ हनुमान चालीसा का जाप करती हैं। आध्यात्मिक किताबें पढ़ती हैं।

आशा पारेख क्यों हैं 'जुबली गर्ल'
आशा पारेख को 'जुबली गर्ल' क्यों कहा जाता था, वो भी जान लीजिए। दरअसल, इनकी फिल्म 'शिखर' और 'मेरा गांव मेरा देश' गोल्डन जुबली रही थी। इसके अलावा, कुछ और फिल्में भी सिल्वर जुबली की लिस्ट में शामिल हुई थीं, जिस वजह से इनका वो निकनेम मिला। उन्होंने कहा था, 'मैं इकलौती ऐसी एक्ट्रेस थी, जिसके नाम से फिल्में बिकती थीं।'
आशा पारेख और नासिर हुसैन का रिश्ता
आशा पारेख को आमिर खान के चाचा और फेमस डायरेक्टर नासिर हुसैन से प्यार हो गया था। वह उम्र में 16 साल बड़े थे। और शादीशुदा थे। बच्चों के पिता थे। इसलिए एक्ट्रेस ने उनसे शादी के बारे में नहीं सोचा क्योंकि वह 'घर तोड़ने वाली' नहीं बनना चाहती थीं। उनके बच्चों को सदमा नहीं पहुंचाना चाहती थीं। लेकिन उन्होंने ये कबूला था कि वह ही एकमात्र इंसान थे, जिनसे उनको मोहब्बत हुई थी।

आशा पारेख 83 साल की हैं। और ऐसा नहीं था कि वह कभी शादी करना ही नहीं चाहती थीं। उन्होंने बताया था कि उनकी मां उनकी शादी कराना चाहती थीं और बहुत एक्साइटेड भी थीं। उनके लिए सामान भी इकट्ठा किया हुआ था। कई लड़कों से मिली भी थीं। लेकिन वह उनके लायक नहीं थे। इसके अलावा, कुंडली में भी उनकी शादी को लेकर भविष्यवाणी थी कि शादी सफल नहीं होगी इसलिए मां ने बेटी को दुल्हन के रूप में देखने का सपना छोड़ दिया था। एक्ट्रेस ने कहा था कि वह सिर्फ शादी का टैग लगाने के लिए साद नहीं करना चाहती थीं। मनचाहा साथी चाहती थीं, जो नहीं मिला इसलिए आज तक मांग सूनी है।
आशा पारेख बच्चा गोद लेने वाली थीं, लेकिन बदला फैसला
आशा पारेख ने कहा था कि शायद भगवान उनकी जोड़ी बनाना ही भूल गए, जिस वजह से उनकी शादी का संयोग ही नहीं बना। उन्होंने कहा था कि वह शादी और बच्चे करना चाहती थीं लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनको इसका को पछतावा नहीं है। 'एक बार बच्चा गोद लेने की कोशिश जरूर की थी लेकिन ये सपना अधूरा ही रह गया। लेकिन कोई मलाल नहीं है। क्योंकि आजकल के बच्चों को देखती हूं, जो पेरेंट्स का ख्याल नहीं रखते तो लगता है कि अच्छा हुआ नहीं अडॉप्ट किया। और न दोबारा इस बारे में सोचा।'

आशा पारेख को मिले 5 फिल्मफेयर और दादा साहब फाल्के
आशा पारेख वह फिल्मों से दूर हैं। और अपनी डांस अकैडमी कारा भवन चलाती हैं। उन्हें पद्मश्री और दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इन्होंने दो बेस्ट एक्ट्रेस के लिए, दो सपोर्टिंग एक्टेस के लिए और एक लाइफटाइम अचीवमेंट्स का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला है।
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