हैदराबाद : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बड़ी खबर दी है। स्काईरूट एयरोस्पेस ने अपने सबसे शक्तिशाली KALAM 1200 सॉलिड रॉकेट मोटर का पहला स्टैटिक टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। ISRO ने बताया कि यह विक्रम-1 लॉन्च वीकल का पहला चरण है। यह टेस्ट सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) श्रीहरिकोटा में किया गया।
KALAM 1200 सॉलिड रॉकेट मोटर का पहला स्टैटिक टेस्ट SDSC के स्टैटिक टेस्ट कॉम्प्लेक्स में सुबह 9:05 बजे किया गया। यह विक्रम-1 के विकास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। विक्रम-1 को हैदराबाद की स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड बना रही है।
कलाम 1200 की खासियतSRO ने बताया कि KALAM 1200 मोटर 11 मीटर लंबा और 1.7 मीटर व्यास का है। यह एक ही टुकड़े से बना है। इसमें 30 टन सॉलिड प्रोपेलेंट (ठोस ईंधन) भरा गया है। यह श्रीहरिकोटा के सॉलिड प्रोपेलेंट प्लांट में बना सबसे लंबा मोटर है। ISRO ने इस टेस्ट के लिए एक खास टेस्ट स्टैंड भी बनाया था।
स्पेस पॉलिसी 2023 के बाद बड़ी उपलब्धिISRO का कहना है कि यह उपलब्धि भारत सरकार की स्पेस पॉलिसी 2023 के अनुसार मिली है। यह पॉलिसी प्राइवेट कंपनियों को ISRO के तकनीकी ढांचे और विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसरो ने कहा कि इससे भारत की स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
इसरो ने जताई खुशीइसी हफ्ते, ISRO के चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने NASA और ISRO के मिलकर बनाए गए सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) सैटेलाइट के सफल लॉन्च की भी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि स्वदेशी रूप से विकसित GSLV रॉकेट का उपयोग करके बनाया गया यह अब तक का सबसे सटीक लॉन्च है। NISAR सैटेलाइट को लॉन्च करना भी भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी थी।
KALAM 1200 सॉलिड रॉकेट मोटर का पहला स्टैटिक टेस्ट SDSC के स्टैटिक टेस्ट कॉम्प्लेक्स में सुबह 9:05 बजे किया गया। यह विक्रम-1 के विकास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। विक्रम-1 को हैदराबाद की स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड बना रही है।
कलाम 1200 की खासियतSRO ने बताया कि KALAM 1200 मोटर 11 मीटर लंबा और 1.7 मीटर व्यास का है। यह एक ही टुकड़े से बना है। इसमें 30 टन सॉलिड प्रोपेलेंट (ठोस ईंधन) भरा गया है। यह श्रीहरिकोटा के सॉलिड प्रोपेलेंट प्लांट में बना सबसे लंबा मोटर है। ISRO ने इस टेस्ट के लिए एक खास टेस्ट स्टैंड भी बनाया था।
स्पेस पॉलिसी 2023 के बाद बड़ी उपलब्धिISRO का कहना है कि यह उपलब्धि भारत सरकार की स्पेस पॉलिसी 2023 के अनुसार मिली है। यह पॉलिसी प्राइवेट कंपनियों को ISRO के तकनीकी ढांचे और विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसरो ने कहा कि इससे भारत की स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
इसरो ने जताई खुशीइसी हफ्ते, ISRO के चेयरमैन डॉ. वी नारायणन ने NASA और ISRO के मिलकर बनाए गए सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) सैटेलाइट के सफल लॉन्च की भी तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि स्वदेशी रूप से विकसित GSLV रॉकेट का उपयोग करके बनाया गया यह अब तक का सबसे सटीक लॉन्च है। NISAR सैटेलाइट को लॉन्च करना भी भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी थी।
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