सतना: थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी कक्षा चार की अंकसूची सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के सतना स्थित अपने बचपन के स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर का दौरा किया। 55 साल बाद स्कूल पहुंचे जनरल द्विवेदी ने अपनी मार्कशीट सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे उनका पुराना स्कूल फिर से चर्चा में आ गया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी की प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश के सतना जिले के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई थी। हाल ही में उनकी कक्षा चार की अंकसूची सामने आई। इसके बाद उन्होंने स्कूल देखने की इच्छा जताई।
मार्कशीट देख स्कूल देखने की जताई इच्छा
जनरल द्विवेदी गत एक नवंबर को सतना पहुंचे। वह अपनी बहन के साथ वर्ष 1971-72 के शिक्षण सत्र में इस विद्यालय में कक्षा चार के विद्यार्थी रहे थे। उन्होंने अपनी कक्षा चार की अंकसूची को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया है। जनरल द्विवेदी सतना जिले के निवासी हैं। उनके परिवार के सदस्य समय-समय पर यहां आते रहते हैं। वह करीब 54 वर्ष बाद अपने विद्यालय पहुंचे थे। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय समिति के अध्यक्ष मणिकांत माहेश्वरी ने बताया कि जनरल द्विवेदी कक्षा चार में अध्ययनरत रहे। जब उन्हें अंकसूची मिली तो उन्होंने विद्यालय देखने की इच्छा जताई।
वेरिफिकेशन के लिए स्कूल भेजी मार्कशीट
इसके लिए उन्होंने एक ब्रिगेडियर को फोन किया। ब्रिगेडियर ने विद्यालय की पूरी जानकारी उन्हें दी। माहेश्वरी के अनुसार, जनरल द्विवेदी ने हवाई पट्टी के पास स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की थी। यह उनके गृह जिले से जुड़ाव का प्रतीक है। यह जुड़ाव उन्हें यहां खींच लाया। जनरल द्विवेदी ने विद्यालय की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए कक्षा चौथी की अंकसूची भी विद्यालय भेजी। विद्यालय के रिकार्ड में यह अंकसूची सही पाई गई।
मार्कशीट देख स्कूल देखने की जताई इच्छा
जनरल द्विवेदी गत एक नवंबर को सतना पहुंचे। वह अपनी बहन के साथ वर्ष 1971-72 के शिक्षण सत्र में इस विद्यालय में कक्षा चार के विद्यार्थी रहे थे। उन्होंने अपनी कक्षा चार की अंकसूची को इंटरनेट मीडिया पर भी साझा किया है। जनरल द्विवेदी सतना जिले के निवासी हैं। उनके परिवार के सदस्य समय-समय पर यहां आते रहते हैं। वह करीब 54 वर्ष बाद अपने विद्यालय पहुंचे थे। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय समिति के अध्यक्ष मणिकांत माहेश्वरी ने बताया कि जनरल द्विवेदी कक्षा चार में अध्ययनरत रहे। जब उन्हें अंकसूची मिली तो उन्होंने विद्यालय देखने की इच्छा जताई।
वेरिफिकेशन के लिए स्कूल भेजी मार्कशीट
इसके लिए उन्होंने एक ब्रिगेडियर को फोन किया। ब्रिगेडियर ने विद्यालय की पूरी जानकारी उन्हें दी। माहेश्वरी के अनुसार, जनरल द्विवेदी ने हवाई पट्टी के पास स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की थी। यह उनके गृह जिले से जुड़ाव का प्रतीक है। यह जुड़ाव उन्हें यहां खींच लाया। जनरल द्विवेदी ने विद्यालय की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए कक्षा चौथी की अंकसूची भी विद्यालय भेजी। विद्यालय के रिकार्ड में यह अंकसूची सही पाई गई।
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