ग्रीन टी को पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत माना जाता है। वेट लॉस से लेकर यह हमारी हार्ट हेल्थ के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती है। ग्रीन टी के फायदों को जानकार आजकल ज्यादातर लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं। हालांकि बहुत कम लोगों को ही यह बात पता है कि ग्रीन टी हर किसी के लिए नहीं होती है। यानी कुछ लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में ग्रीन टी के साइड इफेक्ट्स के बारे में भी सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।
डॉ पीयूष मिश्रा, जनरल फिजिशियन एंड इम्यूनाइजेशन ऑफिसर ,नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली, के मुताबिक जरूरत से ज्यादा ग्रीन टी पीना कुछ स्थितियों में बेहद हानिकारक हो सकता है। ग्रीन टी का सेवन बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए भी किया जाता है लेकिन कुछ लोगों को इसे पीने से बचना चाहिए। ज्यादा ग्रीन टी पीने से इसमें मौजूद कैफिन और टेनिन सेहत बिगाड़ सकते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं और एनीमिया की शिकायत वालों को ग्रीन टी से परहेज करना।
इसके अलावा कुछ और स्वास्थ्य समस्याओं में ग्रीन टी फायदे की जगह नुकसान करा सकती है। अगर आप अच्छी सेहत के लिए ग्रीन टी पीना शुरू करना चाहते हैं तो पहले यह जान लें कि किन लोगों को ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए और इसके क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं।(Photo credit):iStock
एसिड रिफ्लक्स की समस्या में
ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पेट में एसिड की मात्रा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अगर आप खाली पेट ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो इसके कारण ब्लोटिंग, कब्ज और और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा ऐसा करने से अल्सर की भी शिकायत हो सकती है। जिन लोगों को गैस्ट्राइटिस, पेप्टिक अल्सर और सेंसिटिव डाइजेशन की समस्या है उन्हें ग्रीन टी का सेवन खाने के बाद या खाने के बीच में ही करना चाहिए।
कैफीन के प्रति सेंसेटिव

यदि आप कैफीन के प्रति स्वाभाविक रूप से संवेदनशील है तो कम मात्रा में भी इसका सेवन आपकी समस्याएं बढ़ा सकता है। इससे बेचैनी, हार्टबीट का बढ़ना, अस्थिरता आदि जैसी परेशानियां हो सकती है। ज्यादा कैफीन से कैल्शियम का अवशोषण कम हो सकता है जिससे समय के साथ हड्डियां भी कमजोर हो सकती है। अगर आपको ग्रीन टी पीना पसंद है तो आप कैफीन रहित और हर्बल ग्रीन टी ही चुनें।
आयरन की कमी
ग्रीन टी बॉडी की नॉन हीम आयरन के अवशोषण की क्षमता को प्रभावित करती है। नॉन हीम आयरन पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, फलियां आदि में पाए जाने वाला एक प्रकार का आयरन होता है। हीम आयरन की तुलना में यह आसानी से अवशोषित नहीं हो पता है। जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत होती है ग्रीन टी पीने से उनकी थकान की समस्या और बढ़ सकती है। कमजोरी और थकान रहने पर सीमित मात्रा में ही ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।
प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग करने वाली महिलाएं
प्रेगनेंसी के दौरान या ब्रेस्टफीडिंग वाली महिलाओं को अधिक ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। इसमें कैफीन पाया जाता है जो मिसकैरेज के खतरे को बढ़ा सकता है, साथ ही बच्चे की ग्रोथ पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटैचिन फोलिक एसिड के अवशोषण को बाधित कर सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस दौरान महिलाओं को एक दिन में दो कप से ज्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए।
बच्चों के लिए नहीं है ग्रीन टी
बच्चों को ग्रीन टी देने से बचना चाहिए। इससे उनके नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। वहीं इसमें मौजूद टैनिन जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन और फैट के अवशोषण को बाधित करते हैं जो बच्चों के ग्रोथ और विकास के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चों को रोजाना और अधिक मात्रा में ग्रीन टी नहीं दी जाए।
ग्रीन टी के साइड इफेक्ट्स
-सिर दर्द और माइग्रेन
-घबराहट और बैचेनी
-अनिद्रा या कम नींद आना
-जी मिचलाना
-तेज या अनियमित दिल की धड़कन
-हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लक्स
-चक्कर आना और हल्का सिर दर्दडिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।
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