भीमाशंकर मंदिर

भीमाशंकर पुणे से लगभग 110 किमी दूर है और सह्याद्री पहाड़ियों की हरी-भरी हरियाली में मंदिर 3,250 फ़ुट की ऊंचाई पर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 230 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव राक्षस त्रिपुरासुर का वध करने के लिए यहां प्रकट हुए थे। बता दें, भीमाशंकर मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक है। मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है और शाम 9:30 बजे बंद हो जाता है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर
त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग मन्दिर महाराष्ट्र-प्रांत के नासिक जिले में त्रयंबक गांव में स्थित है, जो गोदावरी नदी का उद्गम स्थल भी है। बता दें, यह मंदिर सभी ज्योतिर्लिंगों में एक अद्वितीय स्थान रखता है, क्योंकि यहां शिवलिंग केवल एक नहीं बल्कि तीन मुख वाला है - जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतीक है। मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए थे, यानी इसे किसी ने यहां स्थापित नहीं किया था। अगर आप यहां आ रहे हैं, तो बता दें, त्र्यंबकेश्वर मंदिर के दर्शन सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक होते हैं। मंदिर हर दिन खुला रहता है।
घृष्णेश्वर मंदिर
घृष्णेश्वर औरंगाबाद में एलोरा गुफाओं के पास स्थित ‘अंतिम ज्योतिर्लिंग’ मंदिर है, जिसे लगभग 3,000 साल पुराना माना गया है। आपको बता दें, इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए जहां पुरुषों को अपने ऊपर के कपड़े उतारने पड़ते हैं। इसके साथ मंदिर में बेल्ट, पर्स जैसी चीजें नहीं लेकर जा सकते। अगर आप मंदिर के दर्शन करने आ रहे हैं तो बता दें, घृष्णेश्वर मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए सुबह 04:00 बजे से खुल जाता है और रात के 10 बजे तक खुला रहता है।
औंधा नागनाथ मंदिर
शिव का यह प्राचीन मंदिर महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में है और कहा जाता है कि यह प्राचीन ग्रंथों में वर्णित मूल नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर को लगभग 1000 साल पुराना माना गया है और इस मंदिर का संबंध महाभारत के पांडवों से है ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपने वनवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण कराया था। अगर आप यहां आने का सोच रहे हैं तो बता दें, औंधा नागनाथ मंदिर के दर्शन सुबह 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक होते हैं।
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