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राम मंदिर में ध्वजारोहण: 22 फीट लंबाई, 11 फीट चौड़ाई, 11 किलो वजन... पैराशूट फैब्रिक ध्वज की जानिए खासियत

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अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य और शिखर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद ध्वजारोहण की तैयारी है। भगवान राम के प्रति लोगों की आस्था काफी ज्यादा है। ऐसे में उनके मंदिर पर फहराने वाला ध्वज धर्म ध्वजा होगी। राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। वह ध्वजा लहराएंगे। पीएम मोदी के राम मंदिर पर फहराई जाने वाली ध्वजा अपने आप में खास होगी। यह ऐसी ध्वजा होगी, जो मौसम की मार से प्रभावित नहीं होगी। दावा किया जा रहा है कि इस ध्वजा का निर्माण पैराशूट फैब्रिक से किया जा सकता है। दरअसल, पैराशूट फैब्रिक हवा के भारी दबाव को झेलने वाली होती है। साथ ही, यह लंबे समय तक मौसम और हवा की मार से भी प्रभावित नहीं होती है।

205 फीट पर लहराएगा ध्वजराम मंदिर के शिखर पर लगाया जाने वाला ध्वज 205 फीट की ऊंचाई पर लहराएगा। इस ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट निर्धारित की गई है। ध्वज का वजन करीब 11 किलोग्राम है। इस ध्वज को फहराने के लिए नायलॉन की मोटी रस्सी का प्रयोग किया जाएगा। दरअसल, राम मंदिर के शिखर की ऊंचाई 161 फीट है। इस पर 44 फीट लंबा ध्वज दंड लगाया गया है। इस प्रकार शिखर की कुल ऊंचाई 205 फीट हो गई है। इस ध्वज में एक चक्र भी लगाया गया है। इससे यह 360 डिग्री पर घूम सकेगा।

रामराज्य के राजकीय चिह्न का प्रयोगमंदिर पर फहराने वाली ध्वजा अपने आपमें खास होगी। यह रामराज्य की परिकल्पना को साकार करती दिखेगी। दरअसल, इस ध्वज पर राम राज्य के राजकीय चिह्न कोविदार वृक्ष के साथ-साथ सूर्यवंश के प्रतीक भगवान सूर्य और समन्वय के प्रतीक ओंकार का चिह्न भी अंकित किया जाएगा इसका रंग भगवा यानी केसरिया होगा। पीएम मोदी 25 नवंबर को ध्वजारोहण करेंगे। भारतीय सेना के जवानों ने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का रिहर्सल शुरू कर दिया है। वे ध्वजारोहण के दिन पीएम मोदी की सहायता में मौजूद रहेंगे।

प्रयोगशाला में परीक्षण शुरूध्वज को हवा के थपेड़ों की सहन करने की क्षमता और फायर प्रूफ बनाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने प्रयोगशाला में परीक्षण शुरू कर दिया है। इसकी रिपोर्ट आना बाकी है। माना जा रहा है कि भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान इसकी रिपोर्ट आ सकती है। बैठक के पहले दिन चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

आठ हजार अतिथियों को आमंत्रणभवन निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह में 8000 अतिथियों का आमंत्रित किया जा रहा है। इन सभी को एक दिन पहले अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। इसके साथ सुरक्षा मानकों के पालन के लिए 2 घंटे पहले स्थान ग्रहण करने का भी निर्देश दिया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तर्ज पर व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, इस बार अंतर यह रहेगा कि यूपी के अतिथियों की संख्या सबसे अधिक रहेगी। इसके बाद ही भी समझ में चुनिंदा हस्तियों को बुलावा भेजा जा रहा है। इन लोगों को प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित नहीं किया जा सका था।

25 नवंबर को समारोह की तिथि पर प्रथम सत्र में रामलला का दर्शन आम श्रद्धालुओं को नहीं हो सकेगा। दूसरे सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी की वापसी के बाद दर्शन की व्यवस्था पर मंथन चल रहा है। दरअसल, 25 नवंबर को विवाह पंचमी है। इस मौके पर श्री सीताराम विवाह उत्सव मंदिर बनाया जाता है। दर्जनों मंदिरों से भगवान राम और उनके अनुजों की बारात भी धूमधाम से निकल जाती है।

26 नवंबर से सुचारू दर्शनश्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदेन सदस्य और भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्र का कहना है कि आम श्रद्धालुओं को ध्वजारोहण समारोह के अगले दिन से रामलला के दर्शन के साथ परकोटे के सभी छह मंदिरों, शेषावतार मंदिर और सप्तमंडप सहित कुबेर टीला में भी दर्शन सुलभ कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे परिसर में घूमने के लिए एक दिन की संख्या निर्धारित की जा रही है। चेयरमैन ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह है कि मंदिर में जो भी निर्माण हुआ है, श्रद्धालु सुगमता से उसको देख सकें।
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