लेखक: पीएस वोहरा
विश्व की अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भारत में बीते दिनों चिकित्सा के क्षेत्र में डायग्नोस्टिक के अंतर्गत प्रवेश किया है। हालांकि अमेजन पहले से ही भारत में दवाओं के वितरण और चिकित्सकों के परामर्श की सुविधा उपलब्ध करवा रही है, जिसे अमेजन फार्मेसी व अमेजन कंसल्टेंसी के नाम से पहचाना जाता है। डायग्नोस्टिक से जुड़ी यह नई सुविधा अमेजन ने देश के 6 बड़े शहरों - दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई में उपलब्ध करवाई है। इसके पीछे ई-कॉमर्स कंपनी का मकसद भारत के हेल्थ केयर सेक्टर के तहत अपनी पहचान को स्थापित करना है।
छह घंटे में जांच रिपोर्ट: इस सेवा के तहत 800 प्रकार की विभिन्न बीमारियों की जांच हेतु मरीज के विभिन्न प्रकार के सैंपल का संग्रहण उनके घर से बुकिंग के 60 मिनट के भीतर करने और 6 घंटे से पूर्व ही उनकी मेडिकल रिपोर्ट को डिजिटल माध्यम से मरीज तक पहुंचाने की बात है। इससे संबंधित सभी सुविधाएं कंपनी अपने मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से ग्राहकों को दे रही है। भारत में चिकित्सा क्षेत्र वर्तमान में तकरीबन 400 बिलियन डॉलर का है। इसमें डायग्नोस्टिक क्षेत्र 10 से 12 बिलियन डॉलर का माना जाता है। एक स्टडी के मुताबिक आने वाले 5 वर्षों में इस क्षेत्र में 15% से अधिक वृद्धि की संभावना है।
कोरोना में शुरू हुआ चलन: घर बैठे बीमारियों की जांच करवाने का चलन मुख्यतया कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुआ। उसके बाद धीरे-धीरे इसने एक जरूरत का रूप ले लिया। बड़े शहरों में इसकी जरूरत का मुख्य कारण समय की कमी, ट्रैफिक की समस्या और एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी है। हालांकि भारत में घर बैठे ही मेडिकल टेस्ट कराने की सुविधा बड़े शहरों में काफी समय से उपलब्ध है। डॉ. लाल पैथ लैब, थार केयर, मेट्रोपोलिस आदि ये सुविधाएं देने वाले कुछ मशहूर नाम हैं।
डिस्काउंट से परहेज: अमेजन ने इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए ऑरेंज हेल्थ लैब के साथ समझौता किया है। ऑरेंज हेल्थ लैब की स्थापना कोरोना के दौरान ही वर्ष 2021 में हुई और यह स्टार्टअप अब तक तकरीबन 10 लाख लोगों को मेडिकल टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवा चुका है। ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अक्सर डिस्काउंट का सहारा लेती हैं लेकिन अमेजन के कुछ अधिकारियों के वक्तव्यों से ऐसा स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि इस क्षेत्र में डिस्काउंट या छूट देना उनकी व्यापारिक रणनीति नहीं होगी।
बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर: अमेजन का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट उसका बहुत बड़ा तकनीकी प्लैटफॉर्म है, जिसके माध्यम से वह पहले से भारत में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के क्रय-विक्रय में ऑनलाइन संलग्न है। उसकी दूसरी विशेषता डिलिवरी बॉय की संख्या है। ऑरेंज हेल्थ लैब के पास चिकित्सा के क्षेत्र में लैब का एक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी है। इसलिए इस बात की बहुत संभावना है कि डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में अमेजन को आने वाले समय में काफी लाभ हो। दूसरे बड़े शहरों और राजधानियों में भी उसकी तेजी से पहुंच बनने के आसार हैं।
ओपीडी में बदलाव के आसार: डॉ. लाल पैथ लैब और अन्य संस्थान जो इस क्षेत्र में पहले से हैं, वे सब भी इस नए घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। स्वाभाविक ही उनके नई रणनीतियों के साथ आगे आने के आसार हैं। दूसरी तरफ अस्पतालों की ओपीडी में भी अब परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं क्योंकि वहां मरीजों को जांच कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। वैसे एक तथ्य यह भी है कि अमेजन के फार्मेसी सेगमेंट के संबंध में कई बड़े शहरों में नकारात्मक रुख है। पाया गया है कि कई मरीजों को दवाएं समय पर नहीं मिलतीं और इसके चलते उनका अमेजन से विश्वास टूटा है।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं)
विश्व की अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भारत में बीते दिनों चिकित्सा के क्षेत्र में डायग्नोस्टिक के अंतर्गत प्रवेश किया है। हालांकि अमेजन पहले से ही भारत में दवाओं के वितरण और चिकित्सकों के परामर्श की सुविधा उपलब्ध करवा रही है, जिसे अमेजन फार्मेसी व अमेजन कंसल्टेंसी के नाम से पहचाना जाता है। डायग्नोस्टिक से जुड़ी यह नई सुविधा अमेजन ने देश के 6 बड़े शहरों - दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई में उपलब्ध करवाई है। इसके पीछे ई-कॉमर्स कंपनी का मकसद भारत के हेल्थ केयर सेक्टर के तहत अपनी पहचान को स्थापित करना है।
छह घंटे में जांच रिपोर्ट: इस सेवा के तहत 800 प्रकार की विभिन्न बीमारियों की जांच हेतु मरीज के विभिन्न प्रकार के सैंपल का संग्रहण उनके घर से बुकिंग के 60 मिनट के भीतर करने और 6 घंटे से पूर्व ही उनकी मेडिकल रिपोर्ट को डिजिटल माध्यम से मरीज तक पहुंचाने की बात है। इससे संबंधित सभी सुविधाएं कंपनी अपने मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से ग्राहकों को दे रही है। भारत में चिकित्सा क्षेत्र वर्तमान में तकरीबन 400 बिलियन डॉलर का है। इसमें डायग्नोस्टिक क्षेत्र 10 से 12 बिलियन डॉलर का माना जाता है। एक स्टडी के मुताबिक आने वाले 5 वर्षों में इस क्षेत्र में 15% से अधिक वृद्धि की संभावना है।
कोरोना में शुरू हुआ चलन: घर बैठे बीमारियों की जांच करवाने का चलन मुख्यतया कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुआ। उसके बाद धीरे-धीरे इसने एक जरूरत का रूप ले लिया। बड़े शहरों में इसकी जरूरत का मुख्य कारण समय की कमी, ट्रैफिक की समस्या और एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी है। हालांकि भारत में घर बैठे ही मेडिकल टेस्ट कराने की सुविधा बड़े शहरों में काफी समय से उपलब्ध है। डॉ. लाल पैथ लैब, थार केयर, मेट्रोपोलिस आदि ये सुविधाएं देने वाले कुछ मशहूर नाम हैं।
डिस्काउंट से परहेज: अमेजन ने इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए ऑरेंज हेल्थ लैब के साथ समझौता किया है। ऑरेंज हेल्थ लैब की स्थापना कोरोना के दौरान ही वर्ष 2021 में हुई और यह स्टार्टअप अब तक तकरीबन 10 लाख लोगों को मेडिकल टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवा चुका है। ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अक्सर डिस्काउंट का सहारा लेती हैं लेकिन अमेजन के कुछ अधिकारियों के वक्तव्यों से ऐसा स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि इस क्षेत्र में डिस्काउंट या छूट देना उनकी व्यापारिक रणनीति नहीं होगी।
बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर: अमेजन का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट उसका बहुत बड़ा तकनीकी प्लैटफॉर्म है, जिसके माध्यम से वह पहले से भारत में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के क्रय-विक्रय में ऑनलाइन संलग्न है। उसकी दूसरी विशेषता डिलिवरी बॉय की संख्या है। ऑरेंज हेल्थ लैब के पास चिकित्सा के क्षेत्र में लैब का एक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी है। इसलिए इस बात की बहुत संभावना है कि डायग्नोस्टिक के क्षेत्र में अमेजन को आने वाले समय में काफी लाभ हो। दूसरे बड़े शहरों और राजधानियों में भी उसकी तेजी से पहुंच बनने के आसार हैं।
ओपीडी में बदलाव के आसार: डॉ. लाल पैथ लैब और अन्य संस्थान जो इस क्षेत्र में पहले से हैं, वे सब भी इस नए घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। स्वाभाविक ही उनके नई रणनीतियों के साथ आगे आने के आसार हैं। दूसरी तरफ अस्पतालों की ओपीडी में भी अब परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं क्योंकि वहां मरीजों को जांच कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। वैसे एक तथ्य यह भी है कि अमेजन के फार्मेसी सेगमेंट के संबंध में कई बड़े शहरों में नकारात्मक रुख है। पाया गया है कि कई मरीजों को दवाएं समय पर नहीं मिलतीं और इसके चलते उनका अमेजन से विश्वास टूटा है।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं)
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