राम बाबू मित्तल, सहारनपुर: देश की खुफिया एजेंसियों और पुलिस विभागों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर नौगाम पुलिस ने गुरुवार देर रात सहारनपुर में छापा मारकर एक निजी अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉ. आदिल अहमद को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि डॉ. आदिल ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के नौगाम क्षेत्र में पोस्टर लगाए थे। श्रीनगर पुलिस की जांच में उसका नाम सामने आने के बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी करते हुए उसे कश्मीर रवाना कर दिया गया।
श्रीनगर से सहारनपुर तक
सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर के नौगाम थाना पुलिस ने स्थानीय सहारनपुर पुलिस से समन्वय कर अंबाला रोड स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में छापा मारा। यहां डॉ. आदिल को हिरासत में लिया गया। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेकर सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी। बताया जाता है कि श्रीनगर के नौगाम थाना क्षेत्र में 16 अक्टूबर 2025 को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों की जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में एक युवक की तस्वीर मिली, जिसकी पहचान डॉ. आदिल के रूप में की गई।
नौगाम पुलिस को कश्मीर के अनंतनाग उसके घर पहुंची, जहां से उन्हें सहारनपुर का पता मिला था। इस मामले में नौगाम थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर संख्या 162/2025 दर्ज की थी। आरोपियों पर यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) की धाराओं 13, 28, 38, 39 समेत 7/25 ए एक्ट और बीएनएसएस की धारा 351(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। नौगाम पुलिस ने डॉक्टर आदिल अहमद से पूछताछ के बाद उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से श्रीनगर पुलिस को उसकी ट्रांजिट रिमांड मिल गई, जो उसे आगे की जांच के लिए वापस ले गई है।
डॉक्टर की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डॉ. आदिल अहमद अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं और फिलहाल सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वे दिल्ली रोड स्थित एक अन्य निजी अस्पताल में भी कार्य कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही सप्ताह पहले डॉ. आदिल ने एक महिला चिकित्सक से निकाह किया था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी की खबर के बाद उनकी पत्नी भी सदमे में है।
खुफिया एजेंसियां सतर्क, वेस्ट यूपी में बढ़ी हलचल
सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस और जांच एजेंसियों ने डॉ. आदिल के मोबाइल फोन, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह किसी आतंकी मॉड्यूल या नेटवर्क के संपर्क में था। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियां इस पहलू की गहन जांच कर रही हैं कि डॉ. आदिल ने सहारनपुर को ही रहने और नौकरी करने के लिए क्यों चुना, जबकि वह कश्मीर का रहने वाला था। सवाल यह भी उठ रहा है, कि क्या यह महज संयोग था या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी बड़े आतंकी नेटवर्क की तैयारी चल रही थी?
देवबंद, मुजफ्फरनगर और मेरठ आसपास के जिलों पर नजर
खुफिया सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां अब डॉ. आदिल के संपर्कों को देवबंद, मुजफ्फरनगर, शामली, कैराना, बिजनौर, मेरठ, बुलंदशहर और हापुड़ तक खंगाल रही हैं। खुफिया विभाग को आशंका है कि जैश-ए-मोहम्मद पश्चिमी यूपी में स्लीपर सेल तैयार करने की कोशिश कर सकता है और डॉ. आदिल इस नेटवर्क का एक हिस्सा रहा हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है, जो अधिकारियों की जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। वहीं, डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद सहारनपुर पुलिस, एटीएस और खुफिया विभाग अलर्ट मोड पर है।
श्रीनगर से सहारनपुर तक
सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर के नौगाम थाना पुलिस ने स्थानीय सहारनपुर पुलिस से समन्वय कर अंबाला रोड स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में छापा मारा। यहां डॉ. आदिल को हिरासत में लिया गया। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेकर सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी। बताया जाता है कि श्रीनगर के नौगाम थाना क्षेत्र में 16 अक्टूबर 2025 को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों की जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में एक युवक की तस्वीर मिली, जिसकी पहचान डॉ. आदिल के रूप में की गई।
नौगाम पुलिस को कश्मीर के अनंतनाग उसके घर पहुंची, जहां से उन्हें सहारनपुर का पता मिला था। इस मामले में नौगाम थाना पुलिस ने इस मामले में एफआईआर संख्या 162/2025 दर्ज की थी। आरोपियों पर यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) की धाराओं 13, 28, 38, 39 समेत 7/25 ए एक्ट और बीएनएसएस की धारा 351(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। नौगाम पुलिस ने डॉक्टर आदिल अहमद से पूछताछ के बाद उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से श्रीनगर पुलिस को उसकी ट्रांजिट रिमांड मिल गई, जो उसे आगे की जांच के लिए वापस ले गई है।
डॉक्टर की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
डॉ. आदिल अहमद अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं और फिलहाल सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले वे दिल्ली रोड स्थित एक अन्य निजी अस्पताल में भी कार्य कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही सप्ताह पहले डॉ. आदिल ने एक महिला चिकित्सक से निकाह किया था। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी की खबर के बाद उनकी पत्नी भी सदमे में है।
खुफिया एजेंसियां सतर्क, वेस्ट यूपी में बढ़ी हलचल
सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस और जांच एजेंसियों ने डॉ. आदिल के मोबाइल फोन, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या वह किसी आतंकी मॉड्यूल या नेटवर्क के संपर्क में था। सूत्रों के अनुसार, एजेंसियां इस पहलू की गहन जांच कर रही हैं कि डॉ. आदिल ने सहारनपुर को ही रहने और नौकरी करने के लिए क्यों चुना, जबकि वह कश्मीर का रहने वाला था। सवाल यह भी उठ रहा है, कि क्या यह महज संयोग था या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी बड़े आतंकी नेटवर्क की तैयारी चल रही थी?
देवबंद, मुजफ्फरनगर और मेरठ आसपास के जिलों पर नजर
खुफिया सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां अब डॉ. आदिल के संपर्कों को देवबंद, मुजफ्फरनगर, शामली, कैराना, बिजनौर, मेरठ, बुलंदशहर और हापुड़ तक खंगाल रही हैं। खुफिया विभाग को आशंका है कि जैश-ए-मोहम्मद पश्चिमी यूपी में स्लीपर सेल तैयार करने की कोशिश कर सकता है और डॉ. आदिल इस नेटवर्क का एक हिस्सा रहा हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है, जो अधिकारियों की जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। वहीं, डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद सहारनपुर पुलिस, एटीएस और खुफिया विभाग अलर्ट मोड पर है।
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