भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरपंच महासम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें शामिल होने के लिए प्रेदश मुखिया डॉ मोहन यादव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सरपंचों को संबोधित करते समय अधिकारियों और पंचायत व्यवस्था पर बड़ा बयान दिया। सीएम ने कहा कि एक बात समझ लो कोई अगर काम नहीं करेगा तो उसे हटा देंगे। सचिव-सहायक सचिव इनकी क्या औकात? इसके आगे उन्होंने कहा कि सरंपच के मामले में कोई दिक्कत आ रही है और सरकार ने कोई निर्णय लिया है तो उसे ठीक करने का काम हमारा है।
भरे मंच से अधिकारियों को चेतावनी देने के बाद सीएम ने कहा कि जब भी सरकार के स्तर पर कोई निर्णय होगा तो उसके संचालन में कठिनाई आएगी तो उसे हल करने का काम सरकार का है। उन्होंने आगे कहा कि इतने बड़े देश में पीएम मोदी 10-11 सालों में कितने प्रकार से न जाने कितनी चीजों की चिंता की है। इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर हमको भरोसा है। जब लाल सलाम को आखिरी सलाम हो रहा है तो ये कहां लगेंगे जो भी होंगे सब ठिकाने लगेंगे।
दिल्ली ब्लास्ट पर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरूआत में सीएम मोहन यादव ने दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौन के पहले सीएम ने कहा कि हमें कल की घटना को भूलना नहीं है। देश की प्रगति और बढ़ने वाले कदम दुनिया में अलग प्रकार से निकल रहे हैं। ऐसे में दुश्मन भी पता नहीं, कितने प्रकार के प्रयास करते हैं।
सरपंचों की पावर को लेकर कही बड़ी बात
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों, पदाधिकारियों की मौजूदगी में मंच से सीएम ने कहा कि आपके जो विषय आए हैं उनके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से आपके साथ है। जो हमारे बीच में तय होगा, उस व्यवस्थाओं के परिपालन करने का काम ये सरकार के माध्यम से निश्चित रूप से होगा। ये बात तो सही है जब सरपंच के सामने बैठेंगे तो सचिव, सहायक सचिव या रोजगार सहायक को भी आना ही चाहिए, इनके बिना बात थोड़े बनती है।
सरपंच जितनी पावर बड़े पदों के पास भी नहीं
त्रिस्तरीय शासन प्रणाली में जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हमको दिखते भले हैं, नगर पालिका नगर निगम ये दिखते हैं, लेकिन ये जो आपको जो पावर हैं वो पावर तो इतने बडे़-बडे़ पद वालों को भी नहीं हैं। एक सरपंच जो पंचायत के लिए कर सकता है वो कोई नहीं कर सकता। पंचायत के नीचे तक की प्रणाली इतनी अच्छी है कि इस व्यवस्था के आधार पर एक सरपंच के माध्यम से एक-एक घर की गिनती हो जाती है। गांवों को भविष्य में कहां लेकर जाना है। इसमें भी शंका नहीं है।
भरे मंच से अधिकारियों को चेतावनी देने के बाद सीएम ने कहा कि जब भी सरकार के स्तर पर कोई निर्णय होगा तो उसके संचालन में कठिनाई आएगी तो उसे हल करने का काम सरकार का है। उन्होंने आगे कहा कि इतने बड़े देश में पीएम मोदी 10-11 सालों में कितने प्रकार से न जाने कितनी चीजों की चिंता की है। इसलिए हमारे देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर हमको भरोसा है। जब लाल सलाम को आखिरी सलाम हो रहा है तो ये कहां लगेंगे जो भी होंगे सब ठिकाने लगेंगे।
दिल्ली ब्लास्ट पर दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरूआत में सीएम मोहन यादव ने दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौन के पहले सीएम ने कहा कि हमें कल की घटना को भूलना नहीं है। देश की प्रगति और बढ़ने वाले कदम दुनिया में अलग प्रकार से निकल रहे हैं। ऐसे में दुश्मन भी पता नहीं, कितने प्रकार के प्रयास करते हैं।
सरपंचों की पावर को लेकर कही बड़ी बात
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों, पदाधिकारियों की मौजूदगी में मंच से सीएम ने कहा कि आपके जो विषय आए हैं उनके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से आपके साथ है। जो हमारे बीच में तय होगा, उस व्यवस्थाओं के परिपालन करने का काम ये सरकार के माध्यम से निश्चित रूप से होगा। ये बात तो सही है जब सरपंच के सामने बैठेंगे तो सचिव, सहायक सचिव या रोजगार सहायक को भी आना ही चाहिए, इनके बिना बात थोड़े बनती है।
सरपंच जितनी पावर बड़े पदों के पास भी नहीं
त्रिस्तरीय शासन प्रणाली में जो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हमको दिखते भले हैं, नगर पालिका नगर निगम ये दिखते हैं, लेकिन ये जो आपको जो पावर हैं वो पावर तो इतने बडे़-बडे़ पद वालों को भी नहीं हैं। एक सरपंच जो पंचायत के लिए कर सकता है वो कोई नहीं कर सकता। पंचायत के नीचे तक की प्रणाली इतनी अच्छी है कि इस व्यवस्था के आधार पर एक सरपंच के माध्यम से एक-एक घर की गिनती हो जाती है। गांवों को भविष्य में कहां लेकर जाना है। इसमें भी शंका नहीं है।
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