गाजियाबाद: हाईराइज सोसायटियों में पार्किंग प्रबंधन की लापरवाही अब सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है। कई सोसायटियों में RWA ने पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए MyGate ऐप और स्टिकर सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं लागू की है, लेकिन इसके बावजूद बाहरी और बिना स्टिकर वाली गाड़ियों का प्रवेश आम बात हो गया है। हाल ही में सिद्धार्थ विहार स्थित टीएंडटी होम्स सोसायटी में चोर दिल्ली से चोरी की गई कार को सोसायटी की पार्किंग में खड़ी कर लिफ्ट में कपड़े बदलकर फरार हो गए।
इस घटना ने सोसायटी की सुरक्षा-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। वहीं कई पार्किंग में गाड़ियां महीनों तक खड़ी रहती है। अब पार्किंग में खड़े वाहन सुरक्षा के लिए खतरा न बन जाए इसके लिए पुलिस के साथ आरडब्ल्यू और सोसायटी की सिक्युरिटी एजेंसी संयुक्त रूप से जिम्मा संभालेगी। अडिशनल सीपी (यातायात व लॉ एंड ऑर्डर) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि वाहन चोरी रोकथाम के तहत चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा।
1. My Gate और स्टिकर सिस्टम के बावजूद बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ियां आसानी से अंदर आ जाती है
2. हाल ही में सिद्धार्थ विहार की टीएंडटी होम्स सोसायटी में दिल्ली से चोरी की गई कार यहां की पार्किंग में खड़ी मिली थी
3. अब पुलिस के साथ ही RWA और सिक्युरिटी एजेंसी संभालेंगी सुरक्षा की जिम्मेदारी
RWA की निगरानी व्यवस्था पर सवाल
अमूमन सोसायटियों में पार्किंग स्टिकर अनिवार्य होने के बावजूद कई गाड़ियां बिना स्टिकर के देखी जा सकती है। वहीं, कुछ निवासियों के स्थानांतरित होने के बाद भी उनकी पुरानी गाड़ियां महीनों तक सोसायटी में खड़ी रहती है। RWA द्वारा ऐसे वाहनों की पहचान और डंप वीकल ड्राइव चलाने का दावा किया जाता है, लेकिन वास्तविक मॉनिटरिंग कमजोर दिखाई देती है।
250 रेजिडेंशल सोसायटी हैं ज़िले में
जिले में 250 से अधिक रेजिडेंशल सोसायटियां और 11 नगर निगम की पार्किंग है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन की पार्किंग भी है। आरडब्ल्यू फेडरेशन ऑफ गाजियाबाद, कन्फेडरेशन ऑफ ट्रांस हिंडन और आरडब्ल्यूए का कहना है कि अगर पुलिस इन पार्किगों में सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर नियमित जांच करे तो चोरी हुई कई गाड़ियां बरामद हो सकती है।
टीआई और टीएसआई अपने क्षेत्र की सभी पार्किंग में अभियान चलाएंगे
अडिशनल सीपी (यातायात व लॉ एंड ऑर्डर) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि सभी टीआई और टीएसआई को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र की सभी पार्किंग में अभियान चलाएं। सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर लंबे समय से खड़ी गाड़ियों की जांच करें। नगर निगम को भी पत्र भेजा गया है ताकि निगम पार्किंग की जांच की जा सके। वही पुलिस के साथ ही संबंधित सोसायटी की आरडब्ल्यूए और सोसायटी की सिक्युरिटी एजेंसी की भी जिम्मेदारी तय होगी।
पहले छिपाते हैं फिर मौका देख ले जाते हैं
कमिश्नरेट गाजियाबाद में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ रही है, जबकि रिकवरी दर कम है। मेरठ के सोतीगंज वाहन कटान बाजार बंद होने के बाद अब चोर विभिन्न जगहों पर वाहन छिपाने लगे है।
इस घटना ने सोसायटी की सुरक्षा-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। वहीं कई पार्किंग में गाड़ियां महीनों तक खड़ी रहती है। अब पार्किंग में खड़े वाहन सुरक्षा के लिए खतरा न बन जाए इसके लिए पुलिस के साथ आरडब्ल्यू और सोसायटी की सिक्युरिटी एजेंसी संयुक्त रूप से जिम्मा संभालेगी। अडिशनल सीपी (यातायात व लॉ एंड ऑर्डर) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि वाहन चोरी रोकथाम के तहत चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा।
1. My Gate और स्टिकर सिस्टम के बावजूद बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ियां आसानी से अंदर आ जाती है
2. हाल ही में सिद्धार्थ विहार की टीएंडटी होम्स सोसायटी में दिल्ली से चोरी की गई कार यहां की पार्किंग में खड़ी मिली थी
3. अब पुलिस के साथ ही RWA और सिक्युरिटी एजेंसी संभालेंगी सुरक्षा की जिम्मेदारी
RWA की निगरानी व्यवस्था पर सवाल
अमूमन सोसायटियों में पार्किंग स्टिकर अनिवार्य होने के बावजूद कई गाड़ियां बिना स्टिकर के देखी जा सकती है। वहीं, कुछ निवासियों के स्थानांतरित होने के बाद भी उनकी पुरानी गाड़ियां महीनों तक सोसायटी में खड़ी रहती है। RWA द्वारा ऐसे वाहनों की पहचान और डंप वीकल ड्राइव चलाने का दावा किया जाता है, लेकिन वास्तविक मॉनिटरिंग कमजोर दिखाई देती है।
250 रेजिडेंशल सोसायटी हैं ज़िले में
जिले में 250 से अधिक रेजिडेंशल सोसायटियां और 11 नगर निगम की पार्किंग है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन की पार्किंग भी है। आरडब्ल्यू फेडरेशन ऑफ गाजियाबाद, कन्फेडरेशन ऑफ ट्रांस हिंडन और आरडब्ल्यूए का कहना है कि अगर पुलिस इन पार्किगों में सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर नियमित जांच करे तो चोरी हुई कई गाड़ियां बरामद हो सकती है।
टीआई और टीएसआई अपने क्षेत्र की सभी पार्किंग में अभियान चलाएंगे
अडिशनल सीपी (यातायात व लॉ एंड ऑर्डर) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि सभी टीआई और टीएसआई को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र की सभी पार्किंग में अभियान चलाएं। सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर लंबे समय से खड़ी गाड़ियों की जांच करें। नगर निगम को भी पत्र भेजा गया है ताकि निगम पार्किंग की जांच की जा सके। वही पुलिस के साथ ही संबंधित सोसायटी की आरडब्ल्यूए और सोसायटी की सिक्युरिटी एजेंसी की भी जिम्मेदारी तय होगी।
पहले छिपाते हैं फिर मौका देख ले जाते हैं
कमिश्नरेट गाजियाबाद में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ रही है, जबकि रिकवरी दर कम है। मेरठ के सोतीगंज वाहन कटान बाजार बंद होने के बाद अब चोर विभिन्न जगहों पर वाहन छिपाने लगे है।
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